बुधवार, 31 मार्च 2021

श्रीराम कालेज के छात्रों ने बनाई आर्गेनिक कीटनाशक


मुजफ्फरनगर । श्रीराम काॅलेज के कृषि विभाग के छात्रों द्वारा बनाई गई कीटनाशक दवा काफी कारगर साबित हो रही है। 

श्रीराम कॉलेज के कृषि विभाग के छात्रों द्वारा एक कार्बनिक (आर्गेनिक) कीटनाशी दवाई तैयार की गयी। विभाग के अध्यापकों तथा छात्रों ने खेती में प्रयोग हो रहे रसायन को कम करने के लिए इस दवाई को तैयार किया। छात्रों के द्वारा बताया गया की आज के समय में रसायनो का प्रयोग अधिक हो रहा है जिसका दुष्प्रभाव हमें देखने को मिल रहा है। ये जहरीले पदार्थ किसी भी रूप में हमारे तथा पालतू पशुओ के अंदर प्रवेश करते है जिससे खतरनाक बीमारिया फैलती है। इनके द्वारा हमारी मिटटी के अंदर तथा बाह्रय रहने वाले लाभदायक सुक्ष्मजीव नष्ट हो जाते है जो फसल उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण है। इन सभी बातो को ध्यान में रखते हुए इस कीटनाशी घोल को तैयार किया गया। बनाये गए घोल को तैयार करने के लिए ५ कि.ग्रा पार्थेनियम घास, ५ कि.ग्रा नीम की पत्ती, ५०० ग्राम गावमूत्र, ५० ग्राम रीठा पावडर, ३ कि.ग्रा १० दिन पुरानी लस्सी ली गयी । पहले पार्थेनियम तथा नीम के पत्तो के ५ लीटर पानी में पकाया जब पानी पकते हुए १ लीटर के आसपास रह गया तो इस पानी को छान लिया। इस पानी को ठंडा होने के बाद इसमें बाकि सामग्री को मिश्रित किया गया ओर १० दिन के लिए रख दिया गया। १० दिन बाद इसको छान लिया प्राप्त घोल एक कीटनाशी के रूप में प्राप्त हुआ । इस घोल से ५०० ग्राम लिया ओर १४ लीटर पानी के साथ स्प्रेयर की सहयता से छिड़काव किया गया जिसका प्रभाव ३ दिन के अंदर ७० प्रतिशत देखने को मिला। इस दवाई को किसान घर पर ही तैयार कर सकते है।  कृषि विभाध्यक्ष डॉ0 नईम ने बताया की इस दवाई को तैयार करने में लगी सामग्री पूरी तरह ऑर्गेनिक है जिसमे किसी तरह का कोई रसायन नहीं मिलाया गया। हमारे जीवन में बीमारियों से बचने के  लिए ऑर्गेनिक खेती की क्रिया को अपनाना होगा।  ऑर्गेनिक फसल उत्पादन से आय भी बढाई जा सकती है क्योकि बाजार में आर्गेनिक कृषि उत्पाद का मूल्य अधिक है तथा मांग भी बढ़ रही है। ऑर्गेनिक खेती रासयनिक खेती से सस्ती एवं लाभदायक है। उधान विज्ञानं के सहायक प्रवक्ता डॉ. कटार सिंह ने बताया की यह दवाई फल एवं सब्जी में लगने वाले किट पर अधिक प्रभावशाली रहेगी जिससे फल एवं सब्जी को बिना रसायन के प्रयोग से बचाया जा सकेगा। 

श्रीराम कॉलेज के निदेशक डॉ0 आदित्य गौतम ने छात्रों एवं कृषि विभाग के अध्यापको को बधाई देते हुए कहा के इस तरह के शोध जीवन में आने वाली बीमारियो को दूर कर देते है तथा विभाग को भविष्य में ऐसे शोध करने के लिए प्रेरित किया। 

इस अवसर पर डॉ सौरभ जैन, डॉ विनीत शर्मा, आबिद, मुकुल, श्रेया, हिमांशु गौतम, अनमोल, रोहित एवं कृषि विभाग के समस्त छात्र मौजूद रहे।

कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

बीए की छात्रा से ट्यूबवेल पर गैंगरेप

मुजफ्फरनगर। तमंचे की नोक पर बीए की छात्रा से गैंगरेप के मामले में रिपोर्ट दर्ज की गई है।  बुढ़ाना कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में कॉफी पिलाने ...