रविवार, 19 जुलाई 2020

शिवरात्रि विशेष 🙏ऎसे मनाइये भोले भर देंगे भंडार

आज सावन शिवरात्रि है. शिव और आदि शक्ति मां पार्वती के विवाह का दिन।


इस दिन व्रत रखकर भगवान शिव का जलाभिषेक किया जाता है. शिवरात्रि हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को आती है. लेकिन सावन में आने वाली शिवरात्रि का विशेष महत्व होता है. क्योंकि सावन शिव का महीना है, इसलिए इस महीने में पड़ने वाले हर त्योहार शिव पूजा के लिए खास हैं. शिवरात्रि पर भगवान शिव का जलाभिषेक और रुद्राभिषेक करने का विशेष महत्व होता है. इस दिन शिव भक्त व्रत रखते हैं. शिवरात्रि व्रत करने से भक्तों के सभी दुखों का नाश हो जाता है. सावन शिवरात्रि 19 जुलाई रविवार के दिन पड़ रहा है. शिवरात्रि हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को आती है. लेकिन सावन में आने वाली शिवरात्रि का विशेष महत्व होता है. क्योंकि सावन शिव का महीना है, इसलिए इस महीने में पड़ने वाले हर त्योहार शिव पूजा के लिए खास हैं. शिवरात्रि पर भगवान शिव का जलाभिषेक और रुद्राभिषेक करने का विशेष महत्व होता है. 


पीपल के पेड़ की भी करें पूजा


पीपल के पेड़ की पूजा करें. क्योंकि मान्यता है कि पीपल के पेड़ में भगवान शिव का वास माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि पेड़ के ऊपरी हिस्से में भगवान शिव का वास होता है. पीपल के वृक्ष में ही शनि देव भी विराजते हैं, इसलिए पीपल की पूजा करने से शनि के प्रकोप से भी रक्षा होती है. लिंग पुराण में बताया गया है कि शनिवार के दिन पीपल की पूजा करने से उम्र बढ़ती है. 


महामृत्युंजय मंत्र का करें 1 लाख बार जाप, रोग-दोष होंगे दूर 


शिवपुराण के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन अगर आप एक लाख बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते हैं तो आपको सारे पापों से मुक्ति मिल जाती है. इसके साथ ही आप रोग और दोष से मुक्त हो जाते हैं. नकारात्मक शक्तियों से आपके और आपके परिवार की रक्षा होती है.


 


सावन शिवरात्रि व्रत में इन चीजों को भूल कर भी न करें सेवन


सावन शिवरात्रि का व्रत रखने वाले इस बात का ध्यान रखें कि वे किसी भी प्रकार की खट्टी चीज का सेवन न करें. साथ ही इस दिन काले वस्त्र न धारण करें. पूरा दिन व्रत रखे हुए हैं तो भगवान शंकर और माता पार्वती का ध्यान करें और उनका भजन गाएं. जो व्रत न रखे हों वे भी घर में तामसी चीजें न लाएं. मांस के सेवन से बचें. दूसरे दिन भगवान भोलेनाथ और मां पार्वती की पूजन के बाद ही व्रत तोड़ें. 


ऐसे लगाएं भोग


सावन शिवरात्रि पर भोलेनाथ को तिल चढ़ाने से संपूर्ण पापों का नाश होता है. इसके अलावा शिव को गेहूं से बनीं वस्‍तुओं का भोग अर्पित करना भी शुभ माना जाता है, इसके अलावा ऐश्‍वर्य पाने की आकांक्षा से मूंग का भोग लगाएं. वहीं मनचाहा वर पाने के चने की दाल का भोग भी लगाया जाता है. 


शिवरात्रि पूजा सामग्री


महादेव मूर्ति के स्नान के लिए तांबे का पात्र, लोटा, दूध, अर्पित किए जाने वाले वस्त्र, चावल, अष्टगंध, दीपक, तेल, रुई, धूपबत्ती, चंदन, धतूरा, अकुआ के फूल, बिल्वपत्र, जनेऊ, फल, मिठाई, नारियल, पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद व शक्कर), सूखे मेवे, पान, दक्षिणा. 


कुंवारी कन्याओं को मिलता है विशेष लाभ


धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन शिवरात्रि का व्रत कुंवारी कन्याओं के लिए श्रेष्ठ माना गया है. शिवरात्रि व्रत करने से उन्हें मनचाहा वर मिलता है. वहीं जिन कन्याओं के विवाह में समस्याएं आ रही होती हैं उन्हें सावन शिवरात्रि का व्रत करना चाहिए. 


आद्रा नक्षत्र में पड़ रहा है शिवरात्रि


इस माह 19 जुलाई, रविवार को सावन की शिवरात्रि है. इसी दिन आद्रा नक्षत्र भी पड़ रहा है. सावन की शिवरात्रि में विशेष पूजा अर्चना कर शिवजी को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है. 


शिवलिंग पर कैसे चढ़ाएं बेलपत्र


भोलेनाथ को जो बेलपत्र चढ़ाया जाता है उसमें छेद नहीं होने चाहिए. शिवलिंग पर तीन पत्ते वाले बेलपत्र चढ़ाने चाहिए जो कोमल और अखण्ड हों. वहीं, बेलपत्र पर किसी भी तरह का वज्र या चक्र का निशान नहीं होना चाहिए. बता दें कि पत्ते में सफेद दाग चक्र और डंठल में गांठ वज्र कहलाता है. शिवलिंग पर हमेशा बेलपत्र को उल्टा ही चढ़ाना चाहिए. 


सावन शिवरात्रि पर जलाभिषेक करने का समय


कल सावन की शिवरात्रि है, इस सावन के महीने में शिवलिंग पर जलाभिषेक के लिए शुभ समय 19 जुलाई की सुबह 5 बजकर 40 मिनट से 7 बजकर 52 मिनट तक शुभफलदायी रहेगा. प्रदोष काल में जलाभिषेक करना काफी शुभ रहता है. ऐसे में 19 जुलाई की शाम के समय 7 बजकर 28 मिनट से रात 9 बजकर 30 मिनट तक प्रदोष काल में जलाभिषेक किया जा सकता है. 


सावन शिवरात्रि पर महादेव जी करेंगें कष्ट दूर


कल सावन की शिवरात्रि है. इस दिन बाबा भोलेनाथ अपने भक्तों के संकट दूर करते हैं. सावन के महीने में उनकी विशेष कृपा बरसती है. इस दिन रुद्राभिषेक करने से भक्त के सभी पापों का विनाश भोले बाबा कर देते हैं. 


सावन शिवरात्रि व्रत रखने पर नौकरी में मिलती है तरक्की


सावन शिवरात्रि के सिद्ध मुहूर्त में शिवलिंग को प्राण प्रतिष्ठित करवाकर स्थापित करने से व्यवसाय में वृद्धि और नौकरी में तरक्की मिलती है.


शादी में आ रही बाधा दूर करने के लिए इस मंत्र के साथ शिव-शक्ति की पूजा करें


- हे गौरि शंकरार्धांगि यथा त्वं शंकरप्रिया।


तथा मां कुरु कल्याणी कान्तकांता सुदुर्लभाम।।


- ॐ साम्ब सदा शिवाय नम:। 


इन मंत्रों का जाप करने पर सभी मनोकामनाएं होती है पूरी


कल सावन शिवरात्रि है. इस दिन महिलाएं सुख-सौभाग्य के लिए भगवान शिव की पूजा करतीं है. इस दिन शिवलिंग पर दुग्ध की धारा से अभिषेक करते हुए निम्न मंत्र का उच्चारण करने पर सभी मनोकामनाएं पूरी होती है.


ॐ ह्रीं नमः शिवाय ह्रीं ॐ। 


इन चीजों को चढ़ाने पर भगवान शिव होते है प्रसन्न


गरुड़ पुराण के अनुसार सावन शिवरात्रि के दिन भगवान शिव को बिल्व पत्र के साथ सफेद आंकड़े के फूल अर्पित करना चाहिए. इस दिन भगवान शिव को बिल्व पत्र व सफेद आंकड़े के फूल बेहद प्रिय हैं. शिव पुराण के अनुसार भगवान शिव को रुद्राक्ष, बिल्व पत्र, भांग, शिवलिंग और काशी अतिप्रिय हैं. इन चीजों को चढ़ाने पर भगवान शिव प्रसन्न होते है. 


जानें व्रत के बाद पारण करने का नियम


सावन शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की मूर्ति या शिवलिंग को पंचामृत से स्नान कराकर 'ॐ नमः शिवायः' मंत्र से पूजा करनी चाहिए. इसके बाद रात्रि के चारों प्रहर में भगवान शिवजी की पूजा करें, इसके बाद अगले दिन सुबह ब्राह्मणों को दान-दक्षिणा देकर व्रत का पारण करना चाहिए.  


आज लें व्रत का संकल्प


आज त्रयोदशी है. कल शिवरात्रि है. गरुड़ पुराण के अनुसार शिवरात्रि से एक दिन पहले त्रयोदशी तिथि में शिवजी की पूजा करनी चाहिए. आज शाम को व्रत का संकल्प लेना चाहिए. इसके उपरांत चतुर्दशी तिथि को निराहार रहना चाहिए. महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव को गंगा जल चढ़ाने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है. 


महामृत्युंजय मंत्र


ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः


ॐ त्र्यम्बकं यजामहे


सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्


उर्वारुकमिव बन्धनान्


मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्


ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ


ये बारह ज्योर्तिलिंग हैं भगवान शिव के धाम

द्वादश(12) शिव ज्योतिर्लिंग! 



