शनिवार, 29 अगस्त 2020

ये टोटके दूर करेंगे परिवार की कलह शांत करेंगे गुस्सा, आजमा कर देखिए


क्या आपका परिवार भी रोज के झगड़े और परिवार के किसी शख्स के गुस्से के कारण अशांत है। जानिए परिवार में कलह दूर करने और गुस्सा शांत करने के कुछ टोटके। 


 


गुस्सा आता है तो थोड़ी सी गेहूं को एक नारियल और सात गोमती चक्र के साथ पीले रंग के कपड़े में बांधकर, जिस व्यक्ति को गुस्सा आ रहा उस व्यक्ति के ऊपर से 7 बार घुमाकर जल में प्रवाहित कर दें और इस बात का अत्याधिक ध्यान रखे की यह कार्य तभी करें जब वह व्यक्ति सो रहा हो। ऐसा करने से उस व्यक्ति का गुस्सा जल्द से जल्द शांत हो जाएगा।


 


यदि आपके पति को अत्यधिक गुस्सा आता हो तो आप हर सुबह सूर्यदेव को जल चढ़ाएं तथा सूर्य देव से प्रार्थना करें कि ” हे सूर्यदेव पति-पत्नी के संबंध को सुधारें तथा मेरे पति के गुस्से को शांत रखे”। ऐसा करने से आप देखेंगे कि कुछ ही दिनों में आपके पति के स्वभाव में काफ़ी परिवर्तन हुआ है।


 


शनिवार की रात्रि को एक सता लवंग ले और उस लवंग में पति का नाम लेकर फूंक मार दें तथा दूसरे दिन रविवार को उसे आग में जला दें , ऐसा करने से आपके पति का व्यवहार तरफ बदलने लगेगा ।


 


यदि आपके घर में किसी भी व्यक्ति को अत्यधिक गुस्सा आता हो तो आप अपने घर में गुगुल या चंदन का धूप जलाना शुरू कर दें आप देखेंगे कि कुछ ही दिनों में आपके घर होने वाली साड़ी लड़ाई झगड़े बंद हो जाएंगे तथा घर में सुख शांति बनी रहेगी। एक बात का ध्यान रखें कि यह प्रक्रिया रविवार से शुरू करें।


 


यदि पति पत्नी के बीच बहुत ज्यादा झगड़े होते हैं और हमेशा तनाव बना रहता है तो मंगल या शनिवार को घर में चमेली का तेल में दीए जलाकर सुंदरकांड पढ़े। ऐसा करने से पति पत्नी के संबंध में सुधार आता है।


 


यदि संभव हो सके तो पति-पत्नी एक ही थाली में भोजन करें तथा एक ही गिलास से पानी का सेवन करें ऐसा करने से आप आपके गृहस्थ जीवन में खुशहाली बनी रहेगी।


 


पीले रंग के कपड़े में सता हल्दी के गाठ, 3 पीतल के सिक्के, थोड़ा सा केसर, थोड़ा सा चना दाल या चना और गुड़ लेकर सभी को उस पीले रंग के कपड़े में बांध दे और फिर उसे उस दिशा में फेंक दें जिस दिशा में आपकी पुत्री का ससुराल है ऐसा करने से माना जाता है कि आप की पुत्री के ससुराल में हमेशा सुख शांति बनी रहती है और किसी प्रकार का कोई मनमुटाव नहीं होता है।


रशीद मसूद भी कोरोना संक्रमित मिले


सहारनपुर l कोरोना वायरस लगातार जनपद में बढ़ता जा रहा है l जनपद में आज पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सांसद काजी रशीद मसूद सहित 138 लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई l सहारनपुर की राजनीति के माहिर खिलाड़ी काजी रसीद मसूद में कोरोना के लक्षण मिलने के बाद उनको दिल्ली हॉस्पिटल में भर्ती किया जायेगाl पूर्व मंत्री काजी रसीद मसूद का पिछले कुछ दिनों से हार्ट ओर किडनी की बीमारी का इलाज चल रहा है l उनको हल्का बुखार आने पर टेस्ट कराया गया जो आज पॉजिटिव आया हैl


नेशनल शूटर बेटी ने की माँ और भाई की हत्या

लखनऊ । नेशनल शूटर बेटी ने गौतमपल्ली में मुख्यमंत्री आवास के पास रेलवे अधिकारी आरडी बाजपेयी की अपनी मां व भाई की गोली मारकर हत्या कर दी। गौतमपल्ली में वीवीआईपी गेस्ट हाउस के सामने उनकी पत्नी मालिनी (45), बेटा सर्वदत्त बाजपेयी (19) व बेटी रहते थे। पता चला कि डिप्रेशन की शिकार बेटी ने ही कमरे में सो रही मां व भाई को मौत के घाट उतार दिया। लड़की ने मां व भाई की हत्या करने की बात कबूल ली।


