मुजफ्फरनगर। दी गुड खांडसारी एंड ग्रेन मर्चेन्टस एसो. के अध्यक्ष संजय मित्तल व मंत्री श्याम सिंह सैनी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा को प्रेषित पत्र में कहा है कि हमारी मांग पर सरकार ने किसानों को उनके ट्यूबवैल कनैक्शन पर ही कोल्हू में गन्ना परेकर गुड़ बनाने की अनुमति तुरंत प्रदान कर दी थी परन्तु अभी तक सभी किसान इसका फायदा नहीं उठा पा रहे है। सर्वविदित है कि गन्ने से गुड-शक्कर बनाने के कुटीर उद्योग से समाज का अति पिछ़डा वर्ग जुडा हुआ है।
मंगलवार को आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने बताया कि एक कोल्हू के चलने से गुड बनाने से लेकर मंडी में लाकर गुड बेचने तक सैकड़ों परिवारों की नीतियों व अफसर शाही के कारण पश्चिमी उत्तर प्रदेश में क्रेशर जैसा कुटीर उद्योग जो गांव-गांव में फैला थ पहेल ही बंद हो चुका है। मजबूर होकर किसान अपना गन्ना चीनी मिलों को उनकी दया पर उधार बेचने को मजबूर हो गया है। ज्यादातर ट्यूबवैलों पर विद्युत उपभोग बताने के लिए मीटर भी लगे हुए है। उन्होंने कहा कि चंद कोल्हू जो मेन रोड पर चल रहे है उन पर दबाव बनाकर अस्थायी विद्युत कनैक्शन दिला दिया जाता है जबकि असंख्य कोल्हू जो इंटिरियर में चल रहे है उनसे हर महीने मोटी धनराशि अवैध रूप से विजिलैंस की पुलिस टीम का डर दिखाकर व छापेमारी करके विद्युत विभाग द्वारा वसूल की जा रही है । वर्ष 2018 में कोल्हू वालों ने टैम्परेरी कनैक्शन लिये थे । उसके बाद भी उन्हें एक लाख रूपये से लेकर 3 लाख रूपये तक के नोटिस भेजे गए। उन्होंने कहा कि हमारा सुझाव है कि कोल्हू वालो से पूरे सीजन की एक मुश्त धनराशि बिना विद्युत मीटर लगाये ले ली जाये ताकि विद्युत विभाग के भारी आर्थिक व मानसिक शोषणा से सर्वहारा वर्ग बच सके।
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