शुक्रवार, 27 मार्च 2020

कोरोना का उपचार कर रहे चिकित्सकों के पास उपुक्त मास्क तक नहीं

मुज़फ्फरनगर  । कोरोना के कारण एक और जहां चिकित्सक देवदूत बनकर सामने आ रहे हैं वहीं चिकित्सा विभाग लगातार लापरवाही से कार्य कर रहा है। अनेक प्राइवेट चिकित्सालयों में चिकित्सकों के लिए पर्याप्त उपकरण तक उपलब्ध नहीं हैं ।इसके चलते उन्हें बेहद जोखिम भरे हालात में अपना कार्य करना पड़ रहा है। यहां तक कि चिकित्सकों और उनके साथ कार्य कर रहे स्टॉफ के पास उपयुक्त मास्क तक नहीं है। जबकि कोरोनावायरस से उनके संक्रमित होने का खतरा काफी अधिक है। जिले के कई निजी चिकित्सालयों में कोरोना वायरस से पीड़ित संदिग्ध लोग पहुंच रहे हैं। इनका उपचार वहां जुटे चिकित्सक व अन्य स्टाफ द्वारा किया जा रहा है। एक और जहां दुनिया भर में कोरोना को लेकर हाय तौबा मची हुई है और देश में भी लॉक डाउन के साथ साथ सरकार पीड़ितों को हरसंभव चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने की बात कह रही है वही स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही भी सामने आ रही है। देहरादून में कई चिकित्सालय में अनेक मामले चिकित्सा के लिए पहुंचे हैं। दुर्भाग्य है कि तमाम चिकित्सालय में कामचलाऊ व्यवस्था के तहत कोरोना पीड़ितों का भी उपचार किया जा रहा है। एक सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर  के पिता भारत भूषण ने बताया कि चिकित्सक और उनके साथ जुटे स्टाफ के पास बहुत ही घटिया क्वालिटी के मास्क हैं जबकि कोरोना पीड़ितों का उपचार करने के लिए इन चिकित्सकों को और उनके साथ कार्य करने स्टाफ को कम से कम 3 लेयर मास्क और  ऐसे बचाव के उपकरण उपलब्ध कराए जाने चाहिए ताकि उनके कोरोना से संक्रमित होने का खतरा ना हो। जिन परिस्थितियों में यह चिकित्सक और स्टाफ कार्य कर रहे हैं उनसे लगातार चिकित्सकों के भी कोरमा की चपेट में आने का खतरा बना हुआ है बना हुआ है। उन्होंने सरकार से इस ओर ध्यान देने की अपील की है ।


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