ऐसे करेंगे श्राद्ध तो मिलेगी पित्र दोष से मुक्ति

*#पितृ_श्राद्ध_आरम्भ*


पूर्णिमा श्राद्ध - 2/9/20, बुधवार


1 प्रतिपदा श्राद्ध - 3/9/20 गुरुवार


2 द्वितीया श्राद्ध - 4/9/20 शुक्रवार


3 तृतीया श्राद्ध- 5/9/20 शनिवार


4 चतुर्थी श्राद्ध-6/9/20 रविवार


5 पंचमी श्राद्ध- 7/9/20 सोमवार


6 षष्ठी श्राद्ध-8/9/20 मंगलवार


7 सप्तमी श्राद्ध- 9/9/20 बुधवार


8 अष्टमी श्राद्ध- 10/9/20 गुरुवार


9 नवमी श्राद्ध- 11/9/20 शुक्रवार


10 दशमी श्राद्ध- 12/9/20 शनिवार


11 एकादशी श्राद्ध- 13/9/20 रविवार


12 द्वादशी श्राद्ध- 14/9/20 सोमवार


13 त्रयोदशी श्राद्ध- 15/9/20 मंगलवार


14 चतुर्दशी श्राद्ध- 16/9/20 बुधवार


15 सर्वपितृ अमावस श्राद्ध 17/9/20 गुरुवार


 


*#घर_के_प्रेत_या_पितर_रुष्ट_होने_के_लक्षण_और_उपाय*


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बहुत जिज्ञासा होती है आखिर ये पितृदोष है क्या? पितृ -दोष शांति के सरल उपाय पितृ या पितृ गण कौन हैं ?आपकी जिज्ञासा को शांत करती विस्तृत प्रस्तुति।


 


पितृ गण हमारे पूर्वज हैं जिनका ऋण हमारे ऊपर है ,क्योंकि उन्होंने कोई ना कोई उपकार हमारे जीवन के लिए किया है मनुष्य लोक से ऊपर पितृ लोक है,पितृ लोक के ऊपर सूर्य लोक है एवं इस से भी ऊपर स्वर्ग लोक है।


 


 आत्मा जब अपने शरीर को त्याग कर सबसे पहले ऊपर उठती है तो वह पितृ लोक में जाती है ,वहाँ हमारे पूर्वज मिलते हैं अगर उस आत्मा के अच्छे पुण्य हैं तो ये हमारे पूर्वज भी उसको प्रणाम कर अपने को धन्य मानते हैं की इस अमुक आत्मा ने हमारे कुल में जन्म लेकर हमें धन्य किया इसके आगे आत्मा अपने पुण्य के आधार पर सूर्य लोक की तरफ बढती है।


 


वहाँ से आगे ,यदि और अधिक पुण्य हैं, तो आत्मा सूर्य लोक को भेज कर स्वर्ग लोक की तरफ चली जाती है,लेकिन करोड़ों में एक आध आत्मा ही ऐसी होती है ,जो परमात्मा में समाहित होती है जिसे दोबारा जन्म नहीं लेना पड़ता मनुष्य लोक एवं पितृ लोक में बहुत सारी आत्माएं पुनः अपनी इच्छा वश ,मोह वश अपने कुल में जन्म लेती हैं।


 


*#पितृ_दोष_क्या_होता_है* ??


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 हमारे ये ही पूर्वज सूक्ष्म व्यापक शरीर से अपने परिवार को जब देखते हैं ,और महसूस करते हैं कि हमारे परिवार के लोग ना तो हमारे प्रति श्रद्धा रखते हैं और न ही इन्हें कोई प्यार या स्नेह है और ना ही किसी भी अवसर पर ये हमको याद करते हैं,ना ही अपने ऋण चुकाने का प्रयास ही करते हैं तो ये आत्माएं दुखी होकर अपने वंशजों को श्राप दे देती हैं,जिसे "पितृ- दोष" कहा जाता है।


 


पितृ दोष एक अदृश्य बाधा है .ये बाधा पितरों द्वारा रुष्ट होने के कारण होती है पितरों के रुष्ट होने के बहुत से कारण हो सकते हैं ,आपके आचरण से,किसी परिजन द्वारा की गयी गलती से ,श्राद्ध आदि कर्म ना करने से ,अंत्येष्टि कर्म आदि में हुई किसी त्रुटि के कारण भी हो सकता है।


 


इसके अलावा मानसिक अवसाद,व्यापार में नुक्सान ,परिश्रम के अनुसार फल न मिलना , विवाह या वैवाहिक जीवन में समस्याएं,कैरिअर में समस्याएं या संक्षिप्त में कहें तो जीवन के हर क्षेत्र में व्यक्ति और उसके परिवार को बाधाओं का सामना करना पड़ता है पितृ दोष होने पर अनुकूल ग्रहों की स्थिति ,गोचर ,दशाएं होने पर भी शुभ फल नहीं मिल पाते,कितना भी पूजा पाठ ,देवी ,देवताओं की अर्चना की जाए ,उसका शुभ फल नहीं मिल पाता।


 


पितृ दोष दो प्रकार से प्रभावित करता है


 


1.अधोगति वाले पितरों के कारण


2.उर्ध्वगति वाले पितरों के कारण


 


अधोगति वाले पितरों के दोषों का मुख्य कारण परिजनों द्वारा किया गया गलत आचरण,की अतृप्त इच्छाएं ,जायदाद के प्रति मोह और उसका गलत लोगों द्वारा उपभोग होने पर,विवाहादिमें परिजनों द्वारा गलत निर्णय .परिवार के किसी प्रियजन को अकारण कष्ट देने पर पितर क्रुद्ध हो जाते हैं ,परिवार जनों को श्राप दे देते हैं और अपनी शक्ति से नकारात्मक फल प्रदान करते हैं।