हिन्दू धर्म में पुराणों के अनुसार स्वयं शिवजी, शिवलिंग के रूप में १२ अलग-अलग स्थानों पर स्थापित हैं, और उन स्थानों को भारत मे ज्योतिर्लिंग के रूप में पूजा जाता है।


 


सोमनाथ ज्योतिर्लिंग


@Prabhas Patan, Saurashtra Gujrat


 


नागेश्वर ज्योतिर्लिंग


@Jamnagar Gujarat


 


त्रयम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग


@Trimbakeshwar, near Nashik Maharashtra


 


घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग 


@Near Ellora, Aurangabad Maharashtra


 


भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग


@Bhimashankar Maharashtra


 


मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग


@Srisailam Andhra Pradesh


 


महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग 


@Ujjain Madhya Pradesh


 


ॐकारेश्वर ज्योतिर्लिंग


@Omkareshwar Madhya Pradesh


 


केदारनाथ ज्योतिर्लिंग


@Kedarnath Uttarakhand


 


काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग 


@Varanasi Uttar Pradesh 


 


वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग


@Deoghar Jharkhand


 


रामेश्वर ज्योतिर्लिंग


@Rameswaram Tamil Nadu


क्या आप जानते हैं भगवान शिव के 1008 नाम

शिव सहस्र नामावली



ॐ स्थिराय नमः।


ॐ स्थाणवे नमः।


ॐ प्रभवे नमः।


ॐ भीमाय नमः।


ॐ प्रवराय नमः ।


ॐ वरदाय नमः ।


ॐ वराय नमः ।


ॐ सर्वात्मने नमः ।


ॐ सर्वविख्याताय नमः ।


ॐ सर्वस्मै नमः ॥ १० ॥


 


ॐ सर्वकराय नमः ।


ॐ भवाय नमः ।


ॐ जटिने नमः ।


ॐ चर्मिणे नमः ।


ॐ शिखण्डिने नमः ।


ॐ सर्वाङ्गाय नमः ।


ॐ सर्वभावनाय नमः ।


ॐ हराय नमः ।


ॐ हरिणाक्षाय नमः ।


ॐ सर्वभूतहराय नमः ॥ २० ॥


 


ॐ प्रभवे नमः ।


ॐ प्रवृत्तये नमः ।


ॐ निवृत्तये नमः ।


ॐ नियताय नमः ।


ॐ शाश्वताय नमः ।


ॐ ध्रुवाय नमः ।


ॐ श्मशानवासिने नमः ।


ॐ भगवते नमः ।


ॐ खचराय नमः ।


ॐ गोचराय नमः ॥ ३० ॥


 


ॐ अर्दनाय नमः ।


ॐ अभिवाद्याय नमः ।


ॐ महाकर्मणे नमः ।


ॐ तपस्विने नमः ।


ॐ भूतभावनाय नमः ।


ॐ उन्मत्तवेषप्रच्छन्नाय नमः ।


ॐ सर्वलोकप्रजापतये नमः ।


ॐ महारूपाय नमः ।


ॐ महाकायाय नमः ।


ॐ वृषरूपाय नमः ॥ ४० ॥


 


ॐ महायशसे नमः ।


ॐ महात्मने नमः ।


ॐ सर्वभूतात्मने नमः ।


ॐ विश्वरूपाय नमः ।


ॐ महाहणवे नमः ।


ॐ लोकपालाय नमः ।


ॐ अन्तर्हितत्मने नमः ।


ॐ प्रसादाय नमः ।


ॐ हयगर्धभये नमः ।


ॐ पवित्राय नमः ॥ ५० ॥


 


ॐ महते नमः ।


ॐनियमाय नमः ।


ॐ नियमाश्रिताय नमः ।


ॐ सर्वकर्मणे नमः ।


ॐ स्वयंभूताय नमः ।


ॐ आदये नमः ।


ॐ आदिकराय नमः ।


ॐ निधये नमः ।


ॐ सहस्राक्षाय नमः ।


ॐ विशालाक्षाय नमः ॥ ६० ॥


 


ॐ सोमाय नमः ।


ॐ नक्षत्रसाधकाय नमः ।


ॐ चन्द्राय नमः ।


ॐ सूर्याय नमः ।


ॐ शनये नमः ।


ॐ केतवे नमः ।


ॐ ग्रहाय नमः ।


ॐ ग्रहपतये नमः ।


ॐ वराय नमः ।


ॐ अत्रये नमः ॥ ७० ॥


 


ॐ अत्र्या नमस्कर्त्रे नमः ।


ॐ मृगबाणार्पणाय नमः ।


ॐ अनघाय नमः ।


ॐ महातपसे नमः ।


ॐ घोरतपसे नमः ।


ॐ अदीनाय नमः ।


ॐ दीनसाधकाय नमः ।


ॐ संवत्सरकराय नमः ।


ॐ मन्त्राय नमः ।


ॐ प्रमाणाय नमः ॥ ८० ॥


 


ॐ परमायतपसे नमः ।


ॐ योगिने नमः ।


ॐ योज्याय नमः ।


ॐ महाबीजाय नमः ।


ॐ महारेतसे नमः ।


ॐ महाबलाय नमः ।


ॐ सुवर्णरेतसे नमः ।


ॐ सर्वज्ञाय नमः ।


ॐ सुबीजाय नमः ।


ॐ बीजवाहनाय नमः ॥ ९० ॥


 


ॐ दशबाहवे नमः ।


ॐ अनिमिशाय नमः ।


ॐ नीलकण्ठाय नमः ।


ॐ उमापतये नमः ।


ॐ विश्वरूपाय नमः ।


ॐ स्वयंश्रेष्ठाय नमः ।


ॐ बलवीराय नमः ।


ॐ अबलोगणाय नमः ।


ॐ गणकर्त्रे नमः ।


ॐ गणपतये नमः ॥ १०० ॥


 


ॐ दिग्वाससे नमः ।


ॐ कामाय नमः ।


ॐ मन्त्रविदे नमः ।


ॐ परमाय मन्त्राय नमः ।


ॐ सर्वभावकराय नमः ।


ॐ हराय नमः ।


ॐ कमण्डलुधराय नमः ।


ॐ धन्विने नमः ।


ॐ बाणहस्ताय नमः ।


ॐ कपालवते नमः ॥ ११० ॥


 


ॐ अशनये नमः ।


ॐ शतघ्निने नमः ।


ॐ खड्गिने नमः ।


ॐ पट्टिशिने नमः ।


ॐ आयुधिने नमः ।


ॐ महते नमः ।


ॐ स्रुवहस्ताय नमः ।


ॐ सुरूपाय नमः ।


ॐ तेजसे नमः ।


ॐ तेजस्कराय निधये नमः ॥ १२० ॥


ॐ उष्णीषिणे नमः ।


ॐ सुवक्त्राय नमः ।


ॐ उदग्राय नमः ।


ॐ विनताय नमः ।


ॐ दीर्घाय नमः ।


ॐ हरिकेशाय नमः ।


ॐ सुतीर्थाय नमः ।


ॐ कृष्णाय नमः ।


ॐ शृगालरूपाय नमः ।


ॐ सिद्धार्थाय नमः ॥ १३० ॥


 


ॐ मुण्डाय नमः ।


ॐ सर्वशुभङ्कराय नमः ।


ॐ अजाय नमः ।


ॐ बहुरूपाय नमः ।


ॐ गन्धधारिणे नमः ।


ॐ कपर्दिने नमः ।


ॐ उर्ध्वरेतसे नमः ।


ॐ ऊर्ध्वलिङ्गाय नमः ।


ॐ ऊर्ध्वशायिने नमः ।


ॐ नभस्थलाय नमः ॥ १४० ॥


 


ॐ त्रिजटिने नमः ।


ॐ चीरवाससे नमः ।


ॐ रुद्राय नमः ।


ॐ सेनापतये नमः ।


ॐ विभवे नमः ।


ॐ अहश्चराय नमः ।


ॐ नक्तंचराय नमः ।


ॐ तिग्ममन्यवे नमः ।


ॐ सुवर्चसाय नमः ।


ॐ गजघ्ने नमः ॥ १५० ॥


 


ॐ दैत्यघ्ने नमः ।


ॐ कालाय नमः ।


ॐ लोकधात्रे नमः ।


ॐ गुणाकराय नमः ।


ॐ सिंहशार्दूलरूपाय नमः ।


ॐ आर्द्रचर्माम्बरावृताय नमः ।


ॐ कालयोगिने नमः ।


ॐ महानादाय नमः ।


ॐ सर्वकामाय नमः ।


ॐ चतुष्पथाय नमः ॥ १६० ॥


 


ॐ निशाचराय नमः ।


ॐ प्रेतचारिणे नमः ।


ॐ भूतचारिणे नमः ।


ॐ महेश्वराय नमः ।


ॐ बहुभूताय नमः ।


ॐ बहुधराय नमः ।


ॐ स्वर्भानवे नमः ।


ॐ अमिताय नमः ।


ॐ गतये नमः ।


ॐ नृत्यप्रियाय नमः ॥ १७० ॥


 


ॐ नित्यनर्ताय नमः ।


ॐ नर्तकाय नमः ।


ॐ सर्वलालसाय नमः ।


ॐ घोराय नमः ।


ॐ महातपसे नमः ।


ॐ पाशाय नमः ।


ॐ नित्याय नमः ।


ॐ गिरिरुहाय नमः ।


ॐ नभसे नमः ।


ॐ सहस्रहस्ताय नमः ॥ १८० ॥


 


