मुरादाबाद। मुरादाबाद के जिस नवाबपुरा में पुलिस और डॉक्टरों की टीम पर पत्थर फेंके उसी गली में तीन सगे भाइयों की एक के बाद एक मौत हो गई है। इनमें से दो कोरोना वायरस से संक्रमित थे, जबकि तीसरे की कोविड-19 की जांच ही नहीं हुई।
सूत्रोे ने बताया कि इस परिवार में सबसे बड़े सांस के रोगी मुखिया की पंद्रह दिन पूर्व मौत हो गई थी। कुछ ही दिन बाद अचानक उनके भाई की तबियत बिगड़ गई। हालत इतनी गंभीर थी कि उन्हें फौरन टीएमयू अस्पताल रेफर कर दिया गया। वेंटिलेटर स्पोर्ट से उन्हें स्वस्थ करने की कोशिश की जा रही थी। कोरोना की जांच कराई गई। दो दिन बाद आई जांच रिपोर्ट में कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि के बाद उसकी मौत भी हो गई। अब परिवार को क्वारंटाइन कर दिया गया। इनमें बच्चे भी शामिल थे। कुछ दिन बाद ही तीसरे की भी तबियत बिगड़ने लगी थी। उन्हें भी टीएमयू में भर्ती कराया और 17 अप्रैल की रिपोर्ट में वह भी संक्रमित पाए गए और कोरोना ने इस युवक की भी जान लेली। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग को यकीन हो गया कि कोरोना संक्रमण इस परिवार को चपेट में ले चुका है। उसके बाद एक एक कर परिवार की महिलाएं और बच्चे भी कोरोना पॉजिटिव मिलने लगे। चारों भाइयों का 12 लोगों का पूरा परिवार संक्रमित हो चुका था।
पुलिस विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक इसी परिवार की वजह से ही डॉक्टरों और पुलिसकर्मियों पर पत्थर फेंके गए थे। बड़े भाई की मौत हो गई थी, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम मोहल्ले में हेल्थ स्क्रीनिंग और इस परिवार के अन्य लोगों को क्वारंटाइन कराने के लिए लेने गई थी। तभी पथराव किया गया था।
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