 


उर्ध्व गति वाले पितर सामान्यतः पितृदोष उत्पन्न नहीं करते ,परन्तु उनका किसी भी रूप में अपमान होने पर अथवा परिवार के पारंपरिक रीति-रिवाजों का निर्वहन नहीं करने पर वह पितृदोष उत्पन्न करते हैं।


 


इनके द्वारा उत्पन्न पितृदोष से व्यक्ति की भौतिक एवं आध्यात्मिक उन्नति बिलकुल बाधित हो जाती है ,फिर चाहे कितने भी प्रयास क्यों ना किये जाएँ ,कितने भी पूजा पाठ क्यों ना किये जाएँ,उनका कोई भी कार्य ये पितृदोष सफल नहीं होने देता। पितृ दोष निवारण के लिए सबसे पहले ये जानना ज़रूरी होता है कि किस गृह के कारण और किस प्रकार का पितृ दोष उत्पन्न हो रहा है ?


 


जन्म पत्रिका और पितृ दोष जन्म पत्रिका में लग्न ,पंचम ,अष्टम और द्वादश भाव से पितृदोष का विचार किया जाता है। पितृ दोष में ग्रहों में मुख्य रूप से सूर्य, चन्द्रमा, गुरु, शनि और राहू -केतु की स्थितियों से पितृ दोष का विचार किया जाता है।


 


इनमें से भी गुरु ,शनि और राहु की भूमिका प्रत्येक पितृ दोष में महत्वपूर्ण होती है इनमें सूर्य से पिता या पितामह , चन्द्रमा से माता या मातामह ,मंगल से भ्राता या भगिनी और शुक्र से पत्नी का विचार किया जाता है।


 


अधिकाँश लोगों की जन्म पत्रिका में मुख्य रूप से क्योंकि गुरु ,शनि और राहु से पीड़ित होने पर ही पितृ दोष उत्पन्न होता है ,इसलिए विभिन्न उपायों को करने के साथ साथ व्यक्ति यदि पंचमुखी ,सातमुखी और आठ मुखी रुद्राक्ष भी धारण कर ले , तो पितृ दोष का निवारण शीघ्र हो जाता है।


 


पितृ दोष निवारण के लिए इन रुद्राक्षों को धारण करने के अतिरिक्त इन ग्रहों के अन्य उपाय जैसे मंत्र जप और स्तोत्रों का पाठ करना भी श्रेष्ठ होता है।


 


*#विभिन्न_ऋण_और_पितृ_दोष*


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हमारे ऊपर मुख्य रूप से 5 ऋण होते हैं जिनका कर्म न करने(ऋण न चुकाने पर ) हमें निश्चित रूप से श्राप मिलता है ,ये ऋण हैं : मातृ ऋण ,पितृ ऋण ,मनुष्य ऋण ,देव ऋण और ऋषि ऋण।


 


मातृ ऋण👉 माता एवं माता पक्ष के सभी लोग जिनमेंमा,मामी ,नाना ,नानी ,मौसा ,मौसी और इनके तीन पीढ़ी के पूर्वज होते हैं ,क्योंकि माँ का स्थान परमात्मा से भी ऊंचा माना गया है अतः यदि माता के प्रति कोई गलत शब्द बोलता है ,अथवा माता के पक्ष को कोई कष्ट देता रहता है,तो इसके फलस्वरूप उसको नाना प्रकार के कष्ट भोगने पड़ते हैं। इतना ही नहीं ,इसके बाद भी कलह और कष्टों का दौर भी परिवार में पीढ़ी दर पीढ़ी चलता ही रहता है।


 


पितृ ऋण👉 पिता पक्ष के लोगों जैसे बाबा ,ताऊ ,चाचा, दादा-दादी और इसके पूर्व की तीन पीढ़ी का श्राप हमारे जीवन को प्रभावित करता है पिता हमें आकाश की तरह छत्रछाया देता है,हमारा जिंदगी भर पालन -पोषण करता है ,और अंतिम समय तक हमारे सारे दुखों को खुद झेलता रहता है।


 


पर आज के के इस भौतिक युग में पिता का सम्मान क्या नयी पीढ़ी कर रही है ?पितृ -भक्ति करना मनुष्य का धर्म है ,इस धर्म का पालन न करने पर उनका श्राप नयी पीढ़ी को झेलना ही पड़ता है ,इसमें घर में आर्थिक अभाव,दरिद्रता ,संतानहीनता ,संतान को विभिन्न प्रकार के कष्ट आना या संतान अपंग रह जाने से जीवन भर कष्ट की प्राप्ति आदि।


 


*#देव_ऋण* 👉 माता-पिता प्रथम देवता हैं,जिसके कारण भगवान गणेश महान बने |इसके बाद हमारे इष्ट भगवान शंकर जी ,दुर्गा माँ ,भगवान विष्णु आदि आते हैं ,जिनको हमारा कुल मानता आ रहा है ,हमारे पूर्वज भी भी अपने अपने कुल देवताओं को मानते थे , लेकिन नयी पीढ़ी ने बिलकुल छोड़ दिया है इसी कारण भगवान /कुलदेवी /कुलदेवता उन्हें नाना प्रकार के कष्ट /श्राप देकर उन्हें अपनी उपस्थिति का आभास कराते हैं।


