बुधवार, 5 अप्रैल 2023

हनुमान जन्मोत्सव -शुभ मुहूर्त,महत्व एवं पूजा विधि



हनुमान जयंती चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि को हर साल धूमधाम से मनाई जाती है। भक्‍तगण हनुमानजी का व्रत रखते हैं। पूजा करते हैं भोग लगाते हैं और सुंदर कांड का पाठ करते हैं। इस दिन जरूरतमंदों को भोजन करवाने का विशेष महत्‍व होता है और ऐसा करने से आपको हनुमानजी का आशीर्वाद मिलता है।

हनुमान जयंती की पूजा का विशेष महत्‍व माना जाता है। मान्‍यता है कि इस दिन पूजा अर्चना करने वाले को बजरंग बली हर रोग और दोष से दूर रखते हैं और हर प्रकार के संकट से रक्षा करते हैं। जीवन में कष्‍ट दूर होते है और सुख शांति की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही जिन लोगों पर शनि की अशुभ दशा चल रही है वे यदि हनुमान जयंती पर व्रत रखें तो उनके शनि के दोष दूर होते हैं और कष्‍टों से मुक्ति मिलती है।*

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पंचाग के अनुसार, हनुमान जयंती 6 अप्रैल को मनाई जाएगी। दरअसल चैत्र पूर्णिमा की तिथि 5 अप्रैल बुधवार को सुबह 9 बजकर 19 मिनट पर आरंभ होगी और इसका समापन गुरुवार 6 अप्रैल को 10 बजकर 4 मिनट पर होगा। इसलिए उदया तिथि की मान्‍यता के अनुसार हनुमान जयंती 6 अप्रैल को ही मनाई जाएगी और इसी दिन व्रत रखकर बजरंगबली की पूजा की जाएगी। 

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*पूजा विधि*

हनुमानजी की पूजा करने के लिए बजरंगबली को लाल पुष्प, सिंदूर, अक्षत्, पान का बीड़ा, मोतीचूर के लड्डू, लाल लंगोट और तुलसी दल अर्पित करें। हनुमान चालीसा का पाठ करें। हनुमानजी की फिर आरती करें। हनुमानजी को भोग के रूप में लड्डू, हलवा औा केला चढ़ाएं। इस दिन सुंदर कांड और बजरंग बाण का पाठ करने का भी विशेष महत्‍व माना जाता है। ऐसा करने से बजरंगबली प्रसन्‍न होते हैं और हमारे आस-पास से हर प्रकार की नकारात्‍मक शक्तियां दूर होती हैं।

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【लाडली जी सेवा संस्थान वृंदावन】

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