मंगलवार, 24 अगस्त 2021

कपिलदेव ना बचाते तो हो गया था सिंचाई विभाग के एक्सईएन का इलाज

 


मुज़फ्फरनगर। सिंचाई विभाग द्वारा मनमाने ढंग से उद्योगों की दीवार को अतिक्रमण बताते हुए बिना किसी निशानदेही के बिना किसी नोटिस के व शासन प्रशासन को अवगत कराए बग़ैर बुल्डोज़र लेकर अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए हठधर्मिता कर गत सप्ताह तोड़ने पर ग़ुस्सा व आक्रोश उद्यमियों ने आज राज्यमंत्री कपिलदेव अग्रवाल के सामने ही एक्सईएन की जमकर क्लास ली। नांेकझोंक के बाद दोनों पक्ष आपस में भिड गए तो मंत्री ने जैसे तैसे बीच बचाव कराया।

आज सिंचाई विभाग के गेस्ट हाउस में राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल ने सम्बंधित अधिशासी अभियंता, आईआईए व फ़ेडरेशन के पदाधिकारियों के साथ पीड़ित पक्ष को बुलाया था । पहले तो अधिशासी अभियंता एक घंटा बैठक में लेट पहुँचे फिर आते मंत्री सिंचाई विभाग का एक पत्र मार्च 2020 का जो कपिलदेव अग्रवाल के नाम था जिसमें लिखा था कि पूर्व में रहे रजवाहे की ज़मीन को चिह्नांकित करवा कर यदि अतिक्रमण है तो उसे हटवाने में सहयोग करे । माननीय मंत्री कपिल देव अग्रवाल जी ने अधिकारी से पूछा आप इस पत्र के सम्बंध में कभी मुझ से मिले या उद्यमियों से या ज़िलाधिकारी से मिले तो उन्होंने उत्तर में गोलमोल बाते करनी शुरू कर दी व झूठे आरोप लगाने लगे कि मैंने सब को बता रखा है न्यायालय में वाद लम्बित है कहने पर भी उन्होंने कहा होता रहे स्टे नहीं है हम नहीं मानते उन्होंने कहा कि मैंने विभागीय मजिस्ट्रेट व श्रम् को तीन दिन पहले ज़मीन नपवाने व चिह्नांकित कर सम्बंधित उद्योग को बताने भेजा था। इस पर सभी उद्यमी आक्रोशित हो गए और झूठ बोलने, मनमानी व हठधर्मी करने के कारण अधिशासी अधिकारी से भिड़ गए मौक़े पर गए मजिस्ट्रेट व श्रम् को जब बुलाया तो वे उत्तर नहीं दे पाए कि वो किस फ़ैक्टरी में गए नपायी कैसे की कहा चिह्नांकित किया झूठ पकड़े जाने पर अधिकारी वहाँ से ये कह कर चल दिए कि मंत्री जी मै आपसे घर आ कर मिल लूँगा इनके साथ नहीं बैठूँगा इस बात पर उद्यमियों का ग़ुस्सा फूट गया तब बात ज़्यादा बढ़ने पर मंत्री जी ने दोनो का शांत करते हुए कहा कि ज़िलाधिकारी से बात कर के एक कमेटी बना देते है जिसमें प्रशासनिक अधिकारी एसोसिएशन पदाधिकारी सिंचाई विभाग व राजस्व विभाग के अधिकारी होंगे जो इस प्रकरण को समझ कर उचित कार्यवाही कराएँगे तब तक सिंचाई विभाग कोइ कार्यवाही नहीं करेगा मंत्री जी ने जब अधिकारी से पूछा आपके हिसाब से कितना अतिक्रमण है तो वो जवाब नहीं दे सके और बोले किसी का 6 इंच है किसी का 1 फुट जबकि उद्यमियों का कहना था कि हमने कोई अतिक्रमण नहीं किया है मंत्री जी ने इस कार्यवाही पर गहरी नाराज़गी व्यक्त की ।उसके बाद उद्यमियों का ग़ुस्सा शांत हुआ व मंत्री का आभार व्यक्त किया। बैठक में लघु उद्योग प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक कुशपुरी, आईआईए के चेयरमैन विपुल भटनागर, फ़ेडरेशन अध्यक्ष रजनीश, नीलकमल पुरी, पंकज जैन, राकेश जैन, संजय गुप्ता, अंकुर गर्ग, मोहन लाल बंसल, राजेश जैन, सुमित आदि उपस्थित रहे।

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