 


*#ऋषि_ऋण* 👉 जिस ऋषि के गोत्र में पैदा हुए ,वंश वृद्धि की ,उन ऋषियों का नाम अपने नाम के साथ जोड़ने में नयी पीढ़ी कतराती है ,उनके ऋषि तर्पण आदि नहीं करती है इस कारण उनके घरों में कोई मांगलिक कार्य नहीं होते हैं,इसलिए उनका श्राप पीडी दर पीढ़ी प्राप्त होता रहता है।


 


*#मनुष्य_ऋण* 👉 माता -पिता के अतिरिक्त जिन अन्य मनुष्यों ने हमें प्यार दिया ,दुलार दिया ,हमारा ख्याल रखा ,समय समय पर मदद की गाय आदि पशुओं का दूध पिया जिन अनेक मनुष्यों ,पशुओं ,पक्षियों ने हमारी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मदद की ,उनका ऋण भी हमारे ऊपर हो गया।


 


लेकिन लोग आजकल गरीब ,बेबस ,लाचार लोगों की धन संपत्ति हरण करके अपने को ज्यादा गौरवान्वित महसूस करते हैं। इसी कारण देखने में आया है कि ऐसे लोगों का पूरा परिवार जीवन भर नहीं बस पाता है,वंश हीनता ,संतानों का गलत संगति में पड़ जाना,परिवार के सदस्यों का आपस में सामंजस्य न बन पाना ,परिवार कि सदस्यों का किसी असाध्य रोग से ग्रस्त रहना इत्यादि दोष उस परिवार में उत्पन्न हो जाते हैं।


 


ऐसे परिवार को पितृ दोष युक्त या शापित परिवार कहा जाता है रामायण में श्रवण कुमार के माता -पिता के श्राप के कारण दशरथ के परिवार को हमेशा कष्ट झेलना पड़ा,ये जग -ज़ाहिर है इसलिए परिवार कि सर्वोन्नती के पितृ दोषों का निवारण करना बहुत आवश्यक है।


 


*#पितृों_के_रूष्ट_होने_के_लक्षण*


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पितरों के रुष्ट होने के कुछ असामान्‍य लक्षण जो मैंने अपने निजी अनुभव के आधार एकत्रित किए है वे क्रमशः इस प्रकार हो सकते है।


 


*#खाने_में_से_बाल_निकलना*


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अक्सर खाना खाते समय यदि आपके भोजन में से बाल निकलता है तो इसे नजरअंदाज न करें


 


बहुत बार परिवार के किसी एक ही सदस्य के साथ होता है कि उसके खाने में से बाल निकलता है, यह बाल कहां से आया इसका कुछ पता नहीं चलता। यहां तक कि वह व्यक्ति यदि रेस्टोरेंट आदि में भी जाए तो वहां पर भी उसके ही खाने में से बाल निकलता है और परिवार के लोग उसे ही दोषी मानते हुए उसका मजाक तक उडाते है।


 


*#बदबू_या_दुर्गंध*


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कुछ लोगों की समस्या रहती है कि उनके घर से दुर्गंध आती है, यह भी नहीं पता चलता कि दुर्गंध कहां से आ रही है। कई बार इस दुर्गंध के इतने अभ्‍यस्‍त हो जाते है कि उन्हें यह दुर्गंध महसूस भी नहीं होती लेकिन बाहर के लोग उन्हें बताते हैं कि ऐसा हो रहा है अब जबकि परेशानी का स्रोत पता ना चले तो उसका इलाज कैसे संभव है


 


*#पूर्वजों_का_स्वप्न_में_बार_बार_आना*


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मेरे एक मित्र ने बताया कि उनका अपने पिता के साथ झगड़ा हो गया है और वह झगड़ा काफी सालों तक चला पिता ने मरते समय अपने पुत्र से मिलने की इच्छा जाहिर की परंतु पुत्र मिलने नहीं आया, पिता का स्वर्गवास हो गया हुआ। कुछ समय पश्चात मेरे मित्र मेरे पास आते हैं और कहते हैं कि उन्होंने अपने पिता को बिना कपड़ों के देखा है ऐसा स्‍वप्‍न पहले भी कई बार आ चुका है।


 


*#शुभ_कार्य_में_अड़चन*


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कभी-कभी ऐसा होता है कि आप कोई त्यौहार मना रहे हैं या कोई उत्सव आपके घर पर हो रहा है ठीक उसी समय पर कुछ ना कुछ ऐसा घटित हो जाता है कि जिससे रंग में भंग डल जाता है। ऐसी घटना घटित होती है कि खुशी का माहौल बदल जाता है। मेरे कहने का तात्‍पर्य है कि शुभ अवसर पर कुछ अशुभ घटित होना पितरों की असंतुष्टि का संकेत है।


 


*#घर_के_किसी_एक_सदस्य_का_कुंवारा_रह_जाना*


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बहुत बार आपने अपने आसपास या फिर रिश्‍तेदारी में देखा होगा या अनुभव किया होगा कि बहुत अच्‍छा युवक है, कहीं कोई कमी नहीं है लेकिन फिर भी शादी नहीं हो रही है। एक लंबी उम्र निकल जाने के पश्चात भी शादी नहीं हो पाना कोई अच्‍छा संकेत नहीं है। यदि घर में पहले ही किसी कुंवारे व्यक्ति की मृत्यु हो चुकी है तो उपरोक्त स्थिति बनने के आसार बढ़ जाते हैं। इस समस्‍या के कारण का भी पता नहीं चलता।


