बुधवार, 23 सितंबर 2020

इंजीनियरिंग पर श्रीराम काॅलेज में कार्यशाला संपन्न

मुजफ्फरनगर । श्रीराम काॅलेज आफ इंजीनियरिंग में ’’अप्र्लाइंग डिजाइन थिंकिंग पोस्ट कोविड चैलेंज’’ विषय पर चल रही तीन चरणीय अंतरराष्ट्रीय आनलाईन कार्यशाला का आयोजन धमार्थ ट्रस्ट टैक टाॅप द्वारा आयोजित किया जा रहा है। कार्यशाला के मुख्य आयोजनकर्ता एवं टैक टाॅप धमार्थ ट्रस्ट के संस्थापक प्रोफेसर राजेश नायर इस कार्यशाला के मुख्य वक्ता है। तीन चरणीय कार्यशाला का मुख्य उददेश्य इंजीनियरिंग विद्यार्थियों में अभियांत्रिक कौशल विकसित कर उद्यमिता को प्रोत्साहित करना है। 


 आपकों बताते दे कि तीन चरणीय कार्यशाला के मुख्य वक्ता प्रोफेसर राजेश नायर स्कूल आफ बिजनेस में अभ्यास नवाचार और उद्यमिता के प्रोफेसर है। प्रोफसर राजेश नायर एमआईटी टाटा सेंटर फाॅर टेक्नोलाॅजी एंड डिजाइन में एक विजिटिंग स्कालर भी है, जो केंद्र में विकसित प्रौद्योगिकियों के व्यवसायीकरण में छात्रों की मदद करने पर ध्यान केंद्रित करता है। वे 25 साल तक एक उत्पाद डिजायनर और सीरियल उद्यमी रहें। इसके बाद इन्होंने डिग्री नियंत्रण कम्पनी की स्थापना की जिसका मुख्य कार्य चिकित्सा, आईटी, सैन्य और उपभोक्ता जैसे विभिन्न बाजारों में उच्च विश्वसनियता वाले इलैक्ट्रोनिक उत्पादो के थर्मल डिजाइन में समाधान प्रदान करना है। उनके पास 13 अमेरिकी पेटेंट है। वह न्यू हैम्पशायर हाई टैक काउंसिल के एंटरप्रेन्योर आफ द ईयर अवार्ड से सम्मानित हो चुके है। इसके अलावा इंग्लैण्ड में आयोजित कार्यक्रम इन्स्र्ट एंड यंग एंटरप्रेन्योर आफ द ईयर के फाइन लिस्ट भी रहे है। भारत के दूरदराज के काॅलेजों में उनके अनूठे प्रयोगों से सीखकर विद्यार्थियों ने उद्यमी और स्टार्टअप बनाये है। उनका काम काफी हद तक उनके विश्वास से प्रेरित है।   


 कार्यशाला में विभिन्न देशों के छात्र-छात्राओं के साथ श्रीराम काॅलेज आफ इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों की लगभग 20 टीमों ने प्रतिभाग किया, जिनमें से क्वििज प्रतियोगिता के आधार पर लगभग 12 टीमें चयनित हुई। कार्यशाला के पहले चरण के पहले दिन में एप्लाई, क्रियेटिविटी एण्ड आइडेशियन विषय पर प्रोफेसर नायर ने सभी विद्यार्थियों को विषय के संबंध में गहन जानकारी दी और साथ ही सभी विद्यार्थियों को इस विषय के संबंध में प्रशिक्षण भी दिया। जिसके उपरान्त प्रशिक्षण के आधार पर विद्यार्थियो से ’’हाउ टू सी द फ्यूचर’’ विषय पर रचनात्मक कार्य करने को दिये गये साथ ही विद्यार्थियों ने इस विषय पर विचार व्यक्त कियेे। कार्यशाला के दौरान पेसिमिस्टिक, एम्पावरमेंट और वर्तमान में विश्व में फैले कोविड-19 संक्रमण को लेकर भविष्य में कोविड से होने वाले चैलेंज जैसे विषयो पर गम्भीर चर्चा की गई। कार्यशाला के दौरान विद्यार्थियों के रचनात्मक कौशल एवं अभियांत्रिक कौशल को विकसित करने के लिये विभिन्न पहलुओं पर विद्यार्थियों के मध्य समूह चर्चा का आयोजन किया गया। सभी विद्यार्थियों ने बडी सरलता और सुझ-बुझ के साथ कार्यशाला में कराये जा रहे सभी टास्को को पूर्ण रूचि एवं प्रतिबद्धता के साथ पूर्ण किया। 


 कार्यशाला के पहले चरण के दूसरे दिन ’’एम्पथी फाॅर प्राब्लम आइडेंटिफिकेशन’’ के विषय में प्रोफेसर राजेश नायर ने विद्यार्थियों का मार्ग दर्शन करते हुये समस्याओं की पहचान कैसे की जायें इस विषय पर विद्यार्थियों को जागरूक किया।


 इस अवसर पर श्रीराम ग्रुप आफ कालिजेज के चेयरमैन डा0 एस0सी0कुलश्रेष्ठ ने श्रीराम कालिज आफ इंजीनियरिंग के सभी प्रवक्तागणों और विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करते हुये कहा कि इस तरह की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला विद्यार्थियों के भविष्य के लिये अति आवश्यक है। इस प्रकार की कार्यशालाओं से सीखकर विद्यार्थी अन्य संस्थानों में कार्य करने योग्य तो बनते ही है साथ ही रोजगार के नये अवसर प्रदान करने में भी सहायक होगे। इसी श्रंखला में श्रीराम काॅलेज आफ इंजीनियरिंग के निदेशक डा0 आलोक गुप्ता और डीन ऐकेडिमिक प्रोफेसर साक्षी श्रीवास्तव ने संयुक्त रूप से सभी विद्यार्थियों का मनोबल बढाते हुये इस कार्यशाला में उद्यमिता के लिये सीखाये जा रहे गुणों को अपने अंदर समाहित करने के लिये प्रोत्साहित किया।  


 कार्यशाला में कम्प्यूटर आफ इंजीनियंरिंग के विभागाध्यक्ष डा0 पवन कुमार गोयल और अन्य विभागाध्यक्षों में डा0 अश्वनी, डा0 अर्जुन सिंह, डा0 पवन कुमार, डा0 मोहित fसंह व प्रवक्तागण इं0 देवेश मलिक, इं0 रवि कुमार, इं0 आशीष सिंह, इं0 तुषार शरण, इं0 पीयुष आदि ने कार्यशाला में मेंटर के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 


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