गुरुवार, 15 अक्तूबर 2020

नवरात्र पर ये नवार्ण मंत्र करेगा सबका कल्याण

#चमत्कारी औऱ शक्तिशाली नवार्ण मंत्र 


 'ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे' :का अर्थ औऱ महत्व,......🌹🌹🌹🌹🌹🌹



दुर्गा पूजा शक्ति उपासना का पर्व है। शारदीय नवरात्रि में मनाने का कारण यह है कि इस अवधि में ब्रह्मांड के सारे ग्रह एकत्रित होकर सक्रिय हो जाते हैं, जिसका दुष्प्रभाव प्राणियों पर पड़ता है। ग्रहों के इसी दुष्प्रभाव से बचने के लिए नवरात्रि में दुर्गा की पूजा की जाती है। 


* दुर्गा दुखों का नाश करने वाली देवी है। इसलिए नवरात्रि में जब उनकी पूजा आस्था, श्रद्धा से की जाती है तो उनकी नवों शक्तियां जागृत होकर नौ ग्रहों को नियंत्रित कर देती हैं। फलस्वरूप प्राणियों का कोई अनिष्ट नहीं हो पाता।


दुर्गा की इन नौ शक्तियों को जागृत करने के लिए दुर्गा के 'नवार्ण मंत्र' का जाप किया जाता है। नव का अर्थ नौ तथा अर्ण का अर्थ अक्षर होता है। अतः नवार्ण नौ अक्षरों वाला मंत्र है, नवार्ण मंत्र 'ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे' है। 


 


नौ अक्षरों वाले इस नवार्ण मंत्र के एक-एक अक्षर का संबंध दुर्गा की एक-एक शक्ति से है और उस एक-एक शक्ति का संबंध एक-एक ग्रह से है। 


 


* नवार्ण मंत्र के नौ अक्षरों में पहला अक्षर ऐं है, जो सूर्य ग्रह को नियंत्रित करता है। ऐं का संबंध दुर्गा की पहली शक्ति शैल पुत्री से है, जिसकी उपासना 'प्रथम नवरात्र' को की जाती है। 


 


* दूसरा अक्षर ह्रीं है, जो चंद्रमा ग्रह को नियंत्रित करता है। इसका संबंध दुर्गा की दूसरी शक्ति ब्रह्मचारिणी से है, जिसकी पूजा दूसरे नवरात्रि को होती है। 


 


* तीसरा अक्षर क्लीं है, चौथा अक्षर चा, पांचवां अक्षर मुं, छठा अक्षर डा, सातवां अक्षर यै, आठवां अक्षर वि तथा नौवा अक्षर चै है। जो क्रमशः मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु तथा केतु ग्रहों को नियंत्रित करता है। 


 


इन अक्षरों से संबंधित दुर्गा की शक्तियां क्रमशः चंद्रघंटा, कुष्माण्डा, स्कंदमाता, कात्यायिनी, कालरात्रि, महागौरी तथा सिद्धिदात्री हैं, जिनकी आराधना क्रमश : तीसरे, चौथे, पांचवें, छठे, सातवें, आठवें तथा नौवें नवरात्रि को की जाती है। 


 


इस नवार्ण मंत्र के तीन देवता ब्रह्मा, विष्णु और महेश हैं तथा इसकी तीन देवियां महाकाली, महालक्ष्मी तथा महासरस्वती हैं, दुर्गा की यह नवों शक्तियां धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष इन चार पुरुषार्थों की प्राप्ति में भी सहायक होती हैं। 


 


नवार्ण मंत्र का जाप 108 दाने की माला पर कम से कम तीन बार अवश्य करना चाहिए। यद्यपि नवार्ण मंत्र नौ अक्षरों का ही है, परंतु विजयादशमी की महत्ता को ध्यान में रखते हुए, इस मंत्र के पहले ॐ अक्षर जोड़कर इसे दशाक्षर मंत्र का रूप दुर्गा सप्तशती में दे दिया गया है, लेकिन इस एक अक्षर के जुड़ने से मंत्र के प्रभाव पर कोई असर नहीं पड़ता। वह नवार्ण मंत्र की तरह ही फलदायक होता है। अतः कोई चाहे, तो दशाक्षर मंत्र का जाप भी निष्ठा और श्रद्धा से कर सकता है।


मंत्रों के जप से हम अपने शरीर, मन, मस्तिष्क और आत्मा को शुद्ध कर सकते हैं. एक छोटे से मंत्र से मनुष्य के शरीर में असीम शक्ति और ऊर्जा का संचार होने लगता है बशर्ते इसका जप पूरी आस्था और निष्ठा के साथ किया जाए, इस मंत्र के निरंतर जप से आपका बड़े से बड़ा दुश्मन भी दोस्त बन जाएगा. इसके साथ ही इससे आपको कई और फायदे भी हो सकते हैं.