 


*#मकान_या_प्रॉपर्टी_की_खरीद_फरोख्त_में_दिक्कत_आना*


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आपने देखा होगा कि कि एक बहुत अच्छी प्रॉपर्टी, मकान, दुकान या जमीन का एक हिस्सा किन्ही कारणों से बिक नहीं पा रहा यदि कोई खरीदार मिलता भी है तो बात नहीं बनती। यदि कोई खरीदार मिल भी जाता है और सब कुछ हो जाता है तो अंतिम समय पर सौदा कैंसिल हो जाता है। इस तरह की स्थिति यदि लंबे समय से चली आ रही है तो यह मान लेना चाहिए कि इसके पीछे अवश्य ही कोई ऐसी कोई अतृप्‍त आत्‍मा है जिसका उस भूमि या जमीन के टुकड़े से कोई संबंध रहा हो।


 


*#संतान_ना_होना*


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मेडिकल रिपोर्ट में सब कुछ सामान्य होने के बावजूद संतान सुख से वंचित है हालांकि आपके पूर्वजों का इस से संबंध होना लाजमी नहीं है परंतु ऐसा होना बहुत हद तक संभव है जो भूमि किसी निसंतान व्यक्ति से खरीदी गई हो वह भूमि अपने नए मालिक को संतानहीन बना देती है


 


उपरोक्त सभी प्रकार की घटनाएं या समस्याएं आप में से बहुत से लोगों ने अनुभव की होंगी इसके निवारण के लिए लोग समय और पैसा नष्ट कर देते हैं परंतु समस्या का समाधान नहीं हो पाता। क्या पता हमारे इस लेख से ऐसे ही किसी पीड़ित व्यक्ति को कुछ प्रेरणा मिले इसलिए निवारण भी स्पष्ट कर रहा हूं।


 


*#पितृ_दोष_कि_शांति_के_उपाय *


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1👉 सामान्य उपायों में षोडश पिंड दान ,सर्प पूजा ,ब्राह्मण को गौ -दान ,कन्या -दान,कुआं ,बावड़ी ,तालाब आदि बनवाना ,मंदिर प्रांगण में पीपल ,बड़(बरगद) आदि देव वृक्ष लगवाना एवं विष्णु मन्त्रों का जाप आदि करना ,प्रेत श्राप को दूर करने के लिए श्रीमद्द्भागवत का पाठ करना चाहिए।


 


2👉 वेदों और पुराणों में पितरों की संतुष्टि के लिए मंत्र ,स्तोत्र एवं सूक्तों का वर्णन है जिसके नित्य पठन से किसी भी प्रकार की पितृ बाधा क्यों ना हो ,शांत हो जाती है अगर नित्य पठन संभव ना हो , तो कम से कम प्रत्येक माह की अमावस्या और आश्विन कृष्ण पक्ष अमावस्या अर्थात पितृपक्ष में अवश्य करना चाहिए।


वैसे तो कुंडली में किस प्रकार का पितृ दोष है उस पितृ दोष के प्रकार के हिसाब से पितृदोष शांति करवाना अच्छा होता है।


 


3👉 भगवान भोलेनाथ की तस्वीर या प्रतिमा के समक्ष बैठ कर या घर में ही भगवान भोलेनाथ का ध्यान कर निम्न मंत्र की एक माला नित्य जाप करने से समस्त प्रकार के पितृ- दोष संकट बाधा आदि शांत होकर शुभत्व की प्राप्ति होती है |मंत्र जाप प्रातः या सायंकाल कभी भी कर सकते हैं :


 


मंत्र : "ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय च धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात।


 


4👉 अमावस्या को पितरों के निमित्त पवित्रता पूर्वक बनाया गया भोजन तथा चावल बूरा ,घी एवं एक रोटी गाय को खिलाने से पितृ दोष शांत होता है।


 


5👉 अपने माता -पिता ,बुजुर्गों का सम्मान,सभी स्त्री कुल का आदर /सम्मान करने और उनकी आवश्यकताओं की पूर्ति करते रहने से पितर हमेशा प्रसन्न रहते हैं।


 


6👉 पितृ दोष जनित संतान कष्ट को दूर करने के लिए "हरिवंश पुराण " का श्रवण करें या स्वयं नियमित रूप से पाठ करें।


 


7👉 प्रतिदिन दुर्गा सप्तशती या सुन्दर काण्ड का पाठ करने से भी इस दोष में कमी आती है।


 


8👉 सूर्य पिता है अतः ताम्बे के लोटे में जल भर कर ,उसमें लाल फूल ,लाल चन्दन का चूरा ,रोली आदि डाल कर सूर्य देव को अर्घ्य देकर ११ बार "ॐ घृणि सूर्याय नमः " मंत्र का जाप करने से पितरों की प्रसन्नता एवं उनकी ऊर्ध्व गति होती है।


 


