लखनऊ। भारतीय किसान यूनियन के एक प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रीय प्रवक्ता चौै. राकेश टिकैत के नेतृत्व में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके आवास कालिदास मार्ग, लखनऊ से वार्ता की। राकेश टिकैत ने कहा कि उत्तर प्रदेश के किसानों की समस्याओं पर मुख्यमंत्री से सार्थक चर्चा, काले काननों के विरोध में केन्द्र सरकार के खिलाफ समर्थन मूल्य व खरीद की गारंटी कानून बनने तक आन्दोलन जारी रहेगा। 25 सितम्बर को देशभर में होगा किसान कफ्र्यू व चक्का जाम पूर्व वत होगा।
वार्ता में गन्ना भुगतान, गन्ने का मूल्य बढ़ाये जाने, शुगर केन एक्ट धारा (17) 3 को समाप्त किये जाने, प्रदेश में भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के अनुसार किसानों को मुआवजा न दिये जाने व बिना मुआवजा दिये किसानों की तैयार फसलों को नष्ट किये जाने आदि समस्याओं के सम्बन्ध में वार्ता की गयी। जिस पर मुख्यमंत्री जी ने आश्वासन दिया कि नये सत्र की शुरूआत से पहले किसानों का गन्ना भुगतान कराया जायेगा। परियोजनाओं के निर्माण में अधिग्रहीत जमीन पर कब्जा लेने के लिए फसल काटने हेतु किसानों को पर्याप्त समय दिया जायेगा। फसलों की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर हो इसके लिये आवश्यक कदम उठाने, बिजली की दरों में वृद्धि न किये जाने आदि विषयों पर वार्ता हुई। मुख्यमंत्री द्वारा समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया गया। प्रतिनिधिमंडल में चै0 राकेश टिकैत राष्ट्रीय प्रवक्ता, राजेश सिंह चैहान राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, मैनपाल सिंह चैहान राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, हरिनाम सिंह वर्मा प्रदेश उपाध्यक्ष, सरदार अजीत सिंह मंडल अध्यक्ष बरेली मौजूद रहे।
ज्ञापन
माननीय,
श्री योगी आदित्यनाथ जी,
मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार, लखनऊ।
आदरणीय योगी जी
आज प्रदेश का किसान नकदी के भारी संकट से जूझ रहा है। जिसका किसानों पर पड़ रहा है। कोविड-19 के चलते लॉकडाऊन के कारण किसानों को भारी नुकसान हुआ है जिसकी भरपाई हेतु सरकार द्वारा कोई भी सीधी सहायता किसान को नहीं मिली है। प्रदेश में पुलिस उत्पीड़न भी चरम सीमा पर है। गन्ना किसान का भुगतान न होने के कारण किसानों के सामने काफी समस्या उत्पन्न हो रही है। आज दिनांक 23 सितम्बर 2020 को माननीय मुख्यमंत्री महोदय उत्तर प्रदेश सरकार के साथ वार्ता में भारतीय किसान यूनियन निम्न समस्याओं के समाधान की मांग करती है-
1. पिछले दो वर्षों से गन्ना मूल्य न बढ़ने के कारण उत्पादन लागत वृद्धि हुई है। जिसके चलते गन्ना किसानों को घाटा हो रहा है। आगामी सत्र में गन्ने का मूल्य 450 रुपये प्रति कुन्तल किया जाए।
2. उत्तर प्रदेश गन्ना (पूर्ति एवं खरीद विनियमन) अधिनियम 1953 की धारा 17(3) तथा शुगर केन कंट्रोल आर्डर 1996 की क्लाज 3 (3-ए) के प्रावधान के अनुसार गन्ना खरीद के उपरांत 14 दिन के अन्दर गन्ने के भुगतान न करने पर लम्बित अवधि के ब्याज सहित गन्ना किसानों का बकाया गन्ना भुगतान अविलम्ब कराया जाए। प्रत्येक गन्ना किसान की लेखा-जोखा हेतु गन्ना पासबुक जारी किए जाएं। गन्ना खरीद नीति में कोई बदलाव न किया जाए।
3. यूपी गन्ना (आपूर्ति और खरीद का विनियमन) अधिनियम, 1953 की धारा 17 (3) के संदर्भ में ब्याज माफ करने गन्ना आयुक्त में निहित है।
4. किसानों के सामान्य योजना के स्वीकृत नलकूप कनैक्शन का सामान दिये जाने हेतु अविलम्ब लक्ष्य जारी किया जाए। डार्क जोन में अनियमित रूप से चलाये जा रहे निजी नलकूप के संयोजन नियमितीकरण हेतु पुनः 3 माह का समय दिया जाए।
5. किसानों के निजी नलकूप के आवेदन सामान्य योजना की छूट के कारण नहीं मिल पा रहे हैं। सभी आवेदक किसानों को तुरंत कनेक्शन दिए जाएं। बिजली विभाग की गलती के कारण हजारों ग्रामीण उपभोक्ता बिल संशोधन हेतु चक्कर लगाते रहते हैं। गलत बिल भेजने वालों पर कार्यवाही की जाए।
6. प्रदेश में पिछले तीन वर्षों में निजी नलकूप एवं ग्रामीण क्षेत्रों के बिजली बिलों में भारी वृद्धि हुई है। जिसे कम किया जाना आवश्यक है। किसानों के बिजली बिल की दरें कम की जाएं।
7. किसान सम्मान निधि का लाभ प्रदेश के सभी किसानों को नहीं मिल पा रहा है। कार्यालयों के कई चक्कर लगाने के बावजूद भी किसानों को किस्त जारी नहीं की जा रही है। संशोधन हेतु समय सीमा तय करते हुए पात्र किसानों को लाभ दिया जाए व राज्य सरकार द्वारा भी इसमें अंशदान देते हुए इसे 12 हजार रूपये सालाना किया जाए।
8. भारत सरकार द्वारा संसद में पास किये गये तीन कृषि कानून के साथ-साथ न्यूनतम समर्थन मूल्य को भी कानून बनाया जाए। इसकी अनुशंसा भारत सरकार से की जाए। मण्डी के बाहर किसान के खेत को छोड़कर अन्य जगह हो रही खरीद पर भी मण्डी टैक्स लगाया जाए।
9. किसान ऋण मोचन योजना के अन्तर्गत पात्र लम्बित प्रार्थना पत्रों का निस्तारण कर किसानों की राशि जारी की जाए।
10. प्रदेश में चालान के नाम पर पुलिस द्वारा कोविड-19 से लेकर आज तक उत्पीड़न जारी है। पुलिस द्वारा अभद्रता व मारपीट आम हो चुकी है। इस उत्पीड़न से नागरिकों को राहत दिलायी जाए। थाने में व्याप्त भ्रश्टाचार पर अंकुश लगाया जाए।
11. उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, डेडिकेटिड फ्रन्ट कोरिडोर के अन्तर्गत बडे पैमाने पर भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है। सभी जगह किसानों को भूमि अधिग्रहण में उचित मुआवजा एवं अधिकार, सुधार तथा पुनर्वास 2013 में संशोधन का लाभ नहीं दिया जा रहा है। दोनों विभागों द्वारा भूमि अधिग्रहण कानून 2013 का उल्लंघन किया जा रहा है। भूमि अधिग्रहण कानून 2013 की अनुसूची 2 व 3 का लाभ दिया जाए।
12. भूमि अधिग्रहण अवार्ड में कानून के विरूद्ध बिना फसल का मुआवजा दिये मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर, मिर्जापुर, सहारनपुर, शामली में किसानों की तैयार फसलों को नष्ट कर दी गयी है। ऐसी करने वालो जिम्मेदार व्यक्तियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाए एवं किसानों को नष्ट की गयी फसलों का मुआवजा दिलाया जाए।
13. प्रदेश में कृषि रक्षा केन्द्रों पर कृषि रसायन उपलब्ध करायें जाएं। सभी जनपदों में यूरिया की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
14. जंगली जानवरों व अन्ना प्रथा से किसानों को राहत दी जाए। गौशालाओं का संचालन सुचारू किया जाए।
15. सर्वोच्च न्यायालय के अनुसार किसानों को परालीध्गन्ना पत्ती के निस्तारण हेतु 3000 रुपये एकड़ दिया जाए और कम्बाईन्ड से एसएमएस (स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम) लगाये जाने की बाध्यता को समाप्त किया जाए।
16. उत्तर प्रदेश में किसान के दौरान दर्ज फर्जी मुकदमों को वापिस लिया जाए।
आशा है कि समस्याओं का जल्द से जल्द निस्तारण किया जायेगा।
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