मंगलवार, 19 मई 2020

22 मई को शनि जयंती पर दुर्लभ योग, राशियों के अनुसार करें मंत्र का जाप 


जयंती ज्येष्ठ कृष्ण अमावस्या को मनाई जाती है।  माना जाता है कि इसी दिन शनि देव का प्राकट्य हुआ था।  इस दिन शनि संबंधी उपाय करने से विशेष लाभ होता है।  इस दिन के उपाय संध्या काल में शुद्ध होकर करने चाहिए।  कुछ करें या न करें परन्तु किसी निर्धन को अन्न जल का दान जरूर करें।
शुक्रवार, 22 मई को शनि जयंती है। हिन्दी पंचांग के मुताबिक ज्येष्ठ मास की अमावस्या पर शनि जयंती मनाई जाती है। इस दिन जो शनिदेव के लिए व्रत रखा जाता है और विधि-विधान से पूजा की जाती है। तेल का दान किया जाता है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार जानिए शनि जयंती पर शनि से पहले गणेशजी पूजा जरूर करें। गणेशजी प्रथम पूज्य देव हैं। हर पूजन कर्म की शुरुआत इनके ध्यान के साथ ही करना चाहिए। शनि जयन्ती पर एक दुर्लभ योग निर्मित हो रहा है जिससे प्रवाहित होने वाली सकारात्मक उर्जा आपके जीवन की दशा व दिशा दोनों बदल सकती है। अद्भुत संजोग- शनिवार के दिन अमावस्या का पड़ना, मन का कारक चन्द्रमा वृष राशि में होना, कृष्ण के जन्म का नक्षत्र रोहिणी का पड़ना चॅूकि शनि कृष्ण भक्त थे। शनि का मित्र शुक्र अपनी मूल त्रिकोण राशि में स्थित है। इन सभी का एक साथ होना यानि ब्रहम्डा की अक्षय उर्जा का धरती पर प्रवाह का संकेत है। 
शनि की पूजन विधि
शनि जयंती पर सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद अपने इष्टदेव, गुरु और माता-पिता का आशीर्वाद लें। सूर्य और अन्य ग्रहों को नमस्कार करते हुए श्रीगणेश भगवान का पंचोपचार से पूजा करें। गणेश को स्नान कराएं, वस्त्र, चंदन, फूल अर्पित करें। धूप-दीप जलाएं। इसके बाद लोहे का एक कलश लें और उसे सरसों या तिल के तेल से भरकर उसमें शनिदेव की लोहे की मूर्ति स्थापित करें। उस कलश को काले कंबल से ढंक दें। इस कलश को शनिदेव का रूप मानकर आह्वान, स्थान, आचमन, स्नान, वस्त्र, चंदन, चावल, फूल, धूप-दीप, यज्ञोपवित, नैवेद्य, आचमन, पान, दक्षिणा, श्रीफल, अर्पित करके पूजन करें।
इस मंत्र का जाप करें – ऊँ शं नो देवीरभिष्ट्य आपो भवन्तु पीतये। शं योरभि स्त्रवन्तु न:॥
आप चाहें तो ऊँ शं शनैश्चराय नम: मंत्र का भी जाप कर सकते हैं। पूजा में नीले फूल, चावल-मूंग की खिचड़ी अर्पित करें। पूजा में हुई जानी-अनजानी भूल के लिए क्षमा मांगे। पूजा के बाद सभी को प्रसाद वितरित करें। अंत में समस्त पूजन सामग्री किसी ब्राह्मण को दान करें।


राशियों के अनुसार पूजन शनिदेव को प्रसन्न करें-
मेष- इस राशि वाले लोग शनि मन्दिर में हनुमानष्टक का पाठ करें एंव गरीबों को भोजन करायें। 
वृष- शनि जयन्ती के दिन घर में शनि वृक्ष लगाकर उसकी नियमित पूजा करें तथा मन्दिर में गरीबों को मीठी वस्तुयें वितरित करें। 
मिथुन- इस राशि वाले जातक तेल में शमी पत्ती मिलाकर शनिदेव को चढ़ायें। कर्क कर्क- शनि जयन्ती के दिन भगवान कृष्ण जी की स्तुति करें एंव शनि देव के दर्शन करें।
सिंह- इस राशि वाले लोग आज के दिन मन्दिर में तेल का दीपक जलायें एंव गुड़ व चने से बनी वस्तुयें मन्दिर में वितरित करें। 
कन्या- आज के दिन शनि मन्दिर में रूद्राभिषेक का पाठ करें। और मन्दिर की साफ-सफाई में अपना योगदान दें।
तुला- लोहे की कटोरी में तेल डालकर उसमें अपना चेहरा देखें तत्पश्चात उस तेल को शनि देव की मूर्ति पर चढ़ायें। 
वृश्चिक- आज के दिन अपनें वजन का दशांश सरसों तेल से शनिदेव का अभिषेक करें एंव लोहे के छल्ले वितरित करें। 
धनु- इस राशि वाले लोग शनि मन्दिर में शनि महामृत्युजंय स्त्रोत दशरथ कृत का पाठ करें एंव अपने नौकर या कर्मचारी का अपमान न करें। 
मकर- इस राशि वाले जातक शनि स्त्रोत का पाठ करें और उड़द के दाल की खिचड़ी मन्दिर में वितरित करें। 
कुम्भ- शनि जयन्ती के दिन सरसों के तेल में काला नमक डालकर शनिदेव का अभिषेक करें एंव मन्दिर के साफ-सफाई में सहयोग करें। 
मीन- इस राशि वाले लोग आज के दिन मन्दिर में शनि चालीसा का पाठ करें मछलियों को दाना खिलायें।


शुभकामनाएं 


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