9👉 अमावस्या वाले दिन अवश्य अपने पूर्वजों के नाम दुग्ध ,चीनी ,सफ़ेद कपडा ,दक्षिणा आदि किसी मंदिर में अथवा किसी योग्य ब्राह्मण को दान करना चाहिए।


 


10👉 पितृ पक्ष में पीपल की परिक्रमा अवश्य करें अगर १०८ परिक्रमा लगाई जाएँ ,तो पितृ दोष अवश्य दूर होगा।


 


*#विशिष्ट_उपाय* :


 


1👉 किसी मंदिर के परिसर में पीपल अथवा बड़ का वृक्ष लगाएं और रोज़ उसमें जल डालें ,उसकी देख -भाल करें ,जैसे-जैसे वृक्ष फलता -फूलता जाएगा,पितृ -दोष दूर होता जाएगा,क्योकि इन वृक्षों पर ही सारे देवी -देवता ,इतर -योनियाँ ,पितर आदि निवास करते हैं।


 


2👉 यदि आपने किसी का हक छीना है,या किसी मजबूर व्यक्ति की धन संपत्ति का हरण किया है,तो उसका हक या संपत्ति उसको अवश्य लौटा दें।


 


3👉 पितृ दोष से पीड़ित व्यक्ति को किसी भी एक अमावस्या से लेकर दूसरी अमावस्या तक अर्थात एक माह तक किसी पीपल के वृक्ष के नीचे सूर्योदय काल में एक शुद्ध घी का दीपक लगाना चाहिए,ये क्रम टूटना नहीं चाहिए।


 


एक माह बीतने पर जो अमावस्या आये उस दिन एक प्रयोग और करें 


 


इसके लिए किसी देसी गाय या दूध देने वाली गाय का थोडा सा गौ -मूत्र प्राप्त करें उसे थोड़े जल में मिलाकर इस जल को पीपल वृक्ष की जड़ों में डाल दें इसके बाद पीपल वृक्ष के नीचे ५ अगरबत्ती ,एक नारियल और शुद्ध घी का दीपक लगाकर अपने पूर्वजों से श्रद्धा पूर्वक अपने कल्याण की कामना करें,और घर आकर उसी दिन दोपहर में कुछ गरीबों को भोजन करा दें ऐसा करने पर पितृ दोष शांत हो जायेगा।


 


4👉 घर में कुआं हो या पीने का पानी रखने की जगह हो ,उस जगह की शुद्धता का विशेष ध्यान रखें,क्योंके ये पितृ स्थान माना जाता है इसके अलावा पशुओं के लिए पीने का पानी भरवाने तथा प्याऊ लगवाने अथवा आवारा कुत्तों को जलेबी खिलाने से भी पितृ दोष शांत होता है।


 


5 👉 अगर पितृ दोष के कारण अत्यधिक परेशानी हो,संतान हानि हो या संतान को कष्ट हो तो किसी शुभ समय अपने पितरों को प्रणाम कर उनसे प्रण होने की प्रार्थना करें और अपने द्वारा जाने-अनजाने में किये गए अपराध / उपेक्षा के लिए क्षमा याचना करें ,फिर घर अथवा शिवालय में पितृ गायत्री मंत्र का सवा लाख विधि से जाप कराएं जाप के उपरांत दशांश हवन के बाद संकल्प ले की इसका पूर्ण फल पितरों को प्राप्त हो ऐसा करने से पितर अत्यंत प्रसन्न होते हैं ,क्योंके उनकी मुक्ति का मार्ग आपने प्रशस्त किया होता है।


 


6👉 पितृ दोष की शांति हेतु ये उपाय बहुत ही अनुभूत और अचूक फल देने वाला देखा गया है,वोह ये कि- किसी गरीब की कन्या के विवाह में गुप्त रूप से अथवा प्रत्यक्ष रूप से आर्थिक सहयोग करना |(लेकिन ये सहयोग पूरे दिल से होना चाहिए ,केवल दिखावे या अपनी बढ़ाई कराने के लिए नहीं )|इस से पितर अत्यंत प्रसन्न होते हैं ,क्योंकि इसके परिणाम स्वरुप मिलने वाले पुण्य फल से पितरों को बल और तेज़ मिलता है ,जिस से वह ऊर्ध्व लोकों की ओरगति करते हुए पुण्य लोकों को प्राप्त होते हैं.|


 


7👉 अगर किसी विशेष कामना को लेकर किसी परिजन की आत्मा पितृ दोष उत्पन्न करती है तो तो ऐसी स्थिति में मोह को त्याग कर उसकी सदगति के लिए "गजेन्द्र मोक्ष स्तोत्र " का पाठ करना चाहिए।


 


8👉 पितृ दोष दूर करने का अत्यंत सरल उपाय : इसके लिए सम्बंधित व्यक्ति को अपने घर के वायव्य कोण (N -W )में नित्य सरसों का तेल में बराबर मात्रा में अगर का तेल मिलाकर दीपक पूरे पितृ पक्ष में नित्य लगाना चाहिए+दिया पीतल का हो तो ज्यादा अच्छा है ,दीपक कम से कम 10 मिनट नित्य जलना आवश्यक है।


 


