नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की रोक-थाम को लेकर ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) रविवार से लागू कर दिया गया है। हॉट स्पॉट के साथ निमार्णाधीन स्थलों पर पहले चरण में निरीक्षण और सावधानी बरती जाएगी। नियमों के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई के साथ जुर्माने का प्रावधान है। इसके साथ ही 500 स्क्वायर मीटर में बड़ी उन निर्माण स्थलों पर रोक रहेगी, जिन्होंने संबंधित एजेंसी के पास रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया है। इस दौरान सिविक एजेंसियां मशीनों से सफाई करेंगी। खूले में कूड़ा जलाने में प्रतिबंध है। पहले फेज में एक्यूआई 201 से 300 होने पर डीजल जनरेटर सेट्स के रेगुलर पावर सप्लाई की पाबंदी है। हालांकि, 31 दिसंबर तक आपातकालीन सेवाओं की नौ महत्वपूर्ण श्रेणियों में डीजल जनरेटर सेट के इस्तेमाल के लिए तीन महीने की राहत दी गई है। चरण दो के तहत एक्यूआई 301 से 400 होने पर डीजल जनरेटर सेट्स पर बैन का नियम है।
चार स्टेज में लागू होगा ग्रैप
स्टेज-1 (एक्यूआई 201 से 300 के बीच)
-सड़कों का नियमित तौर पर पानी का छिड़काव।
-निमार्णाधीन स्थलों पर एंटी स्मॉग गन।
-निर्माणधीन स्थल व निर्माण सामग्री व उसको ले जाने वाले वाहनों को ढंकना अनिवार्य।
-आवाजाही सामान्य रखने के लिए ट्रैफिक पुलिस की जाम प्वाइंट पर तैनाती।
-जनरेटर चलाने पर बंदिश।
-खुले में कूड़ा जलाने की इजाजत नहीं।
-पीयूसी नियमों का सख्ती से पालन।
स्टेज-2 (एक्यूआई 301 से 400)
-इमरजेंसी सेवाओं के अलावा डीजल जनरेटरों पर बैन
-होटल, रेस्तरां, भोजनालयों व ढाबों के तंदूर में लकड़ी व कोयले का इस्तेमाल बंद
-पार्किंग फीस को बढ़ाया जाएगा
-अतिरिक्त बसें चलाई जाएंगी
-स्टेज-1 की बंदिशें लागू रहेंगी।
स्टेज-3 (401 से 450)
-जरूरी निर्माण को छोड़कर अन्य निर्माण पर रोक, प्लंबिंग, इंटीरियल डेकोरेशन से जुड़े काम किए जा सकते हैं।
-ईंट भट्टे, हॉट मिक्स प्लांट, स्टोन क्रशर जो क्लीन फ्यूल का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं बंद रहेंगे
-एनसीआर में माइनिंग से जुड़ी गतिविधियां बंद रहेंगी
-राज्य सरकार बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल कारों पर रोक लगा सकती हैं।
-स्टेज एक व दो की बंदिशें पूर्ववत रहेंगी।
स्टेज-4 (450 से अधिक)
-जरूरी सामानों के अलावा अन्य डीजल ट्रकों के प्रवेश पर रोक, सीएनजी और इलेक्ट्रिक ट्रक चल सकेंगे।
-राजधानी के अंदर भी मध्यम और बड़ी गाड़ियां नहीं चल सकेंगी, सिर्फ जरूरी सामानों से जुड़ी गाड़ियों को छूट रहेगी।
-हाइवे, सड़कों, फ्लाईओवर, ओवरब्रिज, पावर ट्रांसमिशन और पाइपलाइन जैसे बड़े प्रोजक्ट के निर्माण पर भी रोक।
-सरकारी और प्राइवेट आॅफिस में 50 प्रतिशत स्टाफ वर्क फ्रॉम होम रहेंगे (राज्य सरकार पर निर्भर)
-राज्य सरकार स्कूलों, कॉलेजों, एजुकेशनल इंस्टीट्यूट, गाड़ियों को आॅड-ईवन पर चलाने जैसे निर्णय ले सकती हैं।
-स्टेज एक दो व तीन में नहीं मिलेगी कोई ढील।
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