मुजफ्फरनगर। शीत लहर से बचाव के लिए जिला आपदा प्रबन्ध प्राधिकरण की ओर से एडवाइजरी जारी की गयी है ताकि तेज ठण्ड में कोई जनहानि न हो पाये। इसके लिये जनपद के सभी विभागों को अलग-अलग जिम्मेदारी सौंप दी गयी है। अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व गजेन्द्र कुमार ने बताया कि शीतलहर के दौरान जरूरतमन्द लोगों को कम्बल वितरण किया जायेगा। इसके अलावा शेल्टर होम एवं अलाव की भी व्यवस्था की जा रही है।
उन्होनें बताया कि सडकों मे बने गडढों का मरम्मत कार्य तत्काल पूर्ण कराया जाये। साथ ही डिवाईडर की मरम्मत एवं मानक के अनुसार उनका रंग-रोगन का कार्य पूर्ण हो। विभिन्न प्रकार की सडक की सतह का अंकन गतिरोधक, जैब्रा क्रासिंग आदि पर पेन्टिंग का कार्य निर्धारित मानक के अनुसार सुनिश्चित हो। अति संवेदनाील/दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्र/तीखे मोड, जहां पर प्रायः दुर्घटनायें होती है, को सूचीबद्ध कर दुर्घटना अवरोधक/रक्षात्मक कार्य पूर्ण कराना सुनिश्चित करें। जनपद में विभिन्न विकास परियोजनायें संचालित हैं, जिस हेतु अनेक स्थानों पर गडढे खोदने व सडक आदि का निर्माण किया जा रहा है, उक्त स्थलों पर सुरक्षात्मक कार्य तत्काल पूर्ण कराया जाना सुनिश्चित किया जाये। प्रमुख मार्गों/सडकों व मौहल्लों में स्थापित प्रकाश बिन्दुओं, जो कि खराब व क्षतिग्रस्त है, उन्हें तत्काल ठीक करायें। साथ ही निर्धारित समयानुसार उनके चालू एवं बंद होने का कार्य सुनिश्चित करे।
वाहनों पर चेतावनी स्टीकर (रेडियम)ः- समस्त वाहनों पर नारंगी रंग का चेतावनी स्टीकर (रेडियम) लगवाना सुनिश्चित करें, जिससे कि वाहनों के मध्य उचित दूरी बनाये रखने तथा अस्पतालों, बस, स्टेशन, बाजारों जैसे भीडभाड वाले सार्वजनिक स्थानों पर फेस मास्क लगाये जाने के लिए जागरूक करना तथा शीत लहरी के दौरान दुर्घटनाओं को न्यून किये जाने हेतु यातायात नियमों को पालन कराने के लिए चालान स्थाई समाधान नही है। हमें जागरूकता पर बल देना होगा। इसी प्रकार शीतलहरी के दौरान यह भी सुनिश्चित किया जाये कि कोई व्यक्ति सडक आदि पर सोता हुआ नही पाया जाये। हर जरूरतमन्द के लिए रैन बसेरें की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है तथा शीतलहर से समस्या/रैन बेसरा की स्थिति हेतु ई0ओ0सी0 कमाण्ड सैन्टर के दूरभाष नम्बर 9412210080, टेलीफोन नम्बर-01312436918 एवं आपदा टोल फ्री नम्बर 1077 की भी सहायता ली जा सकती है।
अलाव व कंबल की व्यवस्थाः- शासन के सहयोग से महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्थलों पर अलाव जलाने की यवस्था की जानी है। ऐसे स्थलों को चिन्हित कर सूचीबद्ध कर लें। साथ ही अपने कार्यक्षेत्र में लेखपाल, ग्राम विकास अधिकारी आदि के माध्यम से स्वैच्छिक संगठनों व अलाव जलवाने तथा जनप्रतिनिधियों के माध्यम से भी निराश्रितों को कंबल वितरण हेतु प्रेरित करनें तथा शीतलहरी के दौरान होने वाली ठण्ड से लोगों को बचाव आदि के सम्बन्ध में भी जागरूक किया जायें।
