मुजफ्फरनगर। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के मिशन चंद्रयान-3 की चंद्रमा की सतह पर साफ्ट लैंडिंग में मुजफ्फरनगर के बेटा और एक बेटी का अहम योगदान रहा। इनके परिवारों में आज जश्न का माहौल नजर आया। स्कूलों में भी आज लाइव प्रसारण देख रहे छात्र-छात्राएं खुशी से झूम उठे।
जिले के स्कूलों में छात्र-छात्राओं में चंद्रयान-3 की लैंडिंग के लाइव प्रसारण को लेकर खासा उत्साह नजर आया है। जनपद वासियों का गर्व इसलिए भी अधिक रहा क्यों कि जिले के अवध विहार निवासी शितिशा और उनकी टीम ने जहां चंद्रयान-3 के लैंडर का निर्माण किया, वहीं खतौली निवासी इसरो के वैज्ञानिक अरीब अहमद इस मिशन में भागीदारी की। चांद पर तिरंगा लहराते ही जिले में उनके घरों पर दिवाली और ईद जैसी खुशियां नजर आर्इं। मिठाइयां बांटी गर्इं और परिजनों को बधाईयों का तांता लगा रहा। शहर के अवध विहार निवासी जैन कन्या इंटर कॉलेज की प्रधानाचार्या डॉ. कंचन प्रभा शुक्ला की इसरो में 2017 से कार्यरत बेटी शितीशा भी चंद्रयान-3 का हिस्सा रहीं। पिता शरद वाजपेई जिला ग्राम्य विकास अभिकरण में बतौर प्रोग्रामर कार्यरत हैं। वह चंद्रयान-2 और गगनयान मिशन की इलेक्ट्रॉनिक्स विशेषज्ञ टीम में रह चुकी है। इस बार उनकी टीम ने लैंडर का निर्माण किया। जवाहर नवोदय विद्यालय बघरा की छात्रा रहीं शितीशा ने मदन मोहन मालवीय कॉलेज गोरखपुर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की।
मुजफ्फरनगर के खतौली निवासी इसरो के वैज्ञानिक अरीब अहमद के घर पर भी जश्न का माहौल नजर आया। मोहल्ला मिट्ठू लाल निवासी अरीब अहमद श्रीहरिकोटा में इसरो के इंजीनियर सेक्शन में वैज्ञानिक हैं। उनके सेक्शन में ही चंद्रयान-3 की जांच हुई थी। गोल्डन हार्ट एकेडमी से पढ़ाई करने के बाद अब इसरो में अरीब काम कर रहे हैं। उनके घर पर लोग बधाईयां देने पहुंचे।
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