रविवार, 17 मई 2020

घरों में पढ़ें ईद की नमाज -दारुल उलूम

टीआर। ब्यूरो
 देवबंद। दारुल उलूम ने फतवा जारी कर कहा है कि  लॉकडाउन में भी ईद की नमाज की वहीं शर्तें रहेंगी। नमाज ईदगाह और मस्जिदों में न करके अपने घरों के हिस्सें में ही ईद की नमाज करने या जमात की शक्ल ना होने पर चाश्त की नमाज ए-नफ्ल अदा करने को कहा गया है। दारुल उलूम के फतवा विभाग ने संस्था के मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी के सवाल पर यह जवाब दिया। माह-ए-रमजान के रोजों के बाद दो रकआत नमाज-ए-ईद अदा कर रोजेदार अल्लाह का शुक्र अदा करते हैं। इस बार माह-ए-रमजान कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन में ही बीत रहा है। अब चंद दिनों में ईद आ रही है। ईद की नमाज को लेकर रोजेदारों की बेचैनी देखते हुए दारुल उलूम मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने संस्था के मुफ्ती-ए-कराम से नमाज-ए-ईद के लिए सवाल किया तो संस्था की मुफ्ती-ए-कराम की खंडपीठ ने सवाल के जवाब पर फतवा जारी करते हुए कहा कि ईद-उल-फितर की नमाज वाजिब  है। इसलिए इसे पढ़ना आवश्यक है।
मुफ्ती महमूदउल हसन बुलंदशहरी के नेतृत्व की खंडपीठ में शामिल मुफ्ती हबीबुर्रहमान खैराबादी, मुफ्ती वकार अली, मुफ्ती नोमान सीतापुरी, मुफ्ती जैनुल इस्लाम और मुफ्ती फखरुल इस्लाम की खंडपीठ ने जारी फतवे में कहा कि ईद की नमाज तक लॉकडाउन जारी रहने की सूरत में जिस तरह लॉकडाउन में नमाज-ए-जुमा शासन-प्रशासन के निर्देशानुसार मस्जिद या घरों में (पांच-पांच लोगों द्वारा)अदा की जा सकती है।
नमाज-ए-ईद की माफी भी होगी
फतवे में सलाह देते हुए कहा कि जो लोग किसी मजबूरी के तहत ईद की नमाज अदा नहीं कर पाएंगे, उनके लिए नमाज-ए-ईद माफ होगी। मुफ्ती-ए-कराम ने कहा कि अगर ईद-उल-फितर की नमाज अदा करने में जमात का प्रबंध नहीं हो पाता तो अपने ही घरों में रहकर दो या चार रकाअत नमाज-ए-नफल चाश्त की अदा करना बेहतर है।


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