रैन बसेरों की सफाई एवं आवश्यक संसाधनः- विभाग द्वारा संचालित रैन बसेरों की सफाई एवं आवश्यक संसाधनों तथा शौचालयों, विद्युत आपूर्ति, जलापूर्ति, पेयजल, कंबल, चादर, तकिया, गद्दा आदि अन्य आवश्यक व्यवस्थायें कराना सुनिश्चित करें। कोविड-19 के दृष्टिगत सोशल डिस्टेसिंग, सेनेटाईजर, मास्क, थर्मोस्कैनर आदि संसाधनो की व्यवस्था पूर्व से ही सुनिश्चित कर ली जाये। साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि समस्त रैन बसेरे कोविड-19 के दृष्टिगत सभी रैन बसेरों में साफ-सफाई, सैनिटाइजेशन आदि करायी जाये सभी कार्य गुणवत्तापूर्वक ढंग से 24 × 7 क्रियाशील रहें।
अग्निकाण्डः- प्रायः ग्रामीण आंचल में ग्रामीणों द्वारा जलाये जाने वाले अलाव को ठीक ढंग से न बुझाये जाने के कारण अग्निकांड की घटनायें घटित हो जाती है। उक्त के दृष्टिगत अग्निशमन विभाग द्वारा मुख्यालय व तहसीलों में स्थापित उपकेन्द्रों को आवश्यक संसाधनों सहित 24 × 7 क्रियाशील रखा जाये। साथ ही लेखपाल/ग्राम विकास अधिकारी के माध्यम से ग्राम स्तर पर बैठक आयोजित कर अग्निकांड से बचाव हेतु नागरिकों को प्रेरित करें।
बीमारी से बचावः- शीतलहर में प्रायः पशुओं में विशेषकर उनके बछडों को निमोनिया, डायरिया इत्यादि तथा टीकाकरण न होने के कारण खुरपका, मुंहपका आदि बीमारी होने की संभावना बनी रहती है। पशुओं को सुरक्षित रखने हेतु टीकाकरण का कार्य नियमित रूप से संचालित किया जाये। साथ ही पशु केन्द्रों पर आवश्यक दवाईयों का भंडारण सुनिश्चित हो। पशु चिकित्सकों के माध्यम से ग्रामीणांें को पशु की सुरक्षा एवं शीतलहर से बचाव हेतु जागरूक किया जाये।
विद्यार्थियों को जागरूक किया जानाः- जनपद के समस्त विद्यालयों को शिक्षकों के माध्यम से ठंड से बचाव एवं कोविड-19 के सम्बन्ध में फेस मास्क, सैनिटाईजेशन आदि के लिऐ जाने वाले उपायों, खान-पान विषय में प्रशिक्षित व जागरूक किया जाये। साथ सडक दुर्घटना के सम्बन्ध में बेसिक और माध्यमिक स्कूलों में बच्चों को यातायात/ट्रैफिक के नियमों के सम्बन्ध में जागरूक करने के लिए कार्यक्रम संचालित किए जाये तथा उक्त जानकारी पोस्टर इत्यादि के माध्यम से भी प्रदर्शित किया जाये।
आपातकालीन सेवायेंः- घने कोहरे आदि के कारण घटित होने वाली सडक दुर्घटनाओं में घायल व्यक्तियों के त्वरित बचाव एवं उपचार हेतु यह आवश्यक है कि जिला व ब्लाक स्तर पर स्थापित स्वास्थ्य केन्द्रों एवं निजी चिकित्सालयों में बेड आरक्षित कर लिये जायें। साथ ही आवश्यक दवाईयों का भंडारण व चिकित्सकों की उपलब्धता 24 × 7 सुनिश्चित की जाये। रैपिड रेस्पान्स टीम को क्रियाशील किया जाये। सरकारी व गैर सरकारी एम्बुलैन्सों को सूचीबद्ध करते हुये आवश्यकतानुसार उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाये।
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