शनिवार, 20 मई 2023

कितना काला धन और नकली नोट पर होगा असर


 नई दिल्ली। 2016 के बाद चलन में आए दो हजार के नोट की कहानी दिलचस्प है। माना जा रहा है कि नोटबंदी काले धन और नकली करंसी पर प्रहार है। 

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, 2016 की नोटबंदी के बाद 1.3 लाख करोड़ का काला धन बाहर आया। जब 500 और एक हजार रुपये के नोट बैन किए गए, तभी RBI ने दो हजार रुपये के नोट लॉन्च किए। 2016 से लेकर अब तक 500 और 2000 के कुल 6,849 करोड़ नोट छापे गए हैं। दो हजार के नोट 2018-19 में आखिरी बार छापे गए थे। आंकड़े बताते हैं कि 2016-17 में पहली बार दो हजार के 350 करोड़ नोट छापे गए थे। दूसरे साल इसमें बड़ी गिरावट हुई। 2017-18 में केवल 15.10 करोड़ ही दो हजार रुपये के नोट छापे गए। 2018-19 में आखिरी बार दो हजार रुपये के 4.70 करोड़ नोट छापे गए।  

 

साल  2000 के नोट 500 के नोट

2016-17 350 करोड़ 726 करोड़

2017-18  15.10 करोड़  969 करोड़

2018-19 4.70 करोड़    1147 करोड़

2019-20  00 1200 करोड़

2020-21 00  1157 करोड़

2021-22  00 1280 करोड़

कुल 370 करोड़    6479 करोड़                                        

 नोट : 2018 में ही रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 2000 के नोटों की छपाई बंद करने का फैसला ले लिया था।                                               

केंद्र सरकार ने दिसंबर 2022 में एक प्रश्न के जवाब में बताया था कि 2000 के नोटों का चलन कम हो गया है। छह साल के अंदर दो हजार रुपये के 102 करोड़ नोट नष्ट किए गए। इसके बाद बचे हुए नोट सर्कुलेशन में होने चाहिए थे, लेकिन 54 करोड़ नोट गायब हैं। 2021-22 में दो हजार के कुल 214.2 करोड़ नोट ही चलन में थे। गायब दो हजार रुपये के 54 करोड़ नोटों की वैल्यू करीब 1.08 लाख रुपये है। अब सरकार के इस फैसले से इन नोटों का आसानी से पता चल जाएगा।  

केंद्र सरकार ने ये भी बताया था कि वित्तीय वर्ष 2016-17 में 13.10 लाख करोड़ रुपया देश में चलन में था। इनमें दो हजार रुपये के नोटों की वैल्यू 6.57 लाख करोड़ रुपये था यानी 50.2 प्रतिशत। 2021-22 में ये घटकर महज 13.8 फीसदी रह गया। तब देश में कुल 31.06 लाख करोड़ रुपये वैल्यू के नोट चलन में थे और इनमें से दो हजार के महज 4.28 लाख करोड़ वैल्यू के नोट थे। 

आरबीआई ने नोट छापना बंद किया, लेकिन नकली नोट छपने लगे

आरबीआई ने 2019-20 से ही दो हजार रुपये के नोट छापने बंद कर दिए थे, लेकिन इस बीच नकली नोटों का कारोबार तेज हो गया। बड़े पैमाने पर नकली नोट बांग्लादेश और पाकिस्तान में छपने लगे। आंकड़े भी इसकी तस्दीक करते हैं। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार, देश की कई एजेंसियों ने 2022 तक करीब 245.33 करोड़ के नकली नोट बरामद किए हैं। 2021 में 20.21 करोड़ के 3.10 लाख से ज्यादा नकली नोट जब्त किए गए। इससे पहले 2020 में 92.17 करोड़ के 8.34 लाख नकली नोट मिले। बरामद नकली नोटों में ज्यादा हिस्सा दो हजार रुपये के नोटों का ही था।

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