शुक्रवार, 28 मई 2021

एलोपैथी पर रामदेव के बयान की सुभाष चौहान ने की निंदा


मुजफ्फरनगर । मुजफ्फरनगर केमिस्ट एवं ड्रगिस्ट एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष एवं नामित सदस्य स्वास्थ्य विभाग सुभाष चौहान ने व्यापारी बाबा रामदेव के उस बयान की घोर निंदा की है जिसमें रामदेव ने एलोपैथी एवं एलोपैथी डॉक्टर के उपचार पर प्रश्न चिन्ह लगाया है। सुभाष चौहान ने कहा है की कोरोना महामारी के ऐसे समय में जब हज़ारों डॉक्टर एवं मेडिकल स्टोर स्वामियों ने हिंदुस्तान के जनमानस की सेवा करते हुए अपने प्राण न्योछावर कर दिए हैं, ऐसे समय में व्यापारी बाबा रामदेव के द्वारा उनकी सेवा पर यह कहकर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है की एलोपैथी के उपचार से बहुतों की जान चली गई ।उन्हें यह नहीं पता या कहिए कि वह अपने व्यापार को लेकर इतने परेशान हो चुके हैं की वह यह नहीं जानते की इसी एलोपैथी ने करोड़ों लोगों को जो कोरोना की चपेट में आ गए थे उनको ठीक करके उनके परिवार के बीच पहुंचा दिया है, जहां पर अब खुशी का माहौल है। अकेले उत्तर प्रदेश में ही अभी तक लगभग 1605696 कोरोना संक्रमित मरीजों  को ठीक करके डिस्चार्ज किया गया है । केमिस्ट एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष सुभाष चौहान ने बताया की व्यापारी बाबा रामदेव के इस घोर निंदनीय बयान से समस्त दवा व्यापारियों में भारी रोष व्याप्त है।

 सुभाष चौहान ने कहा की व्यापारी बाबा रामदेव को यदि एलोपैथ पर भरोसा नहीं है तो उनके बिजनेस पार्टनर आचार्य बालकृष्ण क्यों एलोपैथ की सेवा ले रहे हैं ।व्यापारी बाबा रामदेव सिर्फ और सिर्फ हिंदुस्तान की भोली भाली जनता को भृमित बनाने का कार्य कर रहे हैं उन्होंने इस तरह का गैर जिम्मेदाराना बयान देकर जितने भी दवा व्यापारी एवं डॉक्टर हैं जो कोरोना काल मे दिन-रात कोरोना वारियर्स की तरह सेवा कर रहे हैं उनकी भावनाओं को आहत करने का कार्य किया है। व्यापारी रामदेव को अपने इस गैर जिम्मेदाराना बयान पर खेद प्रकट करना चाहिए।

सुभाष चौहान ने अपने बयान में कहा है कि व्यापारी बाबा रामदेव ने न सिर्फ एलोपैथ एवं एलोपैथिक डॉक्टर पर प्रश्न चिन्ह लगाया है बल्कि इन्होंने भारत सरकार द्वारा एलोपैथ पर किए जा रहे अरबों  रुपए के खर्च को भी निराधार बता दिया है क्योंकि यह सभी जानते हैं कि भारत सरकार एलोपैथ में नए-नए मॉलिक्यूल खोज करने में अरबो रूपया खर्च कर रही है। वैक्सीनेशन की खोज पर अरबों रुपया खर्च किया जा रहा है ।हिंदुस्तान की बड़ी-बड़ी कंपनियां अपने यहां पर हजारों साइंटिस्ट को रखकर निरंतर नए-नए मॉलिक्यूल की खोज करने में करोड़ों रुपया खर्च कर रही है ।व्यापारी बाबा रामदेव के इस एक निरर्थक बयान ने भारत सरकार द्वारा किए जा रहे खर्च एवं दवाई कंपनियों के द्वारा किए जा रहे खर्च पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है इसलिए भारत सरकार को भी चाहिए कि वह हस्तक्षेप करें एवं व्यापारी बाबा रामदेव को इस प्रकार के निरर्थक बयान देने से रोके। सरकार को इसमें आवश्यक कार्यवाही अवश्य करनी चाहिए जिससे कि जनता में यह संदेश जा सके कि कानून सर्वोपरि है।

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