नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के बांदा की महिला जज की वायरल चिट्ठी का सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया है. बांदा की महिला जज की चिट्ठी पर सुप्रीम कोर्ट ने दखल दिया है और सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से इस मामले में स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। दरअसल, बांदा जिले की महिला सिविल जज ने भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ से अपना जीवन समाप्त करने की अनुमति मांगी है. इस संबंध में उन्होंने एक पत्र भेजा है, जिसमें जिला जज द्वारा यौन उत्पीड़न करने का गंभीर आरोप भी लगाया है।
गुरुवार की देर रात चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट के सेकेट्री जनरल अतुल एम कुरहेकर को इलाहाबाद हाईकोर्ट प्रशासन से स्टेटस रिपोर्ट मांगने को कहा। एसजी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को पत्र लिखकर महिला जज द्वारा दी गई सारी शिकायतों की जानकारी मांगी है।
साथ ही शिकायत से निपटने वाली आंतरिक शिकायत समिति के समक्ष कार्यवाही की स्थिति के बारे में पूछा है. बता दें कि महिला जज की चिट्ठी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने यह कदम उठाया है।
जानकारी के मुताबिक, सीजेआई चंद्रचूड़ के निर्देश पर उनके कार्यालय ने इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट से शिकायत की वर्तमान स्थिति की जानकारी आज दोपहर 11 बजे तक भेजने को कहा है. हालांकि ये भी जानकारी मिली है कि हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश ने भी महिला जज के खुले पत्र का संज्ञान लिया है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 13 दिसंबर को महिला जज की याचिका खारिज कर दी थी. कोर्ट का कहना था कि अंदरूनी कमेटी इस मामले को देख रही है, लिहाजा इसमें दखल देने का कोई कारण नजर नहीं आता।
यूपी की महिला जज ने सीजेआई चंद्रचूड़ को लिखे खत में आग्रह किया है कि उन्हें इच्छामृत्यु की अनुमति दी जाए। खत में कहा गया है कि एक जिला जज द्वारा उसका यौन उत्पीड़न किया गया. महिला जज का आरोप है कि बाराबंकी में तैनाती के दौरान जिला जज द्वारा शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना दी गई। वे महिला जज को रात में मिलने को कहते हैं. महिला जज का कहना है कि इस बारे में उन्होंने कई बार शिकायत की थी, मगर अब तक उनकी शिकायत पर कोई सुनवाई नहीं हुई है. इससे निराश होकर उसने मुख्य न्यायाधीश को पत्र भेजा है।
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