*🧘🏻♂️नवधा भक्ति के प्रकार🧘🏻♂️*
1👉🏻श्रवण (परीक्षित)।
2👉🏻 कीर्तन (शुकदेव)।
3👉🏻 स्मरण (प्रह्लाद)।
4👉🏻 पादसेवन (लक्ष्मी)।
5👉🏻 अर्चन (पृथुराजा)।
6👉🏻 वंदन (अक्रूर)।
7👉🏻 दास्य (हनुमान)।
8👉🏻 सख्य (अर्जुन)।
9👉🏻 आत्मनिवेदन (बलि राजा)।
*श्रवण👉🏻* ईश्वर के चरित, उनकी लीला कथा, शक्ति, स्रोत इत्यादि को श्रद्धा सहित प्रतिदिन सुनना और प्रभु में लीन रहना श्रवण भक्ति कहलाता है।
*कीर्तन👉🏻* भगवान की महिमा का भजन करना, उत्साह के साथ उनके पराक्रम को काव्य रूप में याद करना और उन्हें वंदन करना ही भक्ति का कीर्तन स्वरूप है।
*स्मरण👉🏻* शुद्ध मन से भगवान का प्रतिदिन स्मरण करना, उनकी कृपा के लिए उन्हें धन्यवाद करते रहना और मन ही मन उनके नाम का जप करते रहना स्मरण भक्ति कहलाता है।
पाद सेवन: स्वयं को ईश्वर के चरणों में समर्पित कर देना। जीवन की नैया और अच्छे-बुरे कर्मों के साथ उनकी शरण में जाना ही पाद सेवन कहलाता है।
*अर्चन👉🏻* मन, वचन और कर्म द्वारा पवित्र सामग्री से ईश्वर की पूजा करना अर्चन कहलाता है।
*वंदन👉🏻* भगवान की मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा करके प्रतिदिन विधि-विधान से पूजन के बाद उन्हें प्रणाम करना वंदन कहलाता है। इसमें भगवान के साथ माता-पिता, आचार्य, ब्राह्मण, गुरुजन का आदर-सत्कार करना और उनकी सेवा करना भी है।
*दास्य👉🏻* ईश्वर को स्वामी मानकर और स्वयं को उनका दास समझकर परम श्रद्धा के साथ प्रतिदिन भगवान की सेवा एक सेवक की तरह करना दास्य भक्ति कहलाता है।
*सख्य👉🏻* ईश्वर को ही अपना परम मित्र समझकर अपना सर्वस्व उसे समर्पित कर देना और सच्चे भाव से अपने पाप पुण्य का निवेदन करना ही सख्य भक्ति है।
*आत्मनिवेदन👉🏻* अपने आपको भगवान के चरणों में सदा के लिए समर्पित कर देना और अपनी कोई स्वतंत्र सत्ता न रखना ही भक्ति की आत्मनिवदेन अवस्था है। यही भक्ति की सबसे उत्तम अवस्था मानी गई हैं।
जय श्री कृष्णा 🙏
*🌹!!.....हर हर महादेव.....!!🌹*
*🌹!!.....जय राधेश्याम.....!!🌹*
*🌹!!.....जय सियाराम.....!!🌹*
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💙(*राधे🌹राधे*)💙
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*राधा मंगल नाम है, राधा मंगल रूप।*
*राधा मूल सजीवनी, राधा केलि अनूप।।*
*राधा कृपा कटाक्ष की लागी हिय बौछार।*
*राधा गुन सुमिरन कथन छिन-छिन नित्य विहार।*
*जाग्रत सुपने सैन में हिय राधा कौ ध्यान।*
*अंतर-बाहर दिस-विदिस वहीं रूप मँडरान!!*
*📿हरे कृष्ण📿हरे कृष्ण📿*
*📿कृष्ण कृष्ण📿हरे हरे📿*
*📿हरे राम📿हरे राम📿*
*📿राम राम📿हरे हरे📿*
*नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय*
*भस्माङ्गरागाय महेश्वराय।*
*नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय*
*तस्मै नकाराय नम:शिवाय।।*
*सीता राम चरन रति मोरे।*
*अनुदिन बढ़उ अनुग्रह तोरे।।*
*जय जय "श्री राम"*
*नित्य प्रति गुण मैं तेरे गाऊँ।*
*मैं तेरे चरणों पर सीस नवाऊँ।*
*गद गद प्रेम से सदा पुकाऊँ ,*
*जय होवे सीता राम तेरी जय होवे।*
*जय जय श्री सीता राम जी🙏🌹🙏*
*🌺🌺 जय श्री राधे कृष्णा 🌺🌺*
*श्री राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे जय श्री राधे कृष्णा मनके हुए 108 मनोकामना पूर्ण हो जो नित्य करे राधा रानी का जाप वो कभी भी ना हो उदास शुभ दिवस*
*🙏🌺🙏🌺🙏🌺🙏🌺🙏*
*हे गोविन्द..*
*तेरे चरणों में प्रीत लगी है*
*गोविन्द मुझको मत बिसराना,*
*तेरा हृदय सिंहासन कोई भी पाए,*
*अपनी चरण शरण में हमे बिठाना..!!*
*🎠🎠🎠जय श्री श्याम*🎠🎠🎠
*रख लूं नजर में चेहरा तेरा,*
*दिन रात इसी पे "मैं" मरता रहूँ।*
*जब तक ये साँसें चलती रहें,*
*मैं "कृष्ण" "कृष्ण" जपता रहूँ।*
*ॐ ।। श्री हरि : ।। ॐ*
*हे नाथ ! हे मेरे नाथ ! !*
*मैं आपको भूलूॅं नहीं !*
*🌹🌹🌹🌹🌹🌹*
*💯% भिखारी सियाराम जी की*
*चरण धूली का चौधरी परिवार*
*सियाराम जय राम जय जय राम 🙏🙏*
*💯% भिखारी श्री राधा-कृष्ण जी की*
*चरण धूली का चौधरी परिवार🙏🙏*
*श्री राधाकृष्ण नाम परम सुखदाई 🙏🙏*
*श्री राधा नाम परम् सुखदायी।*
*भजते ही कृपा करें कन्हाई।।*
*सत्य सनातन धर्म की जय 🚩🚩*
*🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹🙏🙏*
*┈┉══❀((हरि ॐ))❀══┉┈* *▬▬▬▬๑⁂❋⁂๑▬▬▬▬*
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