*रक्तदान के बारे में भ्रांतियां*
*डॉक्टर आर पी पांडे वैद्य* जी *अयोध्या*
1) *रक्तदान से शरीर कमजोर होता है*-
रक्तदान करने के बाद अपका शरीर कमजोर नहीं पड़ता l
2) *रक्तदान तकलीफ देह प्रक्रिया है* -
इंजेक्शन की वजह से उन्हें लंबे सम तक दर्द झेलना पड़ेगा लेकिन ये बात सच नही है
3) *एक बार से ज्यादा रक्तदान नही कर सकते*-
एक स्वस्थ व्यक्ति साल में 4 बार रक्तदान कर सकता है l आप 3 महीने के अंतराल पर एक बार रक्तदान कर सकते है l
4) *रक्तदान करने से बढ़ता है तनाव* -
रक्तदान करने से न किसी तरह का तनाव होता है न ही सिरदर्द की समस्या l
5) *रोग प्रीतिरोध क्षमता कम होती है एवं ब्लड प्रेशर स्थिर नहीं राहता* -
नहीं रोग प्रतिरोध क्षमता पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता l रक्तदान के बाद हाई या लो बीपी जैसी समस्या नहीं होती है l
*रक्तदान के फायदे*
1) हर 3 महीने में रक्तदान करना चाहिए l इससे आयरन की मात्रा बनी रहती है और दिल की बीमारियां भी दूर रहती है l
2) रक्तदान से आप लंबे वक्त तक जवां बने रहते है और स्ट्रोक व हार्ट अटैक से भी बचाव होता है l
3) डॉक्टरों के अनुसार, ब्लड डोनेट करने से शरीर में आयरन की मात्रा सही बनी रहती है l आयरन की अधिकता से लीवर टिशू का ऑक्सीडेशन होता है, जिसेसे वे डैमेज हो सकता है और आगे चलकर कैंसर बन सकता है, इसलिए नियमित रूप से ब्लड डोनेट करने से लीवर डैमेज व कैंसर का जोखिम कम होता है l
4) ब्लड डोनेशन से मानसिक संतुष्टि भी मिलती है क्योंकि आपके द्वारा डोनेट किए गए ब्लड से कम से कम 2 से 3 लोगों को नया जीवन दान मिलता है जिसे खुशी और मानसिक संतुष्टि मिलती है l
5) ब्लड डोनेशन से रोग प्रतिरोध क्षमता में बढ़ोतरी होती है, जिसकी वजह से हमारा शरीर कई तरह की बीमारियों से लड़ सकने में सक्षम बनाता है l
कुछ अन्य जानकारी
*_प्लाज्मा दान वही कर सकता है जिसकी एंटीबॉडी निकल के आएगी अर्थात जिसको covid हो चुका हो और वह ठीक हो उसके 28 दिन बाद_!!*
*_प्लाज्मा क्या है?:_*
_हमारे खून (blood) में चार प्रमुख चीजें होती हैं. डब्ल्यूबीसी, आरबीसी, प्लेटलेट्स और प्लाज्मा. आजकल किसी को भी होल ब्लड (चारों सहित) नहीं चढ़ाया जाता. बल्कि इन्हें अलग-अलग करके जिसे जिस चीज की ज़रूरत हो वो चढ़ाया जाता है. प्लाज्मा, खून में मौजूद 55 फीसदी से ज्यादा हल्के पीले रंग का पदार्थ होता है, जिसमें पानी, नमक और अन्य एंजाइम्स होते हैं. ऐसे में किसी भी स्वस्थ मरीज जिसमें एंटीबॉडीज़ विकसित हो चुकी हैं, का प्लाज़्मा निकालकर दूसरे व्यक्ति को चढ़ाना ही प्लाज्मा थेरेपी है._
*_क्या सभी लोग प्लाज्मा दान कर सकते हैं?:_*
_नहीं! जो लोग कोरोना होने के बाद ठीक हो चुके हैं. उनके अंदर एंटीबॉडीज विकसित हो चुकी हैं. सिर्फ वे ही लोग ठीक होने के 28 दिन बाद प्लाज्मा दान कर सकते हैं._