ॐ विजयाय नमः ।


ॐ व्यवसायाय नमः ।


ॐ अतन्द्रिताय नमः ।


ॐ अधर्षणाय नमः ।


ॐ धर्षणात्मने नमः ।


ॐ यज्ञघ्ने नमः ।


ॐ कामनाशकाय नमः ।


ॐ दक्ष्यागपहारिणे नमः ।


ॐ सुसहाय नमः ।


ॐ मध्यमाय नमः ॥ १९० ॥


 


ॐ तेजोपहारिणे नमः ।


ॐ बलघ्ने नमः ।


ॐ मुदिताय नमः ।


ॐ अर्थाय नमः ।


ॐ अजिताय नमः ।


ॐ अवराय नमः ।


ॐ गम्भीरघोषय नमः ।


ॐ गम्भीराय नमः ।


ॐ गम्भीरबलवाहनाय नमः ।


ॐ न्यग्रोधरूपाय नमः ॥ २०० ॥


 


ॐ न्यग्रोधाय नमः ।


ॐ वृक्षकर्णस्थिताय नमः ।


ॐ विभवे नमः ।


ॐ सुतीक्ष्णदशनाय नमः ।


ॐ महाकायाय नमः ।


ॐ महाननाय नमः ।


ॐ विश्वक्सेनाय नमः ।


ॐ हरये नमः ।


ॐ यज्ञाय नमः ।


ॐ संयुगापीडवाहनाय नमः ॥ २१० ॥


 


ॐ तीक्षणातापाय नमः ।


ॐ हर्यश्वाय नमः ।


ॐ सहायाय नमः ।


ॐ कर्मकालविदे नमः ।


ॐ विष्णुप्रसादिताय नमः ।


ॐ यज्ञाय नमः ।


ॐ समुद्राय नमः ।


ॐ बडवामुखाय नमः ।


ॐ हुताशनसहायाय नमः ।


ॐ प्रशान्तात्मने नमः ॥ २२० ॥


 


ॐ हुताशनाय नमः ।


ॐ उग्रतेजसे नमः ।


ॐ महातेजसे नमः ।


ॐ जन्याय नमः ।पप


ॐ विजयकालविदे नमः ।पपपप


ॐ ज्योतिषामयनाय नमः ।


ॐ सिद्धये नमः ।प


ॐ सर्वविग्रहाय नमः ।प


ॐ शिखिने नमः ।


ॐ मुण्डिने नमः ॥ २३० ॥



ॐ जटिने नमः ।


ॐ ज्वलिने नमः ।


ॐ मूर्तिजाय नमः ।


ॐ मूर्धजाय नमः ।प


ॐ बलिने नमः ।


ॐ वैनविने नमः ।


ॐ पणविने नमः ।


ॐ तालिने नमः ।


ॐ खलिने नमः ।


ॐ कालकटङ्कटाय नमः ॥ २४० ॥


 


ॐ नक्षत्रविग्रहमतये नमः ।


ॐ गुणबुद्धये नमः ।


ॐ लयाय नमः ।


ॐ अगमाय नमः ।


ॐ प्रजापतये नमः ।


ॐ विश्वबाहवे नमः ।


ॐ विभागाय नमः ।


ॐ सर्वगाय नमः ।


ॐ अमुखाय नमः ।


ॐ विमोचनाय नमः ॥ २५० ॥


 


ॐ सुसरणाय नमः ।


ॐ हिरण्यकवचोद्भवाय नमः ।


ॐ मेढ्रजाय नमः ।प


ॐ बलचारिणे नमः ।


ॐ महीचारिणे नमः ।


ॐ स्रुताय नमः ।


ॐ सर्वतूर्यविनोदिने नमः ।


ॐ सर्वतोद्यपरिग्रहाय नमः ।


ॐ व्यालरूपाय नमः ।


ॐ गुहावासिने नमः ॥ २६० ॥


 


ॐ गुहाय नमः ।


ॐ मालिने नमः ।


ॐ तरङ्गविदे नमः ।


ॐ त्रिदशाय नमः ।


ॐ त्रिकालधृते नमः ।


ॐ कर्मसर्वबन्धविमोचनाय नमः ।


ॐ असुरेन्द्राणांबन्धनाय नमः ।


ॐ युधि शत्रुविनाशनाय नमः ।


ॐ साङ्ख्यप्रसादाय नमः ।


ॐ दुर्वाससे नमः ॥ २७० ॥


 


ॐ सर्वसाधिनिषेविताय नमः ।


ॐ प्रस्कन्दनाय नमः ।


ॐ यज्ञविभागविदे नमः ।


ॐ अतुल्याय नमः ।


ॐ यज्ञविभागविदे नमः ।


ॐ सर्ववासाय नमः ।


ॐ सर्वचारिणे नमः ।


ॐ दुर्वाससे नमः ।


ॐ वासवाय नमः ।


ॐ अमराय नमः ॥ २८० ॥


 


ॐ हैमाय नमः ।


ॐ हेमकराय नमः ।


ॐ निष्कर्माय नमः ।


ॐ सर्वधारिणे नमः ।


ॐ धरोत्तमाय नमः ।


ॐ लोहिताक्षाय नमः ।


ॐ माक्षाय नमः ।


ॐ विजयक्षाय नमः ।


ॐ विशारदाय नमः ।


ॐ संग्रहाय नमः ॥ २९० ॥


 


ॐ निग्रहाय नमः ।


ॐ कर्त्रे नमः ।


ॐ सर्पचीरनिवासनाय नमः ।


ॐ मुख्याय नमः ।


ॐ अमुख्याय नमः ।


ॐ देहाय नमः ।


ॐ काहलये नमः ।


ॐ सर्वकामदाय नमः ।


ॐ सर्वकालप्रसादये नमः ।


ॐ सुबलाय नमः ॥ ३०० ॥


 


ॐ बलरूपधृते नमः ।


ॐ सर्वकामवराय नमः ।


ॐ सर्वदाय नमः ।


ॐ सर्वतोमुखाय नमः ।


ॐ आकाशनिर्विरूपाय नमः ।


ॐ निपातिने नमः ।


ॐ अवशाय नमः ।


ॐ खगाय नमः ।


ॐ रौद्ररूपाय नमः ।


ॐ अंशवे नमः ॥ ३१० ॥


 


ॐ आदित्याय नमः ।


ॐ बहुरश्मये नमः ।


ॐ सुवर्चसिने नमः ।


ॐ वसुवेगाय नमः ।


ॐ महावेगाय नमः ।


ॐ मनोवेगाय नमः ।


ॐ निशाचराय नमः ।


ॐ सर्ववासिने नमः ।


ॐ श्रियावासिने नमः ।


ॐ उपदेशकराय नमः ॥ ३२० ॥


 


ॐ अकराय नमः ।


ॐ मुनये नमः ।


ॐ आत्मनिरालोकाय नमः ।


ॐ सम्भग्नाय नमः ।


ॐ सहस्रदाय नमः ।


ॐ पक्षिणे नमः ।


ॐ पक्षरूपाय नमः ।


ॐ अतिदीप्ताय नमः ।


ॐ विशाम्पतये नमः ।


ॐ उन्मादाय नमः ॥ ३३० ॥


 


ॐ मदनाय नमः ।


ॐ कामाय नमः ।


ॐ अश्वत्थाय नमः ।


ॐ अर्थकराय नमः ।


ॐ यशसे नमः ।


ॐ वामदेवाय नमः ।


ॐ वामाय नमः ।


ॐ प्राचे नमः ।


ॐ दक्षिणाय नमः ।


ॐ वामनाय नमः ॥ ३४० ॥


 


ॐ सिद्धयोगिने नमः ।


ॐ महर्शये नमः ।


ॐ सिद्धार्थाय नमः ।


ॐ सिद्धसाधकाय नमः ।


ॐ भिक्षवे नमः ।


ॐ भिक्षुरूपाय नमः ।


ॐ विपणाय नमः ।


ॐ मृदवे नमः ।


ॐ अव्ययाय नमः ।


ॐ महासेनाय नमः ॥ ३५० ॥


 


ॐ विशाखाय नमः ।


ॐ षष्टिभागाय नमः ।


ॐ गवां पतये नमः ।


ॐ वज्रहस्ताय नमः ।


ॐ विष्कम्भिने नमः ।


ॐ चमूस्तम्भनाय नमः ।


ॐ वृत्तावृत्तकराय नमः ।


ॐ तालाय नमः ।


ॐ मधवे नमः ।


ॐ मधुकलोचनाय नमः ॥ ३६० ॥


 


ॐ वाचस्पत्याय नमः ।


ॐ वाजसेनाय नमः ।


ॐ नित्यमाश्रितपूजिताय नमः ।


ॐ ब्रह्मचारिणे नमः ।


ॐ लोकचारिणे नमः ।


ॐ सर्वचारिणे नमः ।


ॐ विचारविदे नमः ।


ॐ ईशानाय नमः ।


ॐ ईश्वराय नमः ।


ॐ कालाय नमः ॥ ३७० ॥


 


ॐ निशाचारिणे नमः ।


ॐ पिनाकभृते नमः ।


ॐ निमित्तस्थाय नमः ।


ॐ निमित्ताय नमः ।


ॐ नन्दये नमः ।


ॐ नन्दिकराय नमः ।


ॐ हरये नमः ।


ॐ नन्दीश्वराय नमः ।


ॐ नन्दिने नमः ।


ॐ नन्दनाय नमः ॥ ३८० ॥


 


