सोमवार, 6 सितंबर 2021

किसान महापंचायत पर बुढाना विधायक उमेश मलिक ने कसा तंज ... बाहर से लोग बुलाकर माहौल खराब करना था मकसद


 मुज़फ्फरनगर। मुजफ्फरनगर की धरती पर हुई किसान महापंचायत को लेकर भारतीय जनता पार्टी से बुढ़ाना विधायक उमेश मलिक ने एक बार फिर  तंज कसा है ।मुज़फ्फरनगर दंगों का जिक्र करते हुए महापंचायत में आये लोगों के खिलाफ उन्होंने खुलकर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जन सूचनाओं के माध्यम से खबरें  आई है कि जनपद के किसानों ने इस पंचायत में हिस्सा नहीं लिया। कही ना कही विपक्षी राजनीतिक लोग पंचायत में उपस्थित रहे। आकलन ये है कि दूसरे प्रदेश से लोग ज्यादा आए। जिनमें पंजाब से सरदार लोगए हरियाणाए एमपी और राजस्थान से पहुंचे। 

उन्होंने कहा कि मुज़फ्फरनगर का किसान तो अपने खेतों में मौजूद रहा। बस दुःख इस बात का होता है कि जिन लोगों का बहिष्कार समाज से 2013 के दंगों के बाद हो गया थाए जिनकी हिम्मत समाज में खड़ा होकर बोलने की नहीं थीए जिन्होंने इस जनपद में आग लगाने का काम किया थाए जो लगातार साम्प्रदायिक ज़हर हम लोगो में घोलने का काम कर रहे थेए जिनका साहस लोगों के बीच जाने का नहीं पड़ रहा था वह यूनियन के माध्यम से पंचायत के मंच पर दिखाई दिए। वही राजनीतिक नंबरदार जिन्होंने इस जनपद में हत्याएं करवाई थीए जिन्होंने सचिन और गौरव की हत्या के बाद 7 मुजरिम छुड़वाए थे। ये वही नंबरदार है जिन्होंने जनपद से एसएसपी मंजिल सैनी और जिलाधिकारी सुरेंद्र सिंह को हटवाया था। केंद्र सरकार ने किसी तरह सेना को भेजकर जनपद की कानून व्यवस्था का कंट्रोल करवाया था। ये वही लोग है जिन्होंने हमारे 18 साल से लेकर 28 साल के युवकों पर फर्जी मुक़दमें लिखवाकर जेल भेजने का काम किया था। आज उन्हीं लोगों ने मंच से सम्बोधित किया। आज उन्ही लोगों का यूनियन के द्वारा स्वागत अभिनन्दन किया गया। आज यूनियन का नेता उन्हीं लोगों को अपनी आन.बान और शान बता रहा है। गुलाम मोहम्मद जौला जैसे व्यक्ति जिसको समाज में खड़ा होकर बोलने का अधिकार भी नहीं मिलना चाहिए। ये बहुत निंदनीयए अशोभनीय और शर्मनाक है। भारतीय जनता पार्टी पर इस पंचायत से कोई फर्क नहीं पड़ताए जो भारतीय जनता पार्टी के साथ खड़े हैए उन्होंने इस पंचायत में हिस्सेदारी नहीं की। किसान खेतों में काम करते रहे। बाहर से लोग बुलाये गए लेकिन चिंता का विषय ये है कि बाहर से बुलाये लोग इस जनपद का माहौल ख़राब कर सकते थे। जिन लोगों ने 2013 का दंगा करवाया था उन लोगों को पंचायत में मंच मिला। वह दोबारा से इस जनपद का वातावरण ख़राब कर सकते है। उन्होंने कहा कि केवल इस पंचायत में सिख और मुस्लिम समाज के लोगों ने हिस्सेदारी की। 

उन्होंने कहा कि राकेश टिकैत की मानसिकता  ये रही होगी कि जनपद में दोबारा से वातावरण खराब हो क्योंकि 2013 का दंगा इन्ही लोगों ने कराया था और पूरे देश में सन्देश गया था। जिस प्रकार सिसौली के अंदर मेरी गाड़ी तोड़ी गईए मुझे आज तक समझ नहीं आया कि ये क्या सन्देश देना चाहते थे। हम तो जनता के सेवक है कोई हमें मारेए हमारी गाड़ी तोड़ेए तो हमें कोई दिक्कत वाली बात नहीं है। हम तो दुःख दर्द में हिस्सा लेंगे। लेकिन ऐसे लोग आज भी पंचायत के जरिये जनपद की सड़कों पर गुंडागर्दी कर रहे थे । लेकिन प्रशासन पूरी मुस्तैदी के साथ खड़ा रहा और किसी प्रकार की बदतमीजी  नहीं होने दी गई।

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