शनिवार, 27 जून 2020

अपनी राशि में लौट रहे ब्रहस्पति : इन राशियों का करेंगे कल्याण

देवगुरु बृहस्पति 30 जून की प्रातः 5 बजकर 23 मिनट पर वापस अपनी राशि धनु में प्रवेश कर रहे हैं। इसी के साथ शनि और गुरु की युति भी समाप्त हो जाएगी किंतु, केतु और गुरु की युति पुनः प्रारंभ हो जाएगी। पं अतुलेश मिश्रा के अनुसार गुरु ज्ञान, धर्म-अध्यात्म और नैतिक कार्यों का कारक है। राशियों में इसे धनु और मीन राशियों का स्वामित्व प्राप्त है। इस परिवर्तन के चलते राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा, हम आपको बताते हैं। 12 राशियों के लिए इनकी घर वापसी का प्रभाव कैसा रहेगा हैं।


 


मेष राशि– राशि से भाग्य भाव में बृहस्पति का आना आपकी परेशानियों में कमी लाएगा। शिक्षा प्रतियोगिता में अच्छी सफलता तथा संतान के दायित्व की पूर्ति के योग। धर्म-कर्म के मामलों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेंगे। विदेश यात्रा और विदेशी नागरिकता के लिए आवेदन करना बेहतर रहेगा। अपनी योजनाओं को गोपनीय रखते हुए आगे बढ़ें।


 


वृषभ राशि– राशि से अष्टमभाव में स्वगृही गुरु आपके लिए पद प्रतिष्ठा की वृद्धि तो कराएंगे किंतु अत्यधिक व्यय के कारण आप आर्थिक तंगी का शिकार हो सकते हैं। वाहन सावधानी पूर्वक चलाएं, दुर्घटना से बचें। बेहतर रहेगा कि कोर्ट कचहरी के मामले बाहर ही सुलझा लें। आकस्मिक धन प्राप्ति योग और किसी महंगी वस्तु का क्रय करेंगे।


 


मिथुन राशि– गुरु की अनुकूलता आपके दांपत्य जीवन में मधुरता आएगी। शादी विवाह संबंधित वार्ता भी सफल रहेगी। दैनिक व्यापारियों के लिए समय किसी वरदान से कम नहीं है किंतु साझा व्यापार करने से बचें। केंद्र अथवा राज्य सरकार के प्रतिष्ठानों में किसी भी तरह का कार्य संपन्न करवाना हो तो अवसर अच्छा है लाभ उठाएं।


 


कर्क राशि– गुरु के शत्रु भाव में जाने से आपके पढ़े-लिखे गोपनीय शत्रु बढ़ेंगे। कार्यक्षेत्र में आपके विरोधियों का बोलबाला रहेगा किंतु वह आपका नुकसान नहीं कर पाएंगे। इस अवधि के मध्य किसी को अधिक धन के लेन-देन से बचें और वाद विवाद के मामले बाहर ही सुलझा लें तो बेहतर रहेगा। ननिहाल पक्ष से रिश्ते मजबूत होंगे।


 


सिंह राशि– राशि से पंचम भाव में बृहस्पति का गोचर आपके लिए किसी वरदान से कम नहीं है विशेषकर के विद्यार्थियों के लिए यह समय अनुकूल है। नव दंपति के लिए संतान प्राप्ति एवं प्रादुर्भाव के योग। आय के साधन बढ़ेंगे, रुका हुआ धन भी वापस मिलेगा किंतु परिवार के बड़े सदस्यों अथवा बड़े भाइयों से मतभेद न पैदा होने दें।


 


कन्या राशि– राशि से चतुर्थ भाव में गुरु का स्वराशि गोचर माता पिता के स्वास्थ्य के प्रति कुछ विपरीत हो सकता है किंतु आपके लिए बेहतर रहेगा। मकान वाहन के क्रय का संयोग बनेगा। मित्रों और संबंधियों से भी सहयोग मिलेगा। अपनी ऊर्जा शक्ति का पूर्ण उपयोग करते हुए कार्य करेंगे तो सफलता की संभावना सर्वाधिक रहेगी।


 


तुला राशि– राशि से पराक्रम भाव में बृहस्पति का गोचर आपके साहस एवं पराक्रम की वृद्धि तो कराएगा किंतु, कई बार अति उत्साही होने के कारण आप नुकसान भी उठा सकते हैं इसके लिए सावधान रहें। धर्म-कर्म के मामलों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेंगे। संतान संबंधी चिंता से भी मुक्ति मिलेगी। विदेश यात्रा के लिए वीजा का आवेदन करना सफल।


 


वृश्चिक राशि– राशि से धन भाव में गुरु का आना आपका आर्थिक पक्ष मजबूत करेगा कहीं से भी रुका हुआ आपका धन आएगा जिसके चलते आप महंगी वस्तु का क्रय करेंगे। अपनी जिद एवं आवेश पर नियंत्रण रखते हुए कार्य करेंगे तो सफलता की संभावना सर्वाधिक रहेगी। शासन सत्ता का पूर्ण उपयोग करें और विवादों से भी दूर रहें।


 


धनु राशि– आपके राशि स्वामी गुरु का स्वयं ही अपनी राशि में प्रवेश करना आपके लिए सपने साकार होने जैसा है। इस अवधि के मध्य किसी भी तरह का बड़े से बड़ा कार्य आरंभ करना चाहें अथवा शिक्षा प्रतियोगिता से संबंधित कोई कार्य करना चाहे तो सर अच्छा है। संतान संबंधी चिंता दूर होगी। नव दंपति के लिए संतान प्राप्ति एवं प्रादुर्भाव के भी योग।


 


मकर राशि– राशि से द्वादश भाव में गुरु का स्वगृही होना धर्म-कर्म के प्रति आपकी रुचि बढ़ाएगा। यात्रा देशाटन का पूर्ण आनंद लेंगे। षड्यंत्र का शिकार होने से बचें गुप्त शत्रुओं से सावधान रहें। अपने साहस एवं शौर्य के बल पर विषम हालात को भी सामान्य कर लेंगे। माता पिता के स्वास्थ्य के प्रति सजग रहें। परिवार में व्यर्थ विवाद ना पैदा होने दें।


 


कुंभ राशि– राशि से लाभ भाव में गुरु का गोचर आपके आय के साधन बढ़ाएगा किंतु, कोई न कोई व्यक्ति आप को विश्वास में लेकर आर्थिक हानि पहुंचा सकता है। परिवार के बड़े सदस्यों अथवा भाइयों से मतभेद ना पैदा होने दें। नौकरी में पदोन्नति एवं नए अनुबंध पर हस्ताक्षर करने के योग बेहतर। विद्यार्थियों के लिए समय और भी उत्तम रहेगा।


 


मीन राशि– राशि से कर्म भाव में गुरु का गोचर आपके लिए पद और गरिमा की वृद्धि कराएगा। आपके द्वारा लिए गए निर्णय और किए गए कार्यों की सराहना भी होगी। कार्यक्षेत्र का विस्तार होगा। विलासिता संबंधी वस्तुओं पर तो व्यय होगा ही मकान आदि का क्रय भी करना चाह रहे हों तो अवसर अच्छा है अपनी योजनाओं को अंतिम रूप दें।


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