इन उपायों के अतिरिक्त वर्ष की प्रत्येक अमावस्या को दोपहर के समय गूगल की धूनी पूरे घर में सब जगह घुमाएं ,शाम को आंध्र होने के बाद पितरों के निमित्त शुद्ध भोजन बनाकर एक दोने में साड़ी सामग्री रख कर किसी बबूल के वृक्ष अथवा पीपल या बड़ किजद में रख कर आ जाएँ,पीछे मुड़कर न देखें। नित्य प्रति घर में देसी कपूर जाया करें। ये कुछ ऐसे उपाय हैं,जो सरल भी हैं और प्रभावी भी,और हर कोई सरलता से इन्हें कर पितृ दोषों से मुक्ति पा सकता है। लेकिन किसी भी प्रयोग की सफलता आपकी पितरों के प्रति श्रद्धा के ऊपर निर्भर करती है।


 


*#पितृदोष_निवारण_के_लिए_करें_विशेष_उपाय* ( *#नारायणबलि_नागबलि* )


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अक्सर हम देखते हैं कि कई लोगों के जीवन में परेशानियां समाप्त होने का नाम ही नहीं लेती। वे चाहे जितना भी समय और धन खर्च कर लें लेकिन काम सफल नहीं होता। ऐसे लोगों की कुंडली में निश्चित रूप से पितृदोष होता है।


 


यह दोषी पीढ़ी दर पीढ़ी कष्ट पहुंचाता रहता है, जब तक कि इसका विधि-विधानपूर्वक निवारण न किया जाए। आने वाली पीढ़ीयों को भी कष्ट देता है। इस दोष के निवारण के लिए कुछ विशेष दिन और समय तय हैं जिनमें इसका पूर्ण निवारण होता है। श्राद्ध पक्ष यही अवसर है जब पितृदोष से मुक्ति पाई जा सकती है। इस दोष के निवारण के लिए शास्त्रों में नारायणबलि का विधान बताया गया है। इसी तरह नागबलि भी होती है।


 


*#क्या_है_नारायणबलि_और_नागबलि*


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नारायणबलि और नागबलि दोनों विधि मनुष्य की अपूर्ण इच्छाओं और अपूर्ण कामनाओं की पूर्ति के लिए की जाती है। इसलिए दोनों को काम्य कहा जाता है। नारायणबलि और नागबलि दो अलग-अलग विधियां हैं। नारायणबलि का मुख्य उद्देश्य पितृदोष निवारण करना है और नागबलि का उद्देश्य सर्प या नाग की हत्या के दोष का निवारण करना है। इनमें से कोई भी एक विधि करने से उद्देश्य पूरा नहीं होता इसलिए दोनों को एक साथ ही संपन्न करना पड़ता है।


 


*#इन_कारणों_से_की_जाती_है_नारायणबलि_पूजा*


 


जिस परिवार के किसी सदस्य या पूर्वज का ठीक प्रकार से अंतिम संस्कार, पिंडदान और तर्पण नहीं हुआ हो उनकी आगामी पीढि़यों में पितृदोष उत्पन्न होता है। ऐसे व्यक्तियों का संपूर्ण जीवन कष्टमय रहता है, जब तक कि पितरों के निमित्त नारायणबलि विधान न किया जाए।प्रेतयोनी से होने वाली पीड़ा दूर करने के लिए नारायणबलि की जाती है।परिवार के किसी सदस्य की आकस्मिक मृत्यु हुई हो। आत्महत्या, पानी में डूबने से, आग में जलने से, दुर्घटना में मृत्यु होने से ऐसा दोष उत्पन्न होता है।


 


*#क्यों_की_जाती_है_यह_पूजा* ...?


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शास्त्रों में पितृदोष निवारण के लिए नारायणबलि-नागबलि कर्म करने का विधान है। यह कर्म किस प्रकार और कौन कर सकता है इसकी पूर्ण जानकारी होना भी जरूरी है। यह कर्म प्रत्येक वह व्यक्ति कर सकता है जो अपने पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहता है। जिन जातकों के माता-पिता जीवित हैं वे भी यह विधान कर सकते हैं।संतान प्राप्ति, वंश वृद्धि, कर्ज मुक्ति, कार्यों में आ रही बाधाओं के निवारण के लिए यह कर्म पत्नी सहित करना चाहिए। यदि पत्नी जीवित न हो तो कुल के उद्धार के लिए पत्नी के बिना भी यह कर्म किया जा सकता है।यदि पत्नी गर्भवती हो तो गर्भ धारण से पांचवें महीने तक यह कर्म किया जा सकता है। घर में कोई भी मांगलिक कार्य हो तो ये कर्म एक साल तक नहीं किए जा सकते हैं। माता-पिता की मृत्यु होने पर भी एक साल तक यह कर्म करना निषिद्ध माना गया है।


 


*#कब_नहीं_की_जा_सकती_है_नारायणबलि_नागबलि*


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नारायणबलि गुरु, शुक्र के अस्त होने पर नहीं किए जाने चाहिए। लेकिन प्रमुख ग्रंथ निर्णण सिंधु के मतानुसार इस कर्म के लिए केवल नक्षत्रों के गुण व दोष देखना ही उचित है। नारायणबलि कर्म के लिए धनिष्ठा पंचक और त्रिपाद नक्षत्र को निषिद्ध माना गया है।धनिष्ठा नक्षत्र के अंतिम दो चरण, शततारका, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद एवं रेवती, इन साढ़े चार नक्षत्रों को धनिष्ठा पंचक कहा जाता है। कृतिका, पुनर्वसु, विशाखा, उत्तराषाढ़ा और उत्तराभाद्रपद ये छह नक्षत्र त्रिपाद नक्षत्र माने गए हैं। इनके अलावा सभी समय यह कर्म किया जा सकता है।


