लखनऊ । उत्तर प्रदेश में औद्योगिक निवेश के लिए नोडल विभाग इन्वेस्ट यूपी के डेटा के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2020 में उत्तर प्रदेश में 1738 करोड़ रुपए का एफडीआई आया था, जो देश में आए कुल एफडीआई का 0.49 प्रतिशत था। वहीं 2021 में उत्तर प्रदेश में 4861 करोड़ रुपए का एफडीआई आया। यह देश में आए कुल एफडीआई का 1.10 प्रतिशत रहा। इसी तरह उत्तर प्रदेश ने वित्त वर्ष 2022 में 3357.57 करोड़ रुपए का एफडीआई आकर्षित किया, जो पूरे देश में कुल एफडीआई का 0.77 प्रतिशत रहा। इन्वेस्ट यूपी के अनुसार वित्त वर्ष 2023 में अब तक यूपी में 3372.72 करोड़ रुपए का एफडीआई आ चुका है जो देश में हुए कुल एफडीआई का 0.92 प्रतिशत है। इस दौरान कई प्रमुख विदेशी निवेशकों ने उत्तर प्रदेश में अपनी व्यावसायिक योजनाओं का विस्तार किया है। इसमें सैमसंग (दक्षिण कोरिया), माइक्रोसॉफ्ट (यूएसए), उबर (यूएसए), पेप्सिको (यूएसए), फेयरफॉक्स (यूएसए), हिंदुस्तान यूनिलीवर (यूके), एबी मौरी (यूके), एयर लिक्विड (फ्रांस), सिफी (यूएसए), एसटीटी ग्लोबल (सिंगापुर), एनटीटी (जापान), लुलु ग्रुप (यूएई), वीवो (चीन), हायर (चीन), होलीटेक (चीन), सनवोडा (चीन), लुआचुआंग एलसीई (चीन) आदि शामिल हैं।
2023-24 में कुछ प्रमुख अंतरराष्ट्रीय निवेशक उत्तर प्रदेश में अपनी व्यावसायिक योजनाओं का विस्तार करने जा रहे हैं। ऐसे निवेशकों से 3,700 करोड़ रुपए के निवेश की उम्मीद है। उदाहरण के तौर पर यूके का सस्टीन लि. मुजफ्फरनगर में 500 करोड़ के निवेश से सस्टेनेबल प्रोटीनः चीनी से प्रोटीन की परियोजना स्थापित करने जा रहा है। इससे 100 लोगों को रोजगार भी उपलब्ध कराएगा। इसी तरह यूएई का शराफ ग्रुप कानपुर में 1250 करोड़ की लागत से लॉजिस्टिक पार्क की स्थापना भी करेगा। इससे 1250 लोगों को रोजगार मिलेगा। यूएसए का पेरोस्फीयर इंडिया गौतमबुद्धनगर में 570 करोड़ के निवेश से नोवेल कोगुलोमीटर प्रणाली से संबंधित प्रोजेक्ट लगाएगा जिसमें कोगुलोमीटर रीडर और क्यूवेट (डिस्पोजेबल घटक) दोनों शामिल हैं। इससे 225 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जा सकेगा।
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