मंगलवार, 16 मई 2023

मुजफ्फरनगर लोकसभा 2024 का सेमीफाइनल में केवल सदर सीट जीत कर, बाकी पर भाजपा हुई धराशाई, हार का जिम्मेदार कौन?

 


मुजफ्फरनगर। हाल ही में संपन्न हुए नगर निकाय चुनाव को मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट सहित उत्तर प्रदेश की सभी 80 सीटों पर आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा था। जिसमें मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाली मुजफ्फरनगर नगर पालिका परिषद, खतौली नगर पालिका परिषद, बुढ़ाना नगर पंचायत, शाहपुर नगर पंचायत जानसठ, नगर पंचायत, सरधना दौराला सहित कई अन्य नगर पंचायतों में भाजपा के प्रत्याशी धराशाई हो गए। कहीं निर्दलीय तो कहीं गठबंधन तो कहीं यूपी में पहली बार नगर निकाय चुनाव लड़ रही आम आदमी पार्टी के प्रत्याशियों ने अपनी जीत दर्ज की। भारतीय जनता पार्टी को योगी-मोदी के नाम पर वोट मिले परंतु क्षेत्रीय मंत्रियों, नेताओं एवं विधायकों को कार्य न करने की एवज में जनता ने आइना दिखा कर चलता किया। बात करें मुजफ्फरनगर जिले में दो नगर पालिका एवं आठ नगर पंचायत है जिनमें से भारतीय जनता पार्टी पिछले दो बार से राज किया उनमें जानसठ नगर पंचायत जहां पार्टी के ही बड़े नेता और पूर्व चेयरमैन यनेश तंवर द्वारा अपने निर्दलीय प्रत्याशी रजनीश सैनी को खड़ा कर भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी प्रवेन्द्र भड़ाना की हार के जिम्मेदार बने। वही खतौली नगर पालिका में भारतीय जनता पार्टी के पूर्व चेयरमैन पारस जैन द्वारा भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी उमेश कुमार के सामने अपने ड्राइवर कृष्णपाल सैनी को खड़ा कर भाजपा को करारी हार दिलाई। बुढ़ाना में पूर्व विधायक उमेश मलिक द्वारा जी तोड़ मेहनत कर भारतीय जनता पार्टी के बाला त्यागी पत्नी जितेंद्र त्यागी को पूर्व की भांति जिताने की पुरजोर कोशिश की गई, परंतु सांसद और उनके चहेतों ने भितरघात कर इस नगर पंचायत को हारने पर मजबूर कर दिया। वही शाहपुर सीट पर भी भारतीय जनता पार्टी के परमेश सैनी चुनाव मैदान में थे यहां भी पार्टी के कई बड़े नेताओं के भितरघात और सांसद के चहेतो द्वारा इस सीट को हराने का कार्य किया, वही चरथावल सीट जो कभी भाजपा के खाते में नहीं गई, इस बार पूरी कोशिश कर जीतने की तैयारी की जा रही थी परंतु वहां भी भाजपा का जादू नहीं चल सका, पुरकाजी भारतीय किसान यूनियन टिकैत के बड़े नेता और पूर्व चेयरमैन जहीर फारुकी के खाते में गई बाकी अन्य में भी भारतीय जनता पार्टी धराशाई हो गई। सदर नगर पालिका में समाजवादी पार्टी गठबंधन से राकेश शर्मा मजबूती से चुनाव लड़ रहे थे, परंतु राजनीति के पुरोधा रहे चितरंजन स्वरूप परिवार भी जोशो खरोश के साथ भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के बाद से गर्मजोशी के साथ चुनाव लड़ रहा था। ऐसे में चुनाव के बाद हार-जीत को लेकर सट्टा बाजार कभी राकेश शर्मा तो कभी गौरव स्वरूप के पक्ष में होता नजर आया वही ओवैसी की पार्टी से टिकट लाकर चुनाव लड़ने वाली छोटी बेगम ने मुस्लिम वोटों पर कब्जा कर अखिलेश के जादू को धराशाई करते हुए चलती हुई साइकिल में पंचर कर कमल को खिला दिया। जिसके बाद से स्वर्गीय मंत्री चितरंजन स्वरूप की मृत्यु के बाद से लगातार हार रहे स्वरूप परिवार में मीनाक्षी स्वरूप की जीत ने इनकी राजनीति जिंदगी में संजीवनी का काम किया है, तो वही मुजफ्फरनगर से सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ संजीव बालियान के लिए आगामी 2024 के चुनाव को मद्देनजर रखते हुए मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट से बढ़त के साथ साथ अन्य नगर पंचायत क्षेत्रों में घटत का ग्राफ बनता दिखाई दे रहा है। ऐसे में केंद्रीय मंत्री डॉ संजीव बालियान के लिए पार्टी के नेताओं सहित क्षेत्र में भी विरोधाभास के बोल सुनाई दे रहे हैं।

कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

कर्ज में दबा किसान आज आत्महत्या करने पर मजबूर हो रहा है- चौधरी राकेश टिकैत।

मुजफ्फरनगर-भारतीय किसान यूनियन के द्वारा उत्तर प्रदेश के जनपद मुजफ्फरनगर स्थित किसान भवन में आयोजित मासिक पंचायत में आज क्षेत्रीय किसानों ने...