रविवार, 17 दिसंबर 2023

यूपी में अब इन कानूनों में जेल नहीं जाएंगे उद्यमी


 लखनऊ । यूपी में उद्यमियों को अब जेल नहीं भेजा जाएगा। उद्यमियों से संबंधित 577 नियमों को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया गया है।

उत्तर प्रदेश के उद्यमियों की कुछ नियमों की अवहेलना पर जेल जैसे प्रावधानों को लेकर थी। सभी बड़े औद्योगिक संगठनों ने इस संबंध में समस्याएं शासन को बताई थीं। उनकी आपत्तियों और परेशानियों को देखते हुए जेल भेजने के प्रावधान को खत्म कर दिया गया। उद्यमी को अपराधी बनाने वाले ये नियम सबसे ज्यादा अग्निशमन, श्रम, परिवहन और विधिक माप विज्ञान विभागों के थे। अब ऐसे कानूनों की कंपाउंडिंग कर दी गई है। यानी उन्हें अपराध के स्थान पर आर्थिक दंड में बदल दिया गया है। इसी तरह उप्र. औद्योगिक अशांति अधिनियम (मजदूरी का समय पर भुगतान) 1978 के अंतर्गत जेल भेजने के प्रावधान को भी अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया गया है। अकेले 450 से ज्यादा पत्र इसी कानून को खत्म करने के लिए औद्योगिक संगठनों ने दिए थे। कारोबारियों की दलील थी कि केवल एक शिकायत पर विभाग और पुलिस उद्यमी पर केस दर्ज कर लेता है। जेल भेजने का खौफ दिखाकर पुलिस उत्पीड़न करती थी। अब इसे समाप्त कर दिया गया है। जिन विभागों से नियम खत्म हुए उनमें कृषि, बेसिक शिक्षा, वाणिज्य कर, सहकारी, धर्मार्थ कार्य, ऊर्जा, आबकारी, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, उच्च शिक्षा, गृह विभाग, आवास, सिंचाई एवं जल संसाधन, न्याय, विधिक माप विज्ञान, पंचायती राज, राजस्व, चीनी उद्योग, गन्ना विकास, प्राविधिक शिक्षा, परिवहन और नगर विकास विभाग शामिल हैं।

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