इस साल होलिका दहन 07 मार्च दिन मंगलवार को है. इस दिन फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि है. फाल्गुन पूर्णिमा को प्रदोष काल यानि सूर्यास्त के बाद से रात्रि के प्रारंभ के मध्य के समय में होलिका दहन किया जाता है. जब भद्रा का साया हो, तब होलिका दहन नहीं करते हैं. भद्रा को अशुभ फल प्रदान करने वाला माना जाता है, इस वजह से शुभ कार्य नहीं होते हैं. भद्रा रहित फाल्गुन पूर्णिमा तिथि में ही होलिका दहन करना अच्छा माना जाता है. अब सवाल यह है कि क्या इस साल होलिका दहन पर भद्रा का साया है? तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव बता रहे हैं होलिका दहन के नियम और सही समय के बारे में.
कब है होलिका दहन?
पंचांग के अनुसार, 06 मार्च को शाम 04 बजकर 17 मिनट से फाल्गुन पूर्णिमा तिथि प्रारंभ हो जाएगी और यह 07 मार्च को शाम 06 बजकर 09 मिनट तक मान्य है. उदयातिथि की मान्यता को आधार मानकर 07 मार्च को होलिका दहन होगा.
07 मार्च को होलिका दहन वाले दिन सुबह में भद्रा है, लेकिन होलिका दहन के समय में भद्रा खत्म हो जाएगी. फाल्गुन पूर्णिमा तिथि में भद्रा का प्रारंभ 06 मार्च को शाम 04:17 बजे से हो रहा है और 07 मार्च को सुबह 05 बजकर 15 मिनट तक रहेगा.
इस साल होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 07 मार्च को शाम 06 बजकर 24 मिनट से रात 08 बजकर 51 मिनट तक है. इस समय में कोई भद्रा नहीं है. होलिका दहन का मुहूर्त भद्रा रहित है.
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