मुजफ्फरनगर। जिला न्यायालय में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में तीन लाख 29 हजार 808 प्रकरण निस्तारित किए गए। विभिन्न बैंकों ने 1343 ऋण मामले निस्तारण कराकर लगभग 15 करोड़ 88 लाख 43 हजार रुपये की धनराशि का सेटलमेंट किया गया।
लोक अदालत का शुभारंभ जनपद न्यायाधीश विनय कुमार द्विवेदी ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। जिला जज ने कहा कि लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य वादकारियों को सरल, सुलभ एवं त्वरित न्याय प्रदान करना है। लोक अदालत में होने वाले फैसले में हार जीत का कोई प्रश्न नहीं रह जाता है, क्योंकि जब वादकारी आपसी समझौते के आधार पर वाद का निस्तारण करते हैं तो, उनके मध्य आपसी सौहार्द बना रहता है। साथ ही उनके अमूल्य समय की बचत भी होती है।
एमएसीटी की पीठासीन अधिकारी आदेश नैन ने कहा कि लोक अदालत के माध्यम से मोटर दुर्घटना प्रतिकर के मामलों के निस्तारण में तेजी आयी है। नोडल अधिकारी अपर जिला जज शक्ति सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत न्याय सबके लिए की परिकल्पना को चरितार्थ कर रही है। लोक अदालत विवादों को समझौते के माध्यम से निपटाने का एक महत्वपूर्ण मंच है और त्वरित न्याय प्राप्त करने का एक अत्यन्त महत्वपूर्ण साधन है।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव अनिल कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल तीन लाख 29 हजार 808 प्रकरण निस्तारित किए गए। बैंकों ने 1343 बैंक ऋण मामले निस्तारण कराकर लगभग 15 करोड़ 88 लाख 43 हजार रुपये की धनराशि का सेटलमेंट किया। दिव्यांगजनों को ट्राइसाइकिल वितरित की गई। लोक अदालत में पेंशन शिविर लगाने के साथ ही आने वाले समस्त वादकारियों के स्वास्थ्य परीक्षण की व्यवस्था को एक चिकित्सीय कैम्प भी लगाया गया।
जेल में निरुद्ध महिला बंदियों की ओर से बनाए गए विभिन्न प्रकार के उत्पादों के विक्रय को एक स्टॉल भी लगाया गया। इस अवसर पर अपर जनपद न्यायाधीश प्रथम रजनीश कुमार, अपर जिला जज गोपाल उपाध्याय, बाबूराम, कमलापति, अशोक कुमार, शाकिर हसन, सीताराम, हेमलता त्यागी, अलका भारती, कनिष्क कुमार सिंह, रितिश सचदेवा, रीमा मल्होत्रा, दिव्या भार्गव, अंजनी कुमार सिंह, मंजुला भलोटिया, नेहा गर्ग, निशान्त सिंगला, मनोज कुमार जाटव, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आकांक्षा गर्ग उपस्थित रहीं।मुजफ्फरनगर। जिला न्यायालय में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में तीन लाख 29 हजार 808 प्रकरण निस्तारित किए गए। विभिन्न बैंकों ने 1343 ऋण मामले निस्तारण कराकर लगभग 15 करोड़ 88 लाख 43 हजार रुपये की धनराशि का सेटलमेंट किया गया।
लोक अदालत का शुभारंभ जनपद न्यायाधीश विनय कुमार द्विवेदी ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। जिला जज ने कहा कि लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य वादकारियों को सरल, सुलभ एवं त्वरित न्याय प्रदान करना है। लोक अदालत में होने वाले फैसले में हार जीत का कोई प्रश्न नहीं रह जाता है, क्योंकि जब वादकारी आपसी समझौते के आधार पर वाद का निस्तारण करते हैं तो, उनके मध्य आपसी सौहार्द बना रहता है। साथ ही उनके अमूल्य समय की बचत भी होती है।
