मुज़फ्फरनगर। तारा इंस्टिट्यूट पर उधोग एवं उधम प्रोत्साहन निदेशालय
उत्तर प्रदेश की कार्यदायी संस्था यू0पी0को0 द्वारा संचालित "एक जिला एक उत्पाद" प्रशिक्षण योजनांतर्गत 10 दिवसीय कौशल एवं उद्यमिता विकास कार्यक्रम के उदघाटन अवसर पर बोलते हुए डॉ राजीव सिंह ने कहा कि कोरोना काल मे सभी व्यवसायों पर प्रतिकूल असर हुआ है। ऐसे में शासन द्वारा जनपद मुज़फ्फरनगर में गन्ने से बनने वाले विभिन्न प्रकार के उत्पादन ओर उससे जुड़े व्यवसाय के लिए यह प्रशिक्षण आरम्भ किये गए हैं।
इस प्रशिक्षण के माध्यम से प्रशिक्षणार्थियों को अपने रोजगार को लगाने व उसको बढ़ाने का अवसर प्राप्त होगा। तथा गन्ने से बनने वाले समस्त उत्पाद जिनमे गुड़, शक्कर, शीरा, चीनी, खांड आदि बनाकर अपना व्यवसाय बढ़ाने में यह प्रशिक्षण सभी गुड़ उत्पादकों के लिए भी उपयोगी होंगा। साथ ही गुड़ से बनने वाले उत्पादों को बाजार के लिए तैयार कर अपनी आय बढ़ाने के लिए प्रदेश सरकार की इस योजना का लाभ आप सभी को मिलेगा।
प्रशिक्षण के शुभारम्भ पर बोलते हुए मुख्य सन्दर्भ व्यक्ति प्रमोद चौधरी ने कहा कि जिला उधोग केन्द्र के सहयोग से आयोजित इस प्रशिक्षण का उद्देशय आजीविका के साधनों का सुदृढ़ीकरण करते हुए उनके जीवन स्तर को उन्नत किया जाना है।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में 10 दिनों तक प्रशिक्षुओं को गुड़ उत्पादन के क्षेत्र में वर्तमान परिवेश के अनुसार तकनीकी रूप से कार्य कुशल बनाया जाएगा एवं उनको सरकारी योजनाओं की जानकारी, बाजार एवं बाजार प्रबंधन, उत्पादन लागत निर्धारण प्रक्रिया, वित्तीय प्रबंधन, उद्यम स्थापना की प्रक्रिया इत्यादि के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाएगी।
यूपीको के प्रतिनिधि अमित मोहन ने बताया कि इस योजना अंतर्गत प्रशिक्षण के उपरान्त गुड़ उत्पादकों को सेवा व्यवसाय के सफल संचालन हेतु आधुनिक तकनीकी पर आधारित उन्नत किस्म की टूल किट एवं प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा।
गुड़ उत्पादन के प्रशिक्षक सोराज सिंह ने कहा कि कोरोना काल मे पारम्परिक कारीगरों के लिए रोजगार की समस्या उतपन्न हुई है अतः सरकार की मंशा ही कि सभी प्रशिकक्षु ट्रेंड कारीगर बनकर अपने व्यवसाय को अपग्रेड करे । प्रशिक्षण के माध्यम से प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र ओर मुद्रा लोन जैसी आर्थिक योजनाओ की मदद के माध्यम से आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा।
प्रशिक्षण केंद्र के समन्वयक श्रीकांत बालियान ने बताया कि गुड़ उत्पादकों का यह दूसरा फेस है जिसमे दस दिनों तक 100 प्रतिभागियों को कौशल वृद्धि प्रशिक्षण के दौरान गुड उत्पादन की व्यवहारिक व सैद्धान्तिक जानकारी दी जाएगी।
प्रशिक्षण कार्यशाला का संचालन मोहित अग्रवाल ने किया। तथा प्रशिक्षक के रूप में सोराज सिंह, मोहित कुमार, गगनदीप, सत्यव्रत द्वारा सेवाएं दी गई ।
प्रशिक्षण व्यवस्था में , पारुल, सिमरन, अनामिका, गौरव कुमार का विशेष योगदान रहा।
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