मथुरा । लोकसभा चुनाव में दोस्ती करने वाली रालोद और भाजपा के गठबंधन में अब दरार पड़ती दिख रही है। सत्ताधारी दल के विधायक और रालोद के पूर्व विधायक और एमएलसी में तनातनी ने सियासी दोस्ती पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पहले गन्ना विकास एवं चीनी मिल मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण ने रालोद को पट्टपांव (अशुभ) पार्टी करार दिया, अब भाजपा के मांट विधायक राजेश चौधरी ने रालोद एमएलसी योगेश नौहवार पर सरकारी विकास कार्यों पर अपनी शिलापट्टिका अवैध रूप से लगाने की शिकायत सीएम से की। अवैध पट्टिकाएं हटाने का आदेश भी लोक निर्माण विभाग ने दे दिया।
रालोद और भाजपा के नेताओं में तनातनी से दोनों दलों के अन्य नेता भी असहज महसूस कर रहे हैं। इसका असर अगले वर्ष होने वाले पंचायत चुनाव और फिर विधानसभा चुनाव में भी दिखेगा। दोनों दलों में दरार कैसे पड़ी, इसे भी जरा समझ लीजिए। पूर्व मंत्री ठाकुर तेजपाल सिंह और गन्ना विकास एवं चीनी मिल मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण के बीच वर्षों से छाता विधानसभा में सियासी खींचतान है। पिछले दिनों तेजपाल सिंह के घर रालोद मुखिया जयन्त चौधरी पहुंचे तो फिर मीडिया में तेजपाल सिंह ने बयान दिया कि इस बार छाता की सीट रालोद के खाते में आएगी और उनका बेटा चुनाव लड़ेगा।
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