बुधवार, 15 मार्च 2023

प्रदेश सहित जिले में बिजली विभाग मे 72 घंटे की हडताल शुरू

 


मुजफ्फरनगर। तीन दिसम्बर को ऊर्जा मंत्री के साथ हुए लिखित समझौते पर तीन महीने बाद भी कोई कार्रवाई न होने और समझौते में दिये आश्वासन पर काम नहीं करने के साथ ही अन्य मांगों के लम्बित रहने को लेकर नाराज विद्युत कर्मचारियों ने बुधवार को कार्य बहिष्कार करते हुए 72 घंटे की हड़ताल का ऐलान कर दिया है।शासन और सरकार के रवैये के प्रति प्रदर्शनकारी विद्युत कर्मचारियों और अफसरों में आज खासी नाराजगी बनी नजर आई। गुरूवार से सम्पूर्ण हड़ताल होने के कारण जनपद में विद्युत आपूर्ति ठप हो सकती है। हालांकि जिला प्रशासन ने आपूर्ति सुनिश्चित रहने का भरोसा दिया है। इस प्रदर्शन के दौरान सड़क पर उतरे बिजलीकर्मियों ने कार्य बहिष्कार सभा करके मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की है कि वह हस्तक्षेप करके समझौता को जल्द लागू कराने का काम करें। 


समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि 16 मार्च से कर्मचारी पूर्ण हड़ताल पर रहेंगे, इस दौरान उनके मोबाइल फोन नंबर भी बंद हो जाएंगे। इससे परेशान बढ़ सकती है। विद्युत विभाग के कर्मियों और अफसरों ने विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश के आह्नान पर टाउन सर्किल ऑफिस स्पोर्ट्स स्टेडियम बिजली घर परिसर में अपनी लम्बित मांगों के समर्थन में बुधवार को कार्य बहिष्कार करते हुए आंदोलन शुरू कर दिया है। विद्युत कर्मियों ने कहा कि ऊर्जा मंत्री के साथ 3 दिसंबर को हुए लिखित समझौते को प्रबंधन के टालमटोल वाले रवैए के चलते लागू नहीं किया जा रहा। ओबरा और अनपरा की नई विद्युत इकाईयां एनटीपीसी को देने व पारेषण के निजीकरण को लेकर भी विद्युत कर्मचारी तथा विद्युत अफसर लगातार विरोध कर रहे हैं। इसके साथ ही संघर्ष मोर्चा ने सभी विद्युत निगमों का एकीकरण करने की मांग भी सरकार से की है। 


आज सर्किल ऑफिस में दिए गए धरने की अध्यक्षता कर हरे संयुक्त संघर्ष समिति के जिला संयोजक इंजीनियर मुकेश मुकीम ने कहा कि विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश के तत्वावधान में विद्युत निगमों के शीर्ष प्रबंधन के नकारात्मक रवैये के चलते बड़े टकराव को टालने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हस्तक्षेप की अपील की जा रही है। उन्होंने कहा कि बुधवार को आम सभा के माध्यम से मुख्यमंत्री से निगमों में कार्य का स्वच्छ वातावरण बनाए जाने के लिए हस्तक्षेप करने का हम आग्रह कर रहे हैं, ताकि व्यवस्था को सुचारू रखा जा सके। उन्होंने कहा कि ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा और मुख्यमंत्री के साथ 3 दिसंबर को हुए समझौते का क्रियान्वयन न होने से बिजली कर्मियों में भारी रोष है। संघर्ष समिति ने आरोप लगाया कि समझौते के क्रियान्वयन में सबसे बड़ी बाधा उत्तर प्रदेश विद्युत निगम के चेयरमैन का रवैया है। उन्होंने कहा कि वह ऊर्जा मंत्री के साथ हुए समझौते को मानने से इंकार कर रहे हैं। 


आरोप लगाया कि निगम चेयरमैन का रवैया इतना नकारात्मक है कि शक्ति भवन में उपस्थित रहते हुए भी अपर मुख्य सचिव से संघर्ष समिति की वार्ता नहीं हो रही। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि 16 मार्च तक ऊर्जा मंत्री के साथ हुए समझौते का क्रियान्वयन सुनिश्चित नहीं किया गया तो गुरुवार की रात्रि 10 बजे से उत्तर प्रदेश के सभी विद्युत निगम के तमाम बिजली कर्मचारी, जूनियर इंजीनियर, अभियंता एवं निविदा तथा संविदा कर्मी 72 घंटे की सम्पूर्ण कार्य बहिष्कार हड़ताल करने के लिए बाध्य होंगे। 

बुधवार को 10.00 बजे से हड़ताल प्रारंभ करने की घोषणा करते हुए 16 मार्च रात के 10.00 बजे तक बिजली कर्मियों ने कार्य बहिष्कार की भी घोषणा की। इस दौरान मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन भी भेजा गया, इसमें कहा गया कि निगम चेयरमैन अपने पद की गरिमा के विपरीत कार्य करते हुए सरकार के फैसले का भी अनादर कर रहे है, इससे विद्युत कर्मचारियों में आक्रोश बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि यदि इस आंदोलन में शामिल किसी भी विद्युत कर्मचारी या अधिकारी का उत्पीड़न किया गया तो यह आंदोलन अनिश्चितकालीन हड़ताल में बदल जायेगा और शासन व सरकार के खिलाफ सामूहिक रूप से जेल भरो आंदोलन करने का निर्णय लिया जायेगा। इस मौके पर कार्य बहिष्कार सभा का संचालन इंजीनियर राजनारायण यादव ने किया। मुख्य रूप से एक्सईएन डीसी शर्मा, एक्सईएन अजय यादव, एक्सईएन राजेश कुमार के अलावा एसडीओ आईपी सिंह, जेई विनीत अरोरा, यूसी वर्मा, बीबी गुप्ता, अंकित शर्मा, सचिन कुमार, रामनिवास त्यागी सहित सैकड़ों विद्युत कर्मचारी और अधिकारी मौजूद रहे।

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