मंत्र के आगे पीछे दोनो तरफ ॐ लगाने से मन्त्र बहुत जल्दी सिद्ध होता है, ऐसा हमारे कुछ सिद्ध सन्त कहते आये है। जैसे हजारों सालों से जीवित महावतार बाबा, लाहिड़ी बाबा आदि।


 


 


 


ये मंत्र है आसान पर है बहुत खास


 


मंत्र- ओम् एम ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे


 


मां दुर्गा का यह आसान मंत्र बहुत खास है. इस मंत्र का निरंतर जप करनेवाले लोगों को आश्चर्यजनक लाभ होते हैं........🌹🌹🌹🌹


 


1- दुश्मन भी बन जाते हैं दोस्त,


कोई आपका कितना ही बड़ा दुश्मन क्यों ना हो इस खास मंत्र का लगातार जप करके देखिए. इसके प्रभाव से आपके दुश्मन भी आपके साथ दोस्तों जैसा व्यवहार करना शुरु कर देंगे और वो आपके हितैशी बन जाएंगे.


 


2- मन को मिलती है शांति,


अधिकांश लोग किसी ना किसी मंत्र का जप निरंतर करते ही रहते हैं लेकिन इस मंत्र के जप से ना सिर्फ आपका मन शांत रहता है बल्कि इससे आपकी एकाग्रता भी बढ़ती है साथ ही इससे ध्यान लगाने में आसानी होती है.


 


3- बढ़ता है हमारा आत्मविश्वास,


अगर किसी भी वजह से आपका आत्मविश्वास कम हो गया है और आप फिर से अपने भीतर आत्मविश्वास को जगाना चाहते हैं तो ये मंत्र आपकी काफी हद तक मदद कर सकता है. इस मंत्र के जप से हमारे दिमाग की सारी नकारात्मकता खत्म हो जाती है और हमारे आत्मविश्वास में गजब की बढ़ोत्तरी होती है.


 


4- नकारात्मक ऊर्जा दूर भगाए,


इस मंत्र के निरंतर जप से मन और शरीर से नकारात्मक ऊर्जा खत्म होने लगती है और शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होने लगता है. इतना ही नहीं इससे तनाव, अवसाद और चिंता जैसी मानसिक समस्याएं खत्म होने लगती है.


 


5- याददाश्त होती है अच्छी,


इस मंत्र का जप विद्यार्थियों से लेकर वैज्ञानिक भी कर सकते हैं क्योंकि इससे याद करने की शक्ति बढ़ती है और याददाश्त अच्छी होती है. परीक्षा में अच्छे नंबर पाने के लिए या फिर प्रश्नों के उत्तर याद रखने के लिए छात्रों को हर रोज इस मंत्र का जप करना चाहिए. इसके अलावा प्रतियोगी परीक्षा में सफलता पाने के लिए इस मंत्र का जप उत्तम है.


 


6- महिलाओं के लिए लाभदायक,


इस मंत्र का जप करना महिलाओं के लिए काफी लाभदायक माना गया है. जिन महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान असहनीय दर्द होता है. अगर वो महिलाएं इस मंत्र का रोजाना जप करें तो इससे उनके दर्द में कमी आती है.


 


7- हर बुराई से करता है रक्षा,


अगर आप इस मंत्र का लगातार जप करते हैं तो इससे जो लोग आपके खिलाफ कोई साजिश कर रहे हैं उनके दिमाग से आपके प्रति द्वेश और नकारात्मक भावना खत्म हो जाएगी. इसके निरंतर जप से आप खुद ये महसूस करेंगे कि आपके दुश्मन आपसे दूर जा रहे हैं.


 


8- बढ़ती हैं आध्यात्मिक शक्तियां,


इस मंत्र के निरंतर जप से इंसान की आध्यात्मिक शक्तियां बढ़ती हैं. इससे आप आध्यात्म की नई ऊंचाईयों को छू सकते हैं. इससे व्यक्ति ना सिर्फ अपनी जिंदगी को सुधारता है बल्कि वो औरों के जीवन को भी संवारने की क्षमता रखता है.


 


माँ दुर्गा आप सब की मनोकामना पूर्ण करें,..


 


,....🙏🙏..🌹🌹..जय माता दी..🌹🌹..🙏🙏....,


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