ॐ नन्दिवर्धनाय नमः ।


ॐ भगहारिणे नमः ।


ॐ निहन्त्रे नमः ।


ॐ कलाय नमः ।


ॐ ब्रह्मणे नमः ।


ॐ पितामहाय नमः ।


ॐ चतुर्मुखाय नमः ।


ॐ महालिङ्गाय नमः ।


ॐ चारुलिङ्गाय नमः ।


ॐ लिङ्गाध्याक्षाय नमः ॥ ३९० ॥


ॐ सुराध्यक्षाय नमः ।


ॐ योगाध्यक्षाय नमः ।


ॐ युगावहाय नमः ।


ॐ बीजाध्यक्षाय नमः ।


ॐ बीजकर्त्रे नमः ।


ॐ अध्यात्मानुगताय नमः ।


ॐ बलाय नमः ।


ॐ इतिहासाय नमः ।


ॐ सकल्पाय नमः ।


ॐ गौतमाय नमः ॥ ४०० ॥


 


ॐ निशाकराय नमः ।


ॐ दम्भाय नमः ।


ॐ अदम्भाय नमः ।


ॐ वैदम्भाय नमः ।


ॐ वश्याय नमः ।


ॐ वशकराय नमः ।


ॐ कलये नमः ।


ॐ लोककर्त्रे नमः ।


ॐ पशुपतये नमः ।


ॐ महाकर्त्रे नमः ॥ ४१० ॥


 


ॐ अनौषधाय नमः ।


ॐ अक्षराय नमः ।


ॐ परमाय ब्रह्मणे नमः ।


ॐ बलवते नमः ।


ॐ शक्राय नमः ।


ॐ नित्यै नमः ।


ॐ अनित्यै नमः ।


ॐ शुद्धात्मने नमः ।


ॐ शुद्धाय नमः ।


ॐ मान्याय नमः ॥ ४२० ॥


 


ॐ गतागताय नमः ।


ॐ बहुप्रसादाय नमः ।


ॐ सुस्वप्नाय नमः ।


ॐ दर्पणाय नमः ।


ॐ अमित्रजिते नमः ।


ॐ वेदकाराय नमः ।


ॐ मन्त्रकाराय नमः ।


ॐ विदुषे नमः ।


ॐ समरमर्दनाय नमः ।


ॐ महामेघनिवासिने नमः ॥ ४३० ॥


 


ॐ महाघोराय नमः ।


ॐ वशिने नमः ।


ॐ कराय नमः ।


ॐ अग्निज्वालाय नमः ।


ॐ महाज्वालाय नमः ।


ॐ अतिधूम्राय नमः ।


ॐ हुताय नमः ।


ॐ हविषे नमः ।


ॐ वृषणाय नमः ।


ॐ शङ्कराय नमः ॥ ४४० ॥


 


ॐ नित्यं वर्चस्विने नमः ।


ॐ धूमकेतनाय नमः ।


ॐ नीलाय नमः ।


ॐ अङ्गलुब्धाय नमः ।


ॐ शोभनाय नमः ।


ॐ निरवग्रहाय नमः ।


ॐ स्वस्तिदाय नमः ।


ॐ स्वस्तिभावाय नमः ।


ॐ भागिने नमः ।


ॐ भागकराय नमः ॥ ४५० ॥


 


ॐ लघवे नमः ।


ॐ उत्सङ्गाय नमः ।


ॐ महाङ्गाय नमः ।


ॐ महागर्भपरायणाय नमः ।


ॐ कृष्णवर्णाय नमः ।


ॐ सुवर्णाय नमः ।


ॐ सर्वदेहिनां इन्द्रियाय नमः ।


ॐ महापादाय नमः ।


ॐ महाहस्ताय नमः ।


ॐ महाकायाय नमः ॥ ४६० ॥


 


ॐ महायशसे नमः ।


ॐ महामूर्ध्ने नमः ।


ॐ महामात्राय नमः ।


ॐ महानेत्राय नमः ।


ॐ निशालयाय नमः ।


ॐ महान्तकाय नमः ।


ॐ महाकर्णाय नमः ।


ॐ महोष्ठाय नमः ।


ॐ महाहणवे नमः ।


ॐ महानासाय नमः ॥ ४७० ॥


 


ॐ महाकम्बवे नमः ।


ॐ महाग्रीवाय नमः ।


ॐ श्मशानभाजे नमः ।


ॐ महावक्षसे नमः ।


ॐ महोरस्काय नमः ।


ॐ अन्तरात्मने नमः ।


ॐ मृगालयाय नमः ।


ॐ लम्बनाय नमः ।


ॐ लम्बितोष्ठाय नमः ।


ॐ महामायाय नमः ॥ ४८० ॥


 


ॐ पयोनिधये नमः ।


ॐ महादन्ताय नमः ।


ॐ महादंष्ट्राय नमः ।


ॐ महजिह्वाय नमः ।


ॐ महामुखाय नमः ।


ॐ महानखाय नमः ।


ॐ महारोमाय नमः ।


ॐ महाकोशाय नमः ।


ॐ महाजटाय नमः ।


ॐ प्रसन्नाय नमः ॥ ४९० ॥


 


ॐ प्रसादाय नमः ।


ॐ प्रत्ययाय नमः ।


ॐ गिरिसाधनाय नमः ।


ॐ स्नेहनाय नमः ।


ॐ अस्नेहनाय नमः ।


ॐ अजिताय नमः ।


ॐ महामुनये नमः ।


ॐ वृक्षाकाराय नमः ।


ॐ वृक्षकेतवे नमः ।


ॐ अनलाय नमः ॥ ५०० ॥


 


ॐ वायुवाहनाय नमः ।


ॐ गण्डलिने नमः ।


ॐ मेरुधाम्ने नमः ।


ॐ देवाधिपतये नमः ।


ॐ अथर्वशीर्षाय नमः ।


ॐ सामास्याय नमः ।


ॐ ऋक्सहस्रामितेक्षणाय नमः ।


ॐ यजुः पाद भुजाय नमः ।


ॐ गुह्याय नमः ।


ॐ प्रकाशाय नमः ॥ ५१० ॥


 


ॐ जङ्गमाय नमः ।


ॐ अमोघार्थाय नमः ।


ॐ प्रसादाय नमः ।


ॐ अभिगम्याय नमः ।


ॐ सुदर्शनाय नमः ।


ॐ उपकाराय नमः ।


ॐ प्रियाय नमः ।


ॐ सर्वाय नमः ।


ॐ कनकाय नमः ।


ॐ कञ्चनच्छवये नमः ॥ ५२० ॥


ॐ नाभये नमः ।


ॐ नन्दिकराय नमः ।


ॐ भावाय नमः ।


ॐ पुष्करस्थापतये नमः ।


ॐ स्थिराय नमः ।


ॐ द्वादशाय नमः ।


ॐ त्रासनाय नमः ।


ॐ आद्याय नमः ।


ॐ यज्ञाय नमः ।


ॐ यज्ञसमाहिताय नमः ॥ ५३० ॥


 


ॐ नक्तं नमः ।


ॐ कलये नमः ।


ॐ कालाय नमः ।


ॐ मकराय नमः ।


ॐ कालपूजिताय नमः ।


ॐ सगणाय नमः ।


ॐ गणकाराय नमः ।


ॐ भूतवाहनसारथये नमः ।


ॐ भस्मशयाय नमः ।


ॐ भस्मगोप्त्रे नमः ॥ ५४० ॥


 


ॐ भस्मभूताय नमः ।


ॐ तरवे नमः ।


ॐ गणाय नमः ।


ॐ लोकपालाय नमः ।


ॐ अलोकाय नमः ।


ॐ महात्मने नमः ।


ॐ सर्वपूजिताय नमः ।


ॐ शुक्लाय नमः ।


ॐ त्रिशुक्लाय नमः ।


ॐ सम्पन्नाय नमः ॥ ५५० ॥


 


ॐ शुचये नमः ।


ॐ भूतनिषेविताय नमः ।


ॐ आश्रमस्थाय नमः ।


ॐ क्रियावस्थाय नमः ।


ॐ विश्वकर्ममतये नमः ।


ॐ वराय नमः ।


ॐ विशालशाखाय नमः ।


ॐ ताम्रोष्ठाय नमः ।


ॐ अम्बुजालाय नमः ।


ॐ सुनिश्चलाय नमः ॥ ५६० ॥


 


ॐ कपिलाय नमः ।


ॐ कपिशाय नमः ।


ॐ शुक्लाय नमः ।


ॐ अयुशे नमः ।


ॐ पराय नमः ।


ॐ अपराय नमः ।


ॐ गन्धर्वाय नमः ।


ॐ अदितये नमः ।


ॐ तार्क्ष्याय नमः ।


ॐ सुविज्ञेयाय नमः ॥ ५७० ॥


 


ऊँ सुशारदाय नमः ।


ऊँ परश्वधायुधाय नमः ।


ऊँ देवाय नमः ।


ऊँ अनुकारिणे नमः ।


ऊँ सुबान्धवाय नमः ।


ऊँ तुम्बवीणाय नमः ।


ऊँ महाक्रोधाय नमः ।


ऊँ ऊर्ध्वरेतसे नमः ।


ऊँ जलेशयाय नमः ।


ऊँ उग्राय नमः ।


 