एमएसीटी की पीठासीन अधिकारी आदेश नैन ने कहा कि लोक अदालत के माध्यम से मोटर दुर्घटना प्रतिकर के मामलों के निस्तारण में तेजी आयी है। नोडल अधिकारी अपर जिला जज शक्ति सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत न्याय सबके लिए की परिकल्पना को चरितार्थ कर रही है। लोक अदालत विवादों को समझौते के माध्यम से निपटाने का एक महत्वपूर्ण मंच है और त्वरित न्याय प्राप्त करने का एक अत्यन्त महत्वपूर्ण साधन है।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव अनिल कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल तीन लाख 29 हजार 808 प्रकरण निस्तारित किए गए। बैंकों ने 1343 बैंक ऋण मामले निस्तारण कराकर लगभग 15 करोड़ 88 लाख 43 हजार रुपये की धनराशि का सेटलमेंट किया। दिव्यांगजनों को ट्राइसाइकिल वितरित की गई। लोक अदालत में पेंशन शिविर लगाने के साथ ही आने वाले समस्त वादकारियों के स्वास्थ्य परीक्षण की व्यवस्था को एक चिकित्सीय कैम्प भी लगाया गया।
जेल में निरुद्ध महिला बंदियों की ओर से बनाए गए विभिन्न प्रकार के उत्पादों के विक्रय को एक स्टॉल भी लगाया गया। इस अवसर पर अपर जनपद न्यायाधीश प्रथम रजनीश कुमार, अपर जिला जज गोपाल उपाध्याय, बाबूराम, कमलापति, अशोक कुमार, शाकिर हसन, सीताराम, हेमलता त्यागी, अलका भारती, कनिष्क कुमार सिंह, रितिश सचदेवा, रीमा मल्होत्रा, दिव्या भार्गव, अंजनी कुमार सिंह, मंजुला भलोटिया, नेहा गर्ग, निशान्त सिंगला, मनोज कुमार जाटव, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आकांक्षा गर्ग उपस्थित रहीं।मुजफ्फरनगर। जिला न्यायालय में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में तीन लाख 29 हजार 808 प्रकरण निस्तारित किए गए। विभिन्न बैंकों ने 1343 ऋण मामले निस्तारण कराकर लगभग 15 करोड़ 88 लाख 43 हजार रुपये की धनराशि का सेटलमेंट किया गया।
लोक अदालत का शुभारंभ जनपद न्यायाधीश विनय कुमार द्विवेदी ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। जिला जज ने कहा कि लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य वादकारियों को सरल, सुलभ एवं त्वरित न्याय प्रदान करना है। लोक अदालत में होने वाले फैसले में हार जीत का कोई प्रश्न नहीं रह जाता है, क्योंकि जब वादकारी आपसी समझौते के आधार पर वाद का निस्तारण करते हैं तो, उनके मध्य आपसी सौहार्द बना रहता है। साथ ही उनके अमूल्य समय की बचत भी होती है।
एमएसीटी की पीठासीन अधिकारी आदेश नैन ने कहा कि लोक अदालत के माध्यम से मोटर दुर्घटना प्रतिकर के मामलों के निस्तारण में तेजी आयी है। नोडल अधिकारी अपर जिला जज शक्ति सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत न्याय सबके लिए की परिकल्पना को चरितार्थ कर रही है। लोक अदालत विवादों को समझौते के माध्यम से निपटाने का एक महत्वपूर्ण मंच है और त्वरित न्याय प्राप्त करने का एक अत्यन्त महत्वपूर्ण साधन है।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव अनिल कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल तीन लाख 29 हजार 808 प्रकरण निस्तारित किए गए। बैंकों ने 1343 बैंक ऋण मामले निस्तारण कराकर लगभग 15 करोड़ 88 लाख 43 हजार रुपये की धनराशि का सेटलमेंट किया। दिव्यांगजनों को ट्राइसाइकिल वितरित की गई। लोक अदालत में पेंशन शिविर लगाने के साथ ही आने वाले समस्त वादकारियों के स्वास्थ्य परीक्षण की व्यवस्था को एक चिकित्सीय कैम्प भी लगाया गया।
जेल में निरुद्ध महिला बंदियों की ओर से बनाए गए विभिन्न प्रकार के उत्पादों के विक्रय को एक स्टॉल भी लगाया गया। इस अवसर पर अपर जनपद न्यायाधीश प्रथम रजनीश कुमार, अपर जिला जज गोपाल उपाध्याय, बाबूराम, कमलापति, अशोक कुमार, शाकिर हसन, सीताराम, हेमलता त्यागी, अलका भारती, कनिष्क कुमार सिंह, रितिश सचदेवा, रीमा मल्होत्रा, दिव्या भार्गव, अंजनी कुमार सिंह, मंजुला भलोटिया, नेहा गर्ग, निशान्त सिंगला, मनोज कुमार जाटव, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आकांक्षा गर्ग उपस्थित रहीं।