 


*#पितृपक्ष_सर्वाधिक_श्रेष्ठ_समय*


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नारायणबलि- नागबलि के लिए पितृपक्ष सर्वाधिक श्रेष्ठ समय बताया गया है। इसमें किसी योग्य पुरोहित से समय निकलवाकर यह कर्म करवाना चाहिए। यह कर्म गंगा तट अथवा अन्य किसी नदी सरोवर के किनारे में भी संपन्न कराया जाता है। संपूर्ण पूजा तीन दिनों की होती है।


संकलित


*श्री पित्रलोक अधीश्वर अर्यमा पित्रराजाय नमः*


       *जय श्री राम जी*


अनलॉक 4.0 केंद्र सरकार की नई गाइडलाइन जारी, 7 सितंबर से चलेगी दिल्ली मेट्रो

टीआर ब्यूरो l


नई दिल्ली l केंद्र सरकार ने अनलॉक-4 की गाइडलाइंस जारी कर दी है l अनलॉक 4 में 7 सितंबर से दिल्ली मेट्रो शुरू होगी l


केंद्र सरकार द्वारा आज अनलॉक 4.0 गाइडलाइंस की घोषणा कर दी गई है। 7 सितंबर से चरणबद्ध तरीके से मेट्रो चलाने की मंजूरी दी गई है। सरकार की ओर से जारी गाइडलाइंस में कहा गया है कि गृह मंत्रालय के परामर्श के साथ शहरी विकास मंत्रालय/ रेलवे मंत्रालय के द्वारा मेट्रो ट्रेनों को 7 सितंबर से चरणबद्ध तरीके से चलाया गया जाएगा। कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन की वजह से 22 मार्च से ही देशभर में मेट्रो परिचालन बंद है।


गृह मंत्रालय ने अनलॉक-4 को लेकर गाइडलाइन जारी की हैं। गाइडलाइन के अनुसार, स्कूल कॉलेज अभी भी बंद रहेंगे, लेकिन नवी कक्षा से बड़े बच्चे 21 सितम्बर के बाद से स्कूल जा सकेंगे और साथ ही स्टाफ को भी आना होगा। स्कूल में सोशल डिस्टेंस का सख्ती से पालन करना होगा।साथ ही 7 सितम्बर से चलेगी मेट्रो ट्रैन, मगर शर्तें रहेंगी लागू। सिनेमा हॉल व स्विमिंग पूल अभी भी रहेंगे बंद। धार्मिक आयोजनों को मिलेगी मंज़ूरी। 21 सितम्बर के बाद से हो सकेगी राजनीतिक रैली भी लेकिन 100 से ज़्यादा व्यक्तियों की भीड़ नहीं रह सकेगी।कन्टेनमेंट जोन में पहले की तरह ही पाबंदियां लागू रहेंगी। साथ ही कोई राज्य अपने तरफ से लॉकडाउन का निर्णय नहीं ले सकेगा, गृह मंत्रालय से लेनी होगी मंज़ूरी। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल समेत कुछ राज्य अलग अलग लॉकडाउन लगा रहे हैं जैसी यूपी में साप्ताहिक लॉकडाउन है, अब इनके लिए केंद्र से मंज़ूरी लेनी होगी।


जनता के शोषण व भ्र्ष्टाचार पर ख़ामोश नही रहेंगे-प्रमोद त्यागी

 


 


मुजफ्फरनगर l समाजवादी पार्टी के जिला मीडिया प्रभारी साजिद हसन ने बताया कि कोरोना के संक्रमण को देखते हुए सपा जिलाध्यक्ष प्रमोद त्यागी एडवोकेट ने सपा पदाधिकारियो कार्यकर्ताओ से वर्चुअल मिटिंग (गूगल मिट) के जरिए संवाद स्थापित किया जिसमें सपा कार्यकर्ताओं ने अपने सम्बोधन में भाजपा की योगी सरकार में बढ़ते अपराध,जातिगत दुर्भावना से बढ़ रहे अपराधों व सरकारी कार्यालयों में व्याप्त भ्र्ष्टाचार,रिश्वतखोरी से त्रस्त जनता की बात रखते हुए कहा कि कोरोना वायरस की आड़ में इन मुद्दों पर विपक्ष की आवाज़ को दबाने के लिए विपक्ष व जनता का उत्पीड़न किया जा रहा है।सपा जिलाध्यक्ष प्रमोद त्यागी एडवोकेट ने इन सभी मुद्दों को लेकर अपने सम्बोधन में कहा कि जनता के शोषण व भ्र्ष्टाचार,रिश्वतखोरी से त्रस्त जनता की निगाह समाजवादी पार्टी पर है क्योंकि जनता का यही मानना है कि जनता के हित के लिए संघर्ष केवल समाजवादी पार्टी कर सकती है।प्रमोद त्यागी ने कहा कि कोरोना की आड़ में जनता के शोषण पर सपा ज्यादा दिