सोमवार, 20 सितंबर 2021

श्राद्ध में रखें इन बातों का ध्यान


श्राद्ध में इन 10 बातों का रखें ध्यान

1. यदि आप पूर्वजों की श्राद्ध कर रहे हैं, तो ऐसी मान्यता है कि पितृपक्ष के दिनों में ब्रम्हचर्य का पालन करना चाहिए। ऐसे में पूर्वजों के प्रति श्रद्धा प्रकट करने का समय होता है। इसलिए इन दिनों नियम-संयम का पालन करना आवश्यक है।


2. पितृपक्ष में स्वर्ण और नए वस्त्रों की खरीदारी पूर्णत: वर्जित है। शास्त्रों के अनुसार श्राद्ध उत्सव नहीं बल्कि एक तरह से शोक व्यक्त करने का समय होता है। 


3. तर्पण और श्राद्ध करने वाले को चाहिए कि पितृपक्ष में दाढ़ी-मूंछें, बाल भी नहीं कांटें। अमावस्या और तिथि के अनुसार श्राद्ध में मुंडन आदि का विधान है। इसका संबंध भी शोक व्यक्त करने से है।


4. पितृपक्ष में द्वार पर आए अतिथि और याचक को बगैर भोजन पानी दिए जाने नहीं देना चाहिए। माना जाता है कि पितृ किसी भी रूप में श्राद्ध मांगने आ सकते हैं। इसलिए जीव का अनादर करने से बचें। 


5. पितृपक्ष में नया घर नहीं लेना चाहिए। असल में घर लेने में कोई बुराई नहीं है असल कारण है स्थान परिवर्तन है। माना जाता है कि पितरों की जहां मृत्यु हुई होती है वह अपने उसी स्थान पर लौटते हैं। 


6. श्राद्ध के दिनों में नए वाहन नहीं खरीदने चाहिए। शास्त्रों में इस बात की कहीं मनाही नहीं है। बात बस इतनी है कि इसे भौतिक सुख से जोड़कर जाना जाता है।


7. पितृपक्ष में बिना पितरों को भोजन दिए स्वयं भोजन नहीं करना चाहिए। इसका मतलब यह है कि जो भी भोजन बने उसमें एक हिस्सा गाय, कुत्ता, बिल्ली, कौआ को अवश्य देंवें।


08. पितृ पक्ष में गाय, कुत्ता, बिल्ली और कौआ को किसी भी प्रकार की हानि न  पहुंचाए। ऐसी मान्यता है कि श्राद्ध के दिनों में उन्हें सताना गलत है। 


09. श्राद्ध के दिनों में ब्राम्हणों को भोजन कराना न भूलें। यथा स्थिति ब्राम्हण भोजन कराने के बाद उन्हें दान-दक्षिणा से संतुष्ट करें।


10. श्राद्ध के दिनों में तर्पण करने वाले को चाहिए कि वह सात्विक भोजन करे। चना, मसूर, सरसो की साग, सतुआ, जीरा, मूली, काला नमक, प्याज, लहसुन का सेवन न करें।

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