*_प्लाज्मा देने वाले को क्या खतरे हो सकते हैं?:_*
_प्लाज्मा देने वाले को कोई खतरा नहीं है. बल्कि यह रक्तदान से भी ज्यादा सरल और सुरक्षित है. प्लाज्मा दान करने में डर की कोई बात नहीं है. हीमोग्लोबिन भी नहीं गिरता. प्लाज्मा दान करने के बाद सिर्फ एक-दो गिलास पानी पीकर ही वापस पहली स्थिति में आ सकते हैं._
*_रक्तदान और प्लाज्मा दान में क्या अंतर है?:_*
_रक्तदान में आपके शरीर से पूरा खून लिया जाता है. जबकि प्लाज्मा में आपके खून से सिर्फ प्लाज्मा लिया जाता है और रेड ब्लड सेल्स, व्हाइट ब्लड सेल्स और प्लेटलेट्स वापस आपके शरीर में पहुंचाए जाते हैं. ऐसे में प्लाज्मा दान से शरीर पर कोई बहुत फर्क नहीं पड़ता._
*_प्लाज्मा दान में कितना वक्त लगता है:_*
_500 ML प्लाज्मा लेने में 30 से 45 मिनट लगते हैं_
_अगर अभी भी विचार कर रहे हो जियो ओर जीने दो प्लाज्मा दान करके किसी की लाइफ बचाना चाहते है तो आप सिर्फ 2 लोगों की लाइफ बचा सकते है और इंसान तो सभी है आप इंसान के रूप मै उसके लिए जीवनदाता बन सकते है।
रक्तदान महादान के 13 अन्य फायदे
1 एक औसत व्यक्ति के शरीर में 10 यूनिटयानी (5-6 लीटर) रक्त होता है।
2 रक्तदान करते हुए डोनर के शरीर से केवल 1 यूनिट रक्त ही लिया जाता है।
3 कई बार केवल एक कार एक्सीडेंट (दुर्घटना) में ही, चोटील व्यक्ति को 100 यूनिट तक के रक्त की जरूरत पड़ जाती है।
4 एक बार रक्तदान से आप 3 लोगों की जिंदगी बचा सकते हैं।
5 भारत में सिर्फ 7 प्रतिशत लोगों का ब्लड ग्रुप 'O नेगेटिव' है।
6 'O नेगेटिव' ब्लड ग्रुप यूनिवर्सल डोनर कहलाता है, इसे किसी भी ब्लड ग्रुप के व्यक्ति को दिया जा सकता है।
7 इमरजेंसी के समय जैसे जब किसी नवजात बालक या अन्य को खून की आवश्यकता हो और उसका ब्लड ग्रुप ना पता हो, तब उसे 'O नेगेटिव' ब्लड दिया जा सकता है।
8 ब्लड डोनेशन की प्रक्रिया काफी सरल होती है और रक्त दाता को आमतौर पर इसमें कोई तकलिफ नहीं होती हैं।
9 कोई व्यक्ति 18 से 60 वर्ष की आयु तक रक्तदान कर सकता हैं।
10 रक्त दाता का वजन, पल्स रेट, ब्लड प्रेशर, बॉडी टेम्परेचर आदि चीजों के सामान्य पाए जाने पर ही डॉक्टर्स या ब्लड डोनेशन टीम के सदस्य आपका ब्लड लेते हैं।
11 पुरुष 3 महीने और महिलाएं 4 महीने के अंतराल में नियमित रक्तदान कर सकती हैं।
12 हर कोई रक्तदान नहीं कर सकता। यदि आप स्वस्थ हैं, आपको किसी प्रकार का बुखार या बीमारी नहीं हैं, तो ही आप रक्तदान कर सकते हैं।
13 अगर कभी रक्तदान के बाद आपको चक्कर आना, पसीना आना, वजन कम होना या किसी भी अन्य प्रकार की समस्या लंबे समय तक बनी हुई हो तो आप रक्तदान ना करे
*डॉक्टर आर पी पांडे वैद्य जी अनंत शिखर साकेत पुरी कॉलोनी अयोध्या*
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