बुधवार, 17 मई 2023

मुजफ्फरनगर पंजाबी समाज ने दिखाया दोनों मंत्रियों को आईना, खुद समाज में ही निपटा ऑडी कार का फैसला, कहीं ये बड़ी बात

 


मुजफ्फरनगर। गांधी कॉलोनी के नवनिर्वाचित सभासद और पूर्व सभासद के चुनावी विवाद में जिले के दोनों मंत्री आमने-सामने आ खड़े हुए थे, परन्तु बीती रात दोनों पक्षों ने समाज के समक्ष आपस में ही बैठकर फैसला कर लिया। समाज के नाम पर दोनों मंत्रियों से राय लेना भी उचित नहीं समझा गया । निकाय चुनाव में गांधी कॉलोनी जो कि भारतीय जनता पार्टी का सबसे मजबूत गढ़ माना जाती रही है। उसमें निकाय चुनाव में पंजाबी समाज में दरार बन गई है। गांधी कॉलोनी में छाबड़ा परिवार का अपना एक वजूद रखा है गांधी कॉलोनी के लक्ष्मी नारायण मंदिर, गोलक धाम मंदिर, बारातघर, गांधी कॉलोनी हाउसिंग सोसायटी समेत दो बार से सभासद के पद पर भी इसी परिवार का कब्जा चला आ रहा था। रक्तदान शिविर के आयोजन से सुर्खियों में आए समर्पित युवा के अध्यक्ष अमित पटपटिया ने इस बार नौजवानों की टीम के सहारे इनके खिलाफ मुहिम चलाई और निकाय चुनाव में भारतीय जनता पार्टी से टिकट की मांग की थी । केंद्रीय मंत्री डॉ संजीव बालियान ने अमित की पैरवी भी की थी वहीँ दूसरी तरफ प्रदेश के राज्य मंत्री कपिल देव अग्रवाल बह पूर्व सभासद प्रेमी छाबड़ा के पक्ष में अड़कर खड़े हो थे और कपिल देव अग्रवाल ने प्रेमी छाबड़ा को टिकट दिलाने में सफल भी रहे। डॉक्टर संजीव बालियान ने प्रेमी और अमित को बैठाकर मामला निपटाने की कोशिश की, समाज के जिम्मेदार लोगों को भी बीच में बैठाया गया था। वही संघ और संगठन के नेताओं को भी इस प्रकरण में लगाया गया परंतु इसका परिणाम निराशाजनक रहा। वही में दोनों के बीच सीधे मुकाबले में अमित पटपटिया चुनाव जीत गए।

इस जीत के बाद गांधी कॉलोनी में भारतीय जनता पार्टी और समाज में दरार साफ नजर आ रही थी। परिणाम यह निकला कि पूर्व सभासद प्रेमी छाबड़ा के बेटे ने प्रकाश चौक पर अमित पटपटिया के साले मिथुन कुमार भाटिया की ऑडी कार को निशाना बनाकर उसका शीशा तोड़ दिया। यह जानकारी साले ने अमित पटपतिया को दी, उन्होंने तत्काल संजीव बालियान से संपर्क किया और संजीव बालियान ने पुलिस पर दबाव बनाते हुए बार-बार प्रेमी छाबड़ा के घर पुलिस की गाड़ी भेजनी शुरू हो गई। जिसके बाद कपिल देव अग्रवाल खुलकर प्रेमी की तरफ से आ खड़े हुए और प्रेमी के परिवार को बचाते रहे।दोनों मंत्रियों के इसी टकराव के बीच गांधी कॉलोनी में पंजाबी समाज के नेता सक्रिय हुए और उन्होंने दोनों पक्षों को बैठाकर मामला निपटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी। पंजाबी समाज के यह नेता चुनाव से पहले भी दोनों को बैठाकर मामला निपटाने की कोशिश कर चुके थे, लेकिन तब विफल रहे थे।

गत रात्रि भारतीय जनता पार्टी के नेता सुखदर्शन सिंह बेदी की अध्यक्षता में पंजाबी समाज के कुछ लोगों की बैठक हुई। जिसमें अशोक छाबड़ा, प्रवीण खेड़ा, बंटी छाबड़ा, जुगल खत्री, सतीश सेठी, ओमप्रकाश बजाज,सागर वत्स आदि ने दोनों पक्षों नवनिर्वाचित सभासद अमित पटपटिया और पूर्व सभासद प्रेमी छाबड़ा में समझौता करा दिया। इस फैसले से प्रेमी पक्ष तो खुश नज़र आ रहा है और उन्होंने अपने घर जाकर खुशियां भी मनाई। इस फैसले से अमित पटपटिया पक्ष फिर खफा हो गया। अमित पटपटिया के साले मिथुन कुमार भाटिया ने बताया कि जो फैसला हुआ है, यह गलत हुआ है और मेरी बहन और अमित की पत्नी मणि पटपटिया भी इस फैसले को लेकर बहुत दुखी नजर आ रही है। 

इस पूरे प्रकरण में एक और दिलचस्प घटना यह हुई कि जिस नवनिर्वाचित सभासद और पूर्व सभासद के लिए दोनों जिले के दोनों मंत्री आमने-सामने आ गए थे , फैसले के वक्त पंजाबी समाज के जिम्मेदार व्यक्तियों ने उन्हें कोई तवज्जो देना भी उचित नहीं समझा। पूर्व सभासद पवन अरोरा के मुताबिक, जब उन्होंने पंजाबी समाज के नेता सुखदर्शन सिंह बेदी से कहा कि यह फैसला केंद्रीय मंत्री डॉ संजीव बालियान और मंत्री कपिल देव अग्रवाल की उपस्थिति में होना चाहिए। तभी ज्यादा प्रभावी रहेगा तो बेदी ने साफ इंकार करते हुए कहा कि मंत्रियों की इसमें मामले में कोई जरूरत नहीं है, हम अपने समाज का फैसला करने के लिए खुद सक्षम है तो इसमे कोई मंत्री क्या करेगा।

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