ऊँ वंशकराय नमः ।


ऊँ वंशाय नमः ।


ऊँ वंशानादाय नमः ।


ऊँ अनिन्दिताय नमः ।


ऊँ सर्वांगरूपाय नमः ।


ऊँ मायाविने नमः ।


ऊँ सुहृदे नमः ।


ऊँ अनिलाय नमः ।


ऊँ अनलाय नमः ।


ऊँ बन्धनाय नमः ।


 


ऊँ बन्धकर्त्रे नमः ।


ऊँ सुवन्धनविमोचनाय नमः ।


ऊँ सयज्ञयारये नमः ।


ऊँ सकामारये नमः ।


ऊँ महाद्रष्टाय नमः ।


ऊँ महायुधाय नमः ।


ऊँ बहुधानिन्दिताय नमः ।


ऊँ शर्वाय नमः ।


ऊँ शंकराय नमः ।


ऊँ शं कराय नमः ।


ऊँ अधनाय नमः ॥ ६०० ॥


 


ऊँ अमरेशाय नमः ।


ऊँ महादेवाय नमः ।


ऊँ विश्वदेवाय नमः ।


ऊँ सुरारिघ्ने नमः ।


ऊँ अहिर्बुद्धिन्याय नमः । 


ऊँ अनिलाभाय नमः ।


ऊँ चेकितानाय नमः ।


ऊँ हविषे नमः ।


ऊँ अजैकपादे नमः ।


ऊँ कापालिने नमः । 


 


ऊँ त्रिशंकवे नमः ।


ऊँ अजिताय नमः ।


ऊँ शिवाय नमः ।


ऊँ धन्वन्तरये नमः ।


ऊँ धूमकेतवे नमः । 


ऊँ स्कन्दाय नमः ।


ऊँ वैश्रवणाय नमः ।


ऊँ धात्रे नमः ।


ऊँ शक्राय नमः । 


ऊँ विष्णवे नमः ।


 


ऊँ मित्राय नमः ।


ऊँ त्वष्ट्रे नमः ।


ऊँ ध्रुवाय नमः ।


ऊँ धराय नमः ।


ऊँ प्रभावाय नमः । 


ऊँ सर्वगोवायवे नमः ।


ऊँ अर्यम्णे नमः ।


ऊँ सवित्रे नमः ।


ऊँ रवये नमः ।


ऊँ उषंगवे नमः । 


 


ऊँ विधात्रे नमः ।


ऊँ मानधात्रे नमः ।


ऊँ भूतवाहनाय नमः ।


ऊँ विभवे नमः ।


ऊँ वर्णविभाविने नमः ।


ऊँ सर्वकामगुणवाहनाय नमः ।


ऊँ पद्मनाभाय नमः ।


ऊँ महागर्भाय नमः ।


चन्द्रवक्त्राय नमः ।


ऊँ अनिलाय नमः ।


 


ऊँ अनलाय नमः ।


ऊँ बलवते नमः ।


ऊँ उपशान्ताय नमः ।


ऊँ पुराणाय नमः ।


ऊँ पुण्यचञ्चवे नमः ।


ऊँ ईरूपाय नमः ।


ऊँ कुरूकर्त्रे नमः ।


ऊँ कुरूवासिने नमः ।


ऊँ कुरूभूताय नमः ।


ऊँ गुणौषधाय नमः ॥ ६५० ॥


 


ऊँ सर्वाशयाय नमः ।


ऊँ दर्भचारिणे नमः ।


ऊँ सर्वप्राणिपतये नमः ।


ऊँ देवदेवाय नमः ।


ऊँ सुखासक्ताय नमः ।


ऊँ सत स्वरूपाय नमः ।


ऊँ असत् रूपाय नमः ।


ऊँ सर्वरत्नविदे नमः ।


ऊँ कैलाशगिरिवासने नमः ।


ऊँ हिमवद्गिरिसंश्रयाय नमः ।


 


ऊँ कूलहारिणे नमः ।


ऊँ कुलकर्त्रे नमः ।


ऊँ बहुविद्याय नमः ।


ऊँ बहुप्रदाय नमः ।


ऊँ वणिजाय नमः ।


ऊँ वर्धकिने नमः ।


ऊँ वृक्षाय नमः ।


ऊँ बकुलाय नमः ।


ऊँ चंदनाय नमः ।


ऊँ छदाय नमः ।


 


ऊँ सारग्रीवाय नमः ।


ऊँ महाजत्रवे नमः ।


ऊँ अलोलाय नमः ।


ऊँ महौषधाय नमः ।


ऊँ सिद्धार्थकारिणे नमः ।


ऊँ छन्दोव्याकरणोत्तर-सिद्धार्थाय नमः ।


ऊँ सिंहनादाय नमः ।


ऊँ सिंहद्रंष्टाय नमः ।


ऊँ सिंहगाय नमः ।


ऊँ सिंहवाहनाय नमः ।


 


ऊँ प्रभावात्मने नमः ।


ऊँ जगतकालस्थालाय नमः ।


ऊँ लोकहिताय नमः ।


ऊँ तरवे नमः ।


ऊँ सारंगाय नमः ।


ऊँ नवचक्रांगाय नमः ।


ऊँ केतुमालिने नमः ।


ऊँ सभावनाय नमः ।


ऊँ भूतालयाय नमः ।


ऊँ भूतपतये नमः ।


 


ऊँ अहोरात्राय नमः ।


ऊँ अनिन्दिताय नमः ।


ऊँ सर्वभूतवाहित्रे नमः ।


ऊँ सर्वभूतनिलयाय नमः ।


ऊँ विभवे नमः ।


ऊँ भवाय नमः ।


ऊँ अमोघाय नमः ।


ऊँ संयताय नमः ।


ऊँ अश्वाय नमः ।


ऊँ भोजनाय नमः ॥ ७००॥


 


ऊँ प्राणधारणाय नमः ।


ऊँ धृतिमते नमः ।


ऊँ मतिमते नमः ।


ऊँ दक्षाय नमःऊँ सत्कृयाय नमः ।


ऊँ युगाधिपाय नमः ।


ऊँ गोपाल्यै नमः ।


ऊँ गोपतये नमः ।


ऊँ ग्रामाय नमः ।


ऊँ गोचर्मवसनाय नमः ।


ऊँ हरये नमः ।


 


ऊँ हिरण्यबाहवे नमः ।


ऊँ प्रवेशिनांगुहापालाय नमः ।


ऊँ प्रकृष्टारये नमः ।


ऊँ महाहर्षाय नमः ।


ऊँ जितकामाय नमः ।


ऊँ जितेन्द्रियाय नमः ।


ऊँ गांधाराय नमः ।


ऊँ सुवासाय नमः ।


ऊँ तपःसक्ताय नमः ।


ऊँ रतये नमः ।


 


ऊँ नराय नमः ।


ऊँ महागीताय नमः ।


ऊँ महानृत्याय नमः ।


ऊँ अप्सरोगणसेविताय नमः ।


ऊँ महाकेतवे नमः ।


ऊँ महाधातवे नमः ।


ऊँ नैकसानुचराय नमः ।


ऊँ चलाय नमः ।


ऊँ आवेदनीयाय नमः ।


ऊँ आदेशाय नमः ।


 


ऊँ सर्वगंधसुखावहाय नमः ।


ऊँ तोरणाय नमः ।


ऊँ तारणाय नमः ।


ऊँ वाताय नमः ।


ऊँ परिधये नमः ।


ऊँ पतिखेचराय नमः ।


ऊँ संयोगवर्धनाय नमः ।


ऊँ वृद्धाय नमः ।


ऊँ गुणाधिकाय नमः ।


ऊँ अतिवृद्धाय नमः ।


 


ऊँ नित्यात्मसहायाय नमः ।


ऊँ देवासुरपतये नमः ।


ऊँ पत्ये नमः ।


ऊँ युक्ताय नमः ।


ऊँ युक्तबाहवे नमः ।


ऊँ दिविसुपर्वदेवाय नमः ।


ऊँ आषाढाय नमः ।


ऊँ सुषाढ़ाय नमः ।


ऊँ ध्रुवाय नमः ॥ ७५० ॥


 


ऊँ हरिणाय नमः ।


ऊँ हराय नमः ।


ऊँ आवर्तमानवपुषे नमः ।


ऊँ वसुश्रेष्ठाय नमः ।


ऊँ महापथाय नमः ।


ऊँ विमर्षशिरोहारिणे नमः ।


ऊँ सर्वलक्षणलक्षिताय नमः ।


ऊँ अक्षरथयोगिने नमः ।


ऊँ सर्वयोगिने नमः ।


ऊँ महाबलाय नमः ।


 


ऊँ समाम्नायाय नमः ।


ऊँ असाम्नायाय नमः ।


ऊँ तीर्थदेवाय नमः ।


ऊँ महारथाय नमः ।


ऊँ निर्जीवाय नमः ।


ऊँ जीवनाय नमः ।


ऊँ मंत्राय नमः ।


ऊँ शुभाक्षाय नमः ।


ऊँ बहुकर्कशाय नमः ।


ऊँ रत्नप्रभूताय नमः ।


 


ऊँ रत्नांगाय नमः ।


ऊँ महार्णवनिपानविदे नमः ।


ऊँ मूलाय नमः ।


ऊँ विशालाय नमः ।


ऊँ अमृताय नमः ।


ऊँ व्यक्ताव्यवक्ताय नमः ।


ऊँ तपोनिधये नमः ।


ऊँ आरोहणाय नमः ।


ऊँ अधिरोहाय नमः ।


ऊँ शीलधारिणे नमः ।


 


ऊँ महायशसे नमः ।


ऊँ सेनाकल्पाय नमः ।


ऊँ महाकल्पाय नमः ।


ऊँ योगाय नमः ।


ऊँ युगकराय नमः ।


ऊँ हरये नमः ।


ऊँ युगरूपाय नमः ।


ऊँ महारूपाय नमः ।


ऊँ महानागहतकाय नमः ।


ऊँ अवधाय नमः ।


 


ऊँ न्यायनिर्वपणाय नमः ।


ऊँ पादाय नमः ।


ऊँ पण्डिताय नमः ।


ऊँ अचलोपमाय नमः ।


ऊँ बहुमालाय नमः ।


ऊँ महामालाय नमः ।


ऊँ शशिहरसुलोचनाय नमः ।


ऊँ विस्तारलवणकूपाय नमः ।


ऊँ त्रिगुणाय नमः ।


ऊँ सफलोदयाय नमः ॥ ८०० ॥


 


ऊँ त्रिलोचनाय नमः ।


ऊँ विषण्डागाय नमः ।


ऊँ मणिविद्धाय नमः ।


ऊँ जटाधराय नमः ।


ऊँ बिन्दवे नमः ।


ऊँ विसर्गाय नमः ।


ऊँ सुमुखाय नमः ।


ऊँ शराय नमः ।


ऊँ सर्वायुधाय नमः ।


ऊँ सहाय नमः ।


 


ऊँ सहाय नमः ।


ऊँ निवेदनाय नमः ।


ऊँ सुखाजाताय नमः ।


ऊँ सुगन्धराय नमः ।


ऊँ महाधनुषे नमः ।


ऊँ गंधपालिभगवते नमः । 


ऊँ सर्वकर्मोत्थानाय नमः ।


ऊँ मन्थानबहुलवायवे नमः ।


ऊँ सकलाय नमः ।


ऊँ सर्वलोचनाय नमः ।


 


ऊँ तलस्तालाय नमः ।


ऊँ करस्थालिने नमः ।


ऊँ ऊर्ध्वसंहननाय नमः ।


ऊँ महते नमः ।


ऊँ छात्राय नमः ।


ऊँ सुच्छत्राय नमः ।


ऊँ विख्यातलोकाय नमः ।


ऊँ सर्वाश्रयक्रमाय नमः ।


ऊँ मुण्डाय नमः ।


ऊँ विरूपाय नमः ।


 


ऊँ विकृताय नमः ।


ऊँ दण्डिने नमः ।


ऊँ कुदण्डिने नमः ।


ऊँ विकुर्वणाय नमः ।


ऊँ हर्यक्षाय नमः ।


ऊँ ककुभाय नमः ।


ऊँ वज्रिणे नमः ।


ऊँ शतजिह्वाय नमः ।


ऊँ सहस्रपदे नमः ।


ऊँ देवेन्द्राय नमः ।


 


ऊँ सर्वदेवमयाय नमः ।


ऊँ गुरवे नमः ।


ऊँ सहस्रबाहवे नमः ।


ऊँ सर्वांगाय नमः ।


ऊँ शरण्याय नमः ।


ऊँ सर्वलोककृते नमः ।


ऊँ पवित्राय नमः ।


ऊँ त्रिककुन्मंत्राय नमः ।


ऊँ कनिष्ठाय नमः ।


ऊँ कृष्णपिंगलाय नमः ॥ ८५० ॥


 


ऊँ ब्रह्मदण्डविनिर्मात्रे नमः ।


ऊँ शतघ्नीपाशशक्तिमते नमः ।


ऊँ पद्मगर्भाय नमः ।


ऊँ महागर्भाय नमः ।


ऊँ ब्रह्मगर्भाय नमः ।


ऊँ जलोद्भावाय नमः ।


ऊँ गभस्तये नमः ।


ऊँ ब्रह्मकृते नमः ।


ऊँ ब्रह्मिणे नमः ।


ऊँ ब्रह्मविदे नमः ।


 


ऊँ ब्राह्मणाय नमः ।


ऊँ गतये नमः ।


ऊँ अनंतरूपाय नमः ।


ऊँ नैकात्मने नमः ।


ऊँ स्वयंभुवतिग्मतेजसे नमः ।


ऊँ उर्ध्वगात्मने नमः ।


ऊँ पशुपतये नमः ।


ऊँ वातरंहसे नमः ।


ऊँ मनोजवाय नमः ।


ऊँ चंदनिने नमः ।


 


ऊँ पद्मनालाग्राय नमः ।


ऊँ सुरभ्युत्तारणाय नमः ।


ऊँ नराय नमः ।


ऊँ कर्णिकारमहास्रग्विणमे नमः ।


ऊँ नीलमौलये नमः ।


ऊँ पिनाकधृषे नमः ।


ऊँ उमापतये नमः ।


ऊँ उमाकान्ताय नमः ।


ऊँ जाह्नवीधृषे नमः ।


ऊँ उमादवाय नमः ।


 


ऊँ वरवराहाय नमः ।


ऊँ वरदाय नमः ।


ऊँ वरेण्याय नमः ।


ऊँ सुमहास्वनाय नमः ।


ऊँ महाप्रसादाय नमः ।


ऊँ दमनाय नमः ।


ऊँ शत्रुघ्ने नमः ।


ऊँ श्वेतपिंगलाय नमः ।


ऊँ पीतात्मने नमः ।


ऊँ परमात्मने नमः ।


 


ऊँ प्रयतात्मने नमः ।


ऊँ प्रधानधृषे नमः ।


ऊँ सर्वपार्श्वमुखाय नमः ।


ऊँ त्रक्षाय नमः ।


ऊँ धर्मसाधारणवराय नमः ।


ऊँ चराचरात्मने नमः ।


ऊँ सूक्ष्मात्मने नमः ।


ऊँ अमृतगोवृषेश्वराय नमः ।


ऊँ साध्यर्षये नमः ।


ऊँ आदित्यवसवे नमः ॥ ९०० ॥


 


ऊँ विवस्वत्सवित्रमृताय नमः ।


ऊँ व्यासाय नमः ।


ऊँ सर्गसुसंक्षेपविस्तराय नमः ।


ऊँ पर्ययोनराय नमः ।


ऊँ ऋतवे नमः ।


ऊँ संवत्सराय नमः ।


ऊँ मासाय नमः ।


ऊँ पक्षाय नमः ।


ऊँ संख्यासमापनाय नमः ।


ऊँ कलायै नमः ।


 


ऊँ काष्ठायै नमः ।


ऊँ लवेभ्यो नमः ।


ऊँ मात्रेभ्यो नमः ।


ऊँ मुहूर्ताहःक्षपाभ्यो नमः ।


ऊँ क्षणेभ्यो नमः ।


ऊँ विश्वक्षेत्राय नमः ।


ऊँ प्रजाबीजाय नमः ।


ऊँ लिंगाय नमः ।


ऊँ आद्यनिर्गमाय नमः ।


ऊँ सत् स्वरूपाय नमः ।


 


ऊँ असत् रूपाय नमः ।


ऊँ व्यक्ताय नमः ।


ऊँ अव्यक्ताय नमः ।


ऊँ पित्रे नमः । ऊँ मात्रे नमः ।


ऊँ पितामहाय नमः ।


ऊँ स्वर्गद्वाराय नमः ।


ऊँ प्रजाद्वाराय नमः ।


ऊँ मोक्षद्वाराय नमः ।


ऊँ त्रिविष्टपाय नमः ।


ऊँ निर्वाणाय नमः ।


 


ऊँ ह्लादनाय नमः ।


ऊँ ब्रह्मलोकाय नमः ।


ऊँ परागतये नमः ।


ऊँ देवासुरविनिर्मात्रे नमः ।


ऊँ देवासुरपरायणाय नमः ।


ऊँ देवासुरगुरूवे नमः ।


ऊँ देवाय नमः ।


ऊँ देवासुरनमस्कृताय नमः ।


ऊँ देवासुरमहामात्राय नमः ।


ऊँ देवासुरमहामात्राय नमः ।


 


ऊँ देवासुरगणाश्रयाय नमः ।


ऊँ देवासुरगणाध्यक्षाय नमः ।


ऊँ देवासुरगणाग्रण्ये नमः ।


ऊँ देवातिदेवाय नमः ।


ऊँ देवर्षये नमः ।


ऊँ देवासुरवरप्रदाय नमः ।


ऊँ विश्वाय नमः ।


ऊँ देवासुरमहेश्वराय नमः ।


ऊँ सर्वदेवमयाय नमः ॥ ९५० ॥


 


ऊँ अचिंत्याय नमः ।


ऊँ देवात्मने नमः ।


ऊँ आत्मसंबवाय नमः ।


ऊँ उद्भिदे नमः ।


ऊँ त्रिविक्रमाय नमः ।


ऊँ वैद्याय नमः ।


ऊँ विरजाय नमः ।


ऊँ नीरजाय नमः ।


ऊँ अमराय नमः ।


ऊँ इड्याय नमः ।


 


ऊँ हस्तीश्वराय नमः ।


ऊँ व्याघ्राय नमः ।


ऊँ देवसिंहाय नमः ।


ऊँ नरर्षभाय नमः ।


ऊँ विभुदाय नमः ।


ऊँ अग्रवराय नमः ।


ऊँ सूक्ष्माय नमः ।


ऊँ सर्वदेवाय नमः ।


ऊँ तपोमयाय नमः ।


ऊँ सुयुक्ताय नमः ।


 


ऊँ शोभनाय नमः ।


ऊँ वज्रिणे नमः ।


ऊँ प्रासानाम्प्रभवाय नमः ।


ऊँ अव्ययाय नमः ।


ऊँ गुहाय नमः ।


ऊँ कान्ताय नमः ।


ऊँ निजसर्गाय नमः ।


ऊँ पवित्राय नमः ।


ऊँ सर्वपावनाय नमः ।


ऊँ श्रृंगिणे नमः ।


 


ऊँ श्रृंगप्रियाय नमः ।


ऊँ बभ्रवे नमः ।


ऊँ राजराजाय नमः ।


ऊँ निरामयाय नमः ।


ऊँ अभिरामाय नमः ।


ऊँ सुरगणाय नमः ।


ऊँ विरामाय नमः ।


ऊँ सर्वसाधनाय नमः ।


ऊँ ललाटाक्षाय नमः ।


ऊँ विश्वदेवाय नमः ।


 


ऊँ हरिणाय नमः ।


ऊँ ब्रह्मवर्चसे नमः ।


ऊँ स्थावरपतये नमः ।


ऊँ नियमेन्द्रियवर्धनाय नमः ।


ऊँ सिद्धार्थाय नमः ।


ऊँ सिद्धभूतार्थाय नमः ।


ऊँ अचिन्ताय नमः ।


ऊँ सत्यव्रताय नमः ।


ऊँ शुचये नमः ।


ऊँ व्रताधिपाय नमः ॥ १००० ॥


 


ऊँ पराय नमः ।


ऊँ ब्रह्मणे नमः ।


ऊँ भक्तानांपरमागतये नमः ।


ऊँ विमुक्ताय नमः ।


ऊँ मुक्ततेजसे नमः ।


ऊँ श्रीमते नमः ।


ऊँ श्रीवर्धनाय नमः ।


ऊँ श्री जगते नमः ॥ १००८ ॥


बीस साल बाद बन रहा सोमवती अमावस्या का ऎसा संयोग

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आज  है सोमवती अमावस्या ऐसे करें शिव गौरा की पूजा 


सावन के तीसरे सोमवार को ही क्यों मनाते हैं? जानिए पूजा विधि और शुभ मुहूर्त इस बार हरिद्वार का गंगा तट रहेगा सूना


भगवान शिव को समर्पित सावन मास का हर सोमवार बहुत खास होता है, लेकिन इस बार सावन का तीसरा सोमवार ज्यादा फलदायी है, इस बार इसका महत्व और अधिक बढ़ गया है. क्योंकि 20 साल बाद सोमवती अमावस्या का संयोग बन रहा है. इसे हरियाली अमावस्या भी कहते हैं. इससे पहले 31 जुलाई 2000 में ऐसा संयोग बना था. इस अमावस्या पर शिवजी के साथ ही देवी पार्वती, गणेशजी, कार्तिकेय स्वामी और नंदी का विशेष पूजा की जाती है.


पूजा में ऊँ उमामहेश्वराय नम: मंत्र का जाप करें. माता को सुहाग का सामान चढ़ाएं. इसके बाद शिवलिंग पर पंचामृत अर्पित करें. फिर पंचामृत दूध, दही, घी, शहद और मिश्री मिलाकर बनाना चाहिए. सोमवार को चन्द्र, बुध, गुरु, शुक्र और शनि ग्रह भी अपनी राशि में रहेंगे. इस दिन भगवान शिव की पूजन फलदायी रहेगा. महिलाओं को तुलसी की 108 बार परिक्रमा करनी चाहिये.


 


सोमवती अमावस्या मुहूर्त


अमावस्या तिथि प्रारम्भ - 20 जुलाई की रात 12 बजकर 10 मिनट पर


अमावस्या तिथि समाप्त - 20 जुलाई की रात 11 बजकर 02 मिनट पर


हरियाली अमावस्या पर किसी मंदिर में लगाएं पौधा


सावन माह की ये तिथि प्रकृति को समर्पित है. इस दिन प्रकृति को हरा बनाए रखने के लिए पौधा लगाना चाहिए. किसी मंदिर में या किसी सार्वजनिक स्थान पर छायादार या फलदार पौधे लगाएं. साथ ही, इस पौधे का बड़े होने तक ध्यान रखने का संकल्प भी लें.


अमावस्या पर किया जाता है व्रत


जीवन साथी के सौभाग्य और अच्छे स्वास्थ्य के लिए महिलाएं व्रत करती हैं. हरियाली अमावस्या पर मां पार्वती की पूजा करने से कुंवारी कन्याओं को मनचाहा वर मिल सकता है. विवाहित महिलाएं भी इस तिथि पर व्रत करती हैं और देवी मां की पूजा करती है. ऐसा करने से वैवाहिक जीवन सुखी बना रहता है.


अमावस्या पर पितर देवताओं की करें पूजा


अमावस्या तिथि पर घर के तर्पण, श्राद्ध कर्म करने की परंपरा है. परिवार के मृत सदस्यों को ही पितर देवता कहा गया है. अमावस्या तिथि की दोपहर में पितरों के लिए धूप-ध्यान करना चाहिए. गाय के गोबर से बना कंडा जलाएं और उस पर पितरों का ध्यान करते हुए गुड़-घी अर्पित करें.


मोरना में कोरोंना पॉजिटिव मिली बच्ची को किया होम क्वारंटाइन

टीआर ब्यूरो l


मुजफ्फरनगर lमोरना निवासी 8 वर्षीय बालिका की कोरोना रिपोर्ट पॉज़िटिव आने से परिवार में हड़कंप मच गया बालिका को घर पर ही होम क्वारंटाइन किया गया है। मोरना प्रार्थमिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ.अर्जुन सिंह ने बताया कि रविवार को कोरोना जांच सेम्पल की प्राप्त रिपोर्ट में मोरना निवासी बालिका की रिपोर्ट पॉज़िटिव आई है बालिका को कोई भी लक्षण न होने के कारण उसे घर पर ही क्वारण्टाईन किया गया है बालिका के स्वास्थ्य पर लगातार नज़र रखी जायेगी लक्षण दिखाई पड़ने पर अस्पताल भेजा जाएगा अब तक मोरना में कोरोना के कुल सात मरीज़ मिल चुके हैं मोरना ब्लॉक् क्षेत्र के गाँव भुवापुर व एक योगेन्द्रनगर नगर निवासी एक एक व्यक्ति कोरोना पॉज़िटिव पाया जा चुका है सभी आठ मरीज़ों को बेगराजपुर अस्पताल में भेजा जा चुका है मोरना में कोरोना के संक्रमण को देखते हुवे रविवार को अग्निशमन विभाग द्वारा मुख्य मार्गों व सार्वजनिक स्थानों पर दवा का छिड़काव किया गया मोरना में जानसठ मार्ग सहित अन्य गलियों को प्रशासन द्वारा सील किया हुआ है।


तेवडा में खूनी संघर्ष कई घायल l

टीआर ब्यूरो l


मुज़फ्फरनगर l ककरौली थाना क्षेत्र के गाँव तेवड़ा में मामूली कहासुनी के उपरांत खूनी संघर्ष


दोनो पक्षों के आधा दर्जन व्यक्तियों के घायल होने की सूचना,एक युवक की हालत गम्भीर


खतौली लेखपाल संघ के अध्यक्ष मिले कोरोंना पॉजिटिव

टीआर ब्यूरो l


मुजफ्फरनगर  l जिले में पाए गए  आज कोरोना पॉजिटिव में खतौली तहसील में  लेखपाल संघ के अध्यक्ष  कोरोना पॉजिटिव पाए गए


T. R. PRIME : 2 दिवसीय लॉक डाउन कितना सही, कितना गलत: देखे वीडियो

टीआर प्राइम l




मुजफ्फरनगर l आज के प्राइम शो में हमने जाना कि प्रदेश सरकार द्वारा कोरोना के चलते लगाए गए दो  दिवसीय लोक डाउन के विषय में मुजफ्फरनगर की जनता एवं व्यापारी नेताओ इंडस्ट्री से जुड़े व्यक्तियों द्वारा क्या राय दी गई  तथा उनकी नजरों में प्रदेश सरकार द्वारा लगाया गया दो दिवसीय लॉकडाउन कितना सही है


इस कार्यक्रम के प्रायोजक है



खतरा : कोरोना का सामुदायिक संक्रमण शुरू

मुजफ्फरनगर । कोरोना वायरस को लेकर काफी समय से बहस चल रही है कि क्या देश में यह सामुदायिक संक्रमण के स्तर तक पहुंच चुका है। इसी पर अपनी राय रखते हुए सर गंगा राम अस्पताल के डॉक्टर ने दावा किया है कि कोरोना वायरस का सामुदायिक संक्रमण शुरू हो चुका है। चेस्ट सर्जरी सेंटर के चेयरमैन डॉक्टर अरविंद कुमार ने कहा कि पिछले कुछ समय से सामुदायिक संक्रमण फैल रहा है। मुंबई के धारावी और दिल्ली के कुछ क्षेत्रों में ऐसी स्थिति है। उन्होंने कहा कि वह भारतीय मेडिकल एसोसिएशन से पूरी तरह सहमत हैं कि भारत में सामुदायिक संक्रमण शुरू हो गया है।


मस्जिद का भी शिलान्यास कराओ मोदी जी: इकबाल अंसारी

अयोध्या. दशकों के लंबे इन्तजार के बाद 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में राम मंदिर के लिए भूमि पूजन कर सकते हैं. इस खबर के बाद रविवार को बाबरी मस्जिद के मुद्दई रहे मोहम्मद इकबाल अंसारी ने पीएम नरेंद्र मोदी के आने की खबर पर खुशी जताई है. पीएम मोदी के अयोध्या दौरे से पहले इकबाल अंसारी ने प्रधानमंत्री से अपील की हैं. इकबाल अंसारी ने कहा कि मस्जिद की जमीन पर हो अस्पताल और स्कूल का शिलान्यास हो, ऐसी मेरी मांग है. क्योंकि इससे अयोध्या के लोगों को शिक्षा और रोजगार दोनों मिलेगा.


उन्होंने स्वागत करने की इच्छा जताते हुए कहा कि राम मंदिर निर्माण में मैं अयोध्या की जनता और संतों के साथ हूं. क्योंकि 70 साल का विवाद अब खत्म हो चुका है. अंसारी ने कहा कि पीएम मोदी के अयोध्या दौरे की खबर से राम की नगरी में खुशी का माहौल है. बता दें कि ऐसा पहली बार होगा जब प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी अयोध्या पहुंचेंगे. कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री करीब तीन घंटे अयोध्या में गुजारेंगे. इसके साथ ही वे पहली बार रामलला का भी दर्शन करेंगे. हालांकि कोरोना संकट की वजह से प्रधानमंत्री के दौरे को लेकर तैयारियों के लिए जिला प्रशासन के पास वक्त भी बहुत कम है. जैसे ही पीएमओ की तरफ से कार्यक्रम आएगा, सभी तैयारियां शुरू कर दी जाएंगी.


पांच हजार वर्ष पहले इस महाबली ने उड़ाया था विमान

कोलंबो। पांच हजार वर्ष पहले हवाई जहाज उड़ाने की बात काल्पनिक नहीं हैं। श्रीलंका की सरकार ने एक विज्ञापन जारी कर लोगों से रावण के बारे में कोई भी दस्तावेज शेयर करने को कहा है. ये विज्ञापन पर्यटन और उड्डयन मंत्रालय ने अलग-अलग अखबार में जारी किया है.



 


विज्ञापन में लोगों से अनुरोध किया गया है कि वे राजा रावण से संबंधित कोई भी दस्तावेज या किताबें शेयर कर सकते हैं ताकि सरकार को पौराणिक राजा और खोई विरासत पर एक महत्वाकांक्षी रिसर्च करने में मदद मिल सके. श्रीलंकाई सरकार का मानना ​​है कि रावण दुनिया का पहला विमान चालक था और उसने 5,000 साल पहले उड़ान भरी थी. देश के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण ने अब प्राचीन काल में उड़ान भरने के लिए उसके द्वारा इस्तेमाल किए गए तरीकों को समझने के लिए एक पहल शुरू की है.


ये पौराणिक कथा नहीं, तथ्य है!


कोलंबो से टेलीफोन पर एक चैनल से बात करते हुए, सिविल एविएशन अथॉरिटी के पूर्व उपाध्यक्ष शशि दानतुंज ने कहा कि उनके पास ये साबित करने के लिए ढेर सारे तथ्य हैं कि रावण विमान का इस्तेमाल करने वाला पहला व्यक्ति था. उन्होंने आगे कहा, 'राजा रावण एक प्रतिभाशाली व्यक्ति थे. वो उड़ान भरने वाले पहले व्यक्ति थे. ये पौराणिक कथा नहीं है. ये एक तथ्य है. इस पर एक विस्तृत शोध किए जाने की आवश्यकता है. अगले पांच वर्षों में, हम ये साबित करेंगे.'


जिले में 9 नए कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद फैली सनसनी

 मुजफ्फरनगर l जिले में आज 9 नए कोरोना पॉजिटिव पाए गए।   जिलाधिकारी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इस तरह  एक्टिव मामले 166 हो गये हैं। आज कुल 345 की जांच रिपोर्ट आई है जिनमे 9 संक्रमित मिले है। जिनमे वहलना, मोरना, खतौली, सरवट गेट, ब्रह्मपुरी, कृष्णा पुरी और खालापार से एक -एक और बुढाना में मेन बाज़ार से दो पॉजिटिव मिले है। आज 10 मरीज ठीक होकर डिस्चार्ज हो गए है। इस तरह अभी 166 एक्टिव केस हैं। 


 


जिले में अब सुबह 9 से शाम 7 बजे तक खुलेंगे बाजार

मुज़फ्फरनगर l जनपद में कोविड 19 के बढ़ते संक्रमण के दृष्टिगत सोमवार से शुक्रवार तक खुलने वाले बाजार के समय में  परिवर्तन किया गया है। 


 अब सोमवार से प्रातः 9:00 बजे से सायं 7:00 बजे तक ही खुलेंगे बाजार। जिलाधिकारी ने जारी किए आदेश।


जिलाधिकारी द्वारा जारी किए गए आदेशों में व्यापारी नेता संजय मित्तल द्वारा मांग की गई थी। 


टीआर न्यूज़ द्वारा व्यापार व्यापारियों की इस खबर को प्रमुखता के साथ दिखाया गया था जिसके बाद आज जिलाधिकारी द्वारा बाजार खोलने  के समय में परिवर्तन किया गया है। अब जिले में बाज़ार खुलने का समय घटा दिया गया है ,कल से बाज़ार शाम 7 बजे तक ही खुलेंगे। जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे ने बताया कि सोमवार से बाज़ार सुबह 9 बजे से शाम 7 बजे तक खुला करेंगे।


बकरीद पर ईदगाह और मस्जिदों में नमाज की इजाजत नहीं


देहरादून. इस बार बकरीद पर ईदगाह और मस्जिदों में नमाज अदा नहीं की जाएगी. साथ ही नमाज अदा करने के बाद दी जाने वाली कुर्बानी के लिए स्थान चिन्हित किए जाएंगे. कोई भी कहीं पर कुर्बानी नहीं दे सकता है. 31 जुलाई को होने वाली बकरीद के लिए पुलिस- प्रसाशन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. इसके लिए डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने शनिवार को जिला स्तरीय अधीनस्थ कर्मचारियों और पुलिस कर्मियों की मीटिंग ली.


डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने सभी अधिकारियों को बकरीद को लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं. साथ ही कोरोना महामारी के चलते बकरीद के त्योहार को किस तरह से सकुशल मनाया जाए इसके ऊपर बातचीत की गई है. देहरादून जिले के कप्तान और डीआइजी अरुण मोहन जोशी ने बताया कि पूरे देश में इस समय कोरोना वायरस का प्रकोप है. ऐसे में मनाई जाने वाली बकरीद को लेकर विचार विमर्श किया गया. साथ ही सभी थाना चौकियों को निर्देशित किया गया है कि स्थानीय स्तर पर इलाके के समुदाय से जुड़ें, प्रभुद्ध जनों से मीटिंग कर बकरीद पर दी जाने वाली कुर्बानी के लिए एक उपयुक्त स्थान चिन्हित किया जाय. इसके लिए एसडीएम, डीएम से अनुमति लेने के बाद कुर्बानी दी जाए. इस दौरान सोशल डिस्टनसिंग का पूर्ण ख्याल रखा जाय.


लो जी अब हरियाली तीज भी ऑन लाइन

मुजफ्फरनगर । इनरव्हील मुजफ्फरनगर सनराइस द्वारा दिनांक: 17 जुलाई को ज़ूम के द्वारा आयोजित सनराइस मेमब्रस के साथ संयुक्त रूप से मनाl ई। 


सनराइस क्लब द्वारा आज शाम को जिला प्रशासन के निर्देशों का पालन करते हुए सोशल डिस्टेंसिंग व मास्क लगाकर अधिष्ठापन समारोह तथा हरियाली तीज का आयोजन किया गया, जिसमें ज़ूम पर मुख्य अतिथि के रूप में डिस्ट्रिक्ट चेयरमैन श्रीमती संतोष शर्मा जी तथा ESO श्रीमती आशा जैन हमारे साथ रही । हमने ईश्वर के सामने दीपक जलाकर इनरव्हील प्रेयर करके अपने क्लब का नए सत्र का शुभारंभ किया, डिस्ट्रिक्ट चेयरमैन श्रीमती संतोष शर्मा जी द्वारा अध्यक्षा मिस राना परवीन जी एवं सचिव कालर पहनाकर व श्रीमती चित्रा जी को सेक्रेटरी पिन लगाकर व क्लब के अन्य बोर्ड मेंबर्स को उनके लेबल पिन लगाए गए, वह कार्यभार सौंपा गया तथा हमारी डिस्टिरक ESO श्रीमती आशा जैन जी ने अपने विचार हमारे समक्ष रखे तथा मुख्य अतिथि श्रीमती संतोष शर्मा जी द्वारा कुछ नई गाइडलाइन सभी मेंबर को बताई गई वह हमारे क्लब के पिछले वर्ष में किए गए कार्यों की सराहना की व हमारे क्लब को डिस्ट्रिक्ट की तरफ से गोल्ड पुरस्कार मिला ।


 अंत मे सभी का आभार व्यक्त किया गया कार्यक्रम को सफल बनाने में श्रीमती गायित्री जी ,श्रीमती प्रगाति जी, श्रीमती सारिका गर्ग जी श्रीमती दीपा सोनी जी, श्रीमती priyanka


 श्रीमती बबली अहलावत, श्रीमती साइरा हसन जी , श्रीमती नीना कुमार का विशेष योगदान रहा है। 


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