नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को भारत में जातियों के दोबारा वर्गीकरण की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया। साथ ही याचिकाकर्ता को फटकार लगाते हुए उसपर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया।
सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ ने एक वकील द्वारा दायर याचिका खारिज कर दी और याचिकाकर्ता पर 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया। पीठ ने कहा कि यह कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग है। इस तरह की जनहित याचिकाएं बंद होनी चाहिए।
शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा कि संविधान के अनुच्छेद 32 का आह्वान करते हुए केंद्र को जाति व्यवस्था के पुन: वर्गीकरण के लिए एक नीति तैयार करने का निर्देश देने की मांग की गई है।
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