मंगलवार, 14 अप्रैल 2020

सील होने पर समझ में आया लॉक डाउन


टीआर ब्यूरो।








मुजफ्फरनगर। कोरोना वायरस को पराजित करने की जंग में यूं तो सभी लोग अपना संयम और संकल्प के साथ योगदान कर रहे हैं, लेकिन लोगों को इसकी गम्भीरता अब तब समझ में आने लगी है, जबकि जनपद में सील किये गये इलाकों के बाशिंदों की परेशानी सोशल मीडिया या फोन के सहारे उन तक पहुंच रही है। जो लोग इसे मजाक समझ रहे थे, वह भी अब इसके परिणाम देखकर दहशत में हैं। लोगों को समझ में आने लगा है कि अब जबकि लाॅक डाउन 2.0 का ऐलान हो चुका है तो ऐसे में स्थिति कितनी गम्भीर हो सकती है। जनपद में शहर से लेकर गांव देहात तक सीलिंग इलाकों में पुलिस की सख्ती कायम है और पुलिस लोगों को घरों तक ही सीमित रखने में दिन रात जुटी है। किदवईनगर को तो पैरा मिलिट्री फोर्स के हवाले कर दिया गया है। पूरा क्षेत्र सील है। आवागमन बन्द है।
शहर के सबसे संवेदनशील इलाकों में से एक माने जाने वाले नगर कोतवाली के मौहल्ला खालापार क्षेत्र से सटे किदवईनगर में फातिमा मस्जिद में ठहरी दिल्ली के महरौली निवासी 13 लोगों की तबलीगी जमात में से एक जमाती के पाॅजिटिव पाये जाने के बाद इस क्षेत्र को सील कर दिया गया। यहां पर कोरोना के पाजिटिव मरीज मिलने के बाद आसपास के क्षेत्रों में भी सन्नाटा पसरा है। इस पूरे क्षेत्र को पुलिस ने सील कर दिया और अब चारों तरफ सुरक्षा का दायरा बढ़ा दिया है। कुछ लोग सीलिंग के बाद भी जब यहां पर अपने अपने घरों से बाहर निकले तो पुलिस ने सख्ती कर उन्हें खदेड़ दिया। उसके बाद लोगों में खौफ का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जहां अधिकांश लोग घरों से बाहर बैठे नजर आते थे, वहां अब दूर- दूर तक पुलिस के अलावा कोई भी नजर नहीं आ रहा है। ऐसा ही नजारा पुरकाजी और शेरनगर का भी है। यहां पर भी मस्जिद में रुके छह जमातियों के कोरोना पाजिटिव पाए जाने के बाद पुलिस ने इस इलाके पर मंडरा रहे कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सील कर दिया था। कस्बा सिसौली में भी महिला अंजू के नोएडा में पाॅजिटिव होने की पुष्टि के बाद यहां पर कुछ क्षेत्र को सील कर दिया गया। भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष  टिकैत सहित 100 से ज्यादा लोग सिसौली में ही अपने घरों में क्वारंटीन कर दिये गये हैं। अब इस इलाके के लोगों में कोरोना का खौफ साफ नजर आ रहा है। सोमवार दोपहर को भी यहां सड़कें सुनसान नजर आईं। चैराहों से लेकर मुख्य मार्ग पर दूर-दूर तक कोई भी नजर नहीं आ रहा था। लोगों में पुलिस कार्रवाई खौफ और संक्रमण का भय इस कदर है कि घरों से बाहर आना तो दूर कोई घर की छत पर भी नहीं आया। मंगलवार को भी मुख्य स्थानों पर पुलिस तैनात रही। इस सीलिंग क्षेत्र से ही लगे दूसरे इलाकों में भी पहले सुबह तक लोग लाकडाउन के बावजूद घरों के बाहर टहलते नजर आ रहे थे। बच्चे भी सड़क पर खेलते रहते थे, लेकिन अब यहां दूसरे जिलों के हाॅटस्पाॅट जैसा ही हाल नजर आ रहा है। रविवार दिनभर यहां की सड़कें भी सुनसान पड़ीं रहीं। लोग न तो खुद घरों से बाहर निकलें और न ही अपने बच्चों को बाहर आने दिया। इसी तरह खालापार के मुख्य रोड पर भी आवाजाही न के बराबर ही रही। शहर कोतवाली क्षेत्र के किदवईनगर को सील के बाद अब पैरा मिलिट्री फोर्स के सुपुर्द कर दिया गया है। मुख्य रूप से 40 फुटा रोड पर पैरा मिलिट्री फोर्स के जवान तैनात हैं। आवागन बंद है। यहां पर आवश्यक वस्तुओं की होम डिलीवरी की जा रही है। दवाईयां भी घर पर ही मंगाने की व्यवस्था है। जिस फातिमा मस्जिद में दिल्ली की जमात रूकी थी, उस पर भी आरआरएफ के जवानों का पहरा है। गलियां सूनी पड़ी हैं। किदवईनगर से कृष्णापुरी की ओर के कुछ रास्तों को लोगों ने लकड़ी की बल्लियां लगाकर बन्द कर दिया है। इक्का दुक्का जो लोग घरों से निकल रहे हैं, उनको पुलिस कर्मी और फोर्स के जवान सख्ती के साथ घरों में वापस भेज रहे हैं।










 





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