गुरुवार, 2 सितंबर 2021

विकास दुबे मामले में न्यायिक आयोग ने पूर्व डीआईजी अनंत देव को माना दोषी

 


कानपुर। चर्चित विकास दुबे मामले में एसआईटी के बाद न्यायिक जांच रिपोर्ट में भी पूर्व डीआईजी अनंत देव तिवारी समेत सभी सीओ को विकास दुबे के खिलाफ जांच में लचर रवैया अपनाने का दोषी पाया गया है। 

विधानसभा पटल पर न्यायिक जांच रिपोर्ट आने के बाद इसे पब्लिक डोमेन में शामिल किया गया है। एसआईटी ने पुलिस के रसूखदार अफसरों को पहले ही अपनी जांच रिपोर्ट में दोषी पाया था। उसी रिपोर्ट को न्यायिक आयोग ने सही मानते हुए अपनी जांच में शामिल किया है। बिकरू में 2 जुलाई की रात विकास दुबे और उसके गुर्गों ने दबिश देने गई पुलिस टीम पर घेरकर गोलियां बरसाईं थीं। इस हमले में सीओ समेत आठ पुलिस कर्मियों की मौत हो गई थी। जवाबी कार्रवाई में 3 जुलाई को पुलिस ने मामा प्रेम प्रकाश पांडेय और चचेरे भाई अतुल दुबे को काशीराम निवादा गांव में मार गिराया था। 8 जुलाई को अमर दुबे को मौदहा व इटावा में बउआ, 9 जुलाई को पनकी में प्रभात मिश्रा और 10 जुलाई को सचेंडी में विकास दुबे को एनकाउंटर में मार गिराया था। रिपोर्ट में जिन अधिकारियों को दोषी माना गया है उसमें पूर्व डीआईजी अनंत देव तिवारी के अलावा डिप्टी एसपी इंटेलीजेंस सूक्ष्म प्रकाश, सीओ कैंट आरके चतुर्वेदी, सीओ ऑफिस व नोडल अधिकारी पासपोर्ट अमित कुमार, सीओ नंद लाल सिंह, सीओ करुणाकर राव, सीओ लालप्रतार्पसिंह, सीओ हरेन्द्र कुमार यादव, सीओ सुंदर लाल, सीओ प्रेम प्रकाश, सीओ रामप्रकाश अरुण, सीओ सुभाष चन्द्र शाक्य और सीओ लक्ष्मी निवास को कार्रवाई में लचरता का आरोपी माना है।

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