शनिवार, 21 अगस्त 2021

रक्षाबंधन विशेष : ऐसे करे भाई की उन्नति का तिलक

 


मुजफ्फरनगर । इस बार पूर्णिमा तिथि 21 अगस्त शाम से शुरू होकर 22 अगस्त को सूर्योदय पर पूर्णिमा रहेगी. इसलिए 22 अगस्त को ही रक्षाबंधन का त्योहार धूमधाम के साथ मनाया जाएगा.

रक्षा बंधन 2021 – राखी बांधने का शुभ मुहूर्त 

शुभ समय: – 22 अगस्त, रविवार सुबह 05:50 बजे से शाम 06:03 बजे तक.

रक्षा बंधन के लिए दोपहर का उत्तम समय: – 01:44 बजे से 04:23 बजे तक.

राखी की थाली सजाएं. इसमें रोली, कुमकुम, अक्षत, दीपक, मिठाई और राखी रखें. भाई को तिलक लगाकर उसके दाहिने हाथ में रक्षा सूत्र बांधें. भाई की आरती उतारें. भाई को मिठाई खिलाएं. राखी बांधने के बाद भाइयों को इच्‍छा और सामर्थ्‍य के अनुसार बहनों को भेंट देनी चाहिए.

ज्योतिष के अनुसार, इस बार रक्षाबंधन पर शोभन योग बन रहा है. 22 अगस्त की सुबह 10 बजकर 34 मिनट तक शोभन योग रहेगा. ये योग मांगलिक कार्यों के लिए बेहद शुभ माना जाता है. इस योग के दौरान की गई यात्रा बहुत कल्याणकारी साबित होती है. इसके साथ ही इस दिन शाम को 7 बजकर 40 मिनट तक घनिष्ठा योग रहेगा. ज्योतिष के अनुसार, घनिष्ठा नक्षत्र का स्वामी मंगल ग्रह है. इस नक्षत्र में जन्में लोगों का अपने भाई-बहन के प्रति विशेष प्रेम होता है. इसलिए इस नक्षत्र में रक्षाबंधन का पड़ना भाई-बहन के आपसी प्रेम को बढ़ाएगा. इस बार भद्राकाल न होने की वजह से दिनभर में किसी भी समय राखी बांधी जा सकती है.

रक्षा बंधन पर इस बार राखी बांधने के लिए 12 घंटे 13 मिनट की शुभ अवधि रहेगी. आप सुबह 5 बजकर 50 मिनट से लेकर शाम 6 बजकर 3 मिनट तक किसी भी वक्त राखी बांध सकते हैं. वहीं भद्रा काल 23 अगस्त को सुबह 5 बजकर 34 मिनट से 6 बजकर 12 मिनट तक रहेगा.

रक्षाबंधन से जुड़ी कथा:

शास्त्रों में रक्षाबंधन से जुड़ी कई कथाओं का वर्णन है, पर इनमें से राजा बलि और माता लक्ष्मी की कथा सबसे ज्यादा प्रचलित है. धार्मिक कथाओं के अनुसार, पाताल लोक में राजा बलि के यहां बंदी बने हुए देवताओं की मुक्ति के लिए माता लक्ष्मी ने बलि को राखी बांधी थी. राजा बलि ने अपनी बहन माता लक्ष्मी को भेंट स्वरूप देवताओं को मुक्त करने का वचन दिया था. हालांकि, राजा बलि ने देवताओं को मुक्त करने के लिए ये शर्त भी रखी थी कि देवताओं को साल के चार महीने इसी तरह कैद में रहना होगा. इसलिए सभी देवता आषाढ़ शुक्ल पक्ष की देवशयनी एकादशी से कार्तिक शुक्ल पक्ष की देवउठनी एकादशी यानी चार महीने तक पाताल लोक में निवास करते हैं. इस दौरान मांगलिक कार्य करना वर्जित होता है.

दूसरी कथा:

मध्यकालीन युग में राजपूत और मुगलों के बीच संघर्ष चल रहा था. ऐसे में गुजरात के सुल्तान बहादुर शाह ने चित्तौड़ पर हमला कर दिया था. राजपूत और मुगलों के बीच संघर्ष के चलते रानी कर्णावती (जो चित्तौड़ के राजा की विधवा थीं) ने मुगल सम्राट हुमायूं को राखी भेजकर अपनी और प्रजा की सुरक्षा का प्रस्ताव रखा था. तब हुमायूं ने रानी कर्णावती का प्रस्ताव स्वीकार कर अपनी बहन की रक्षा की और उनकी राखी का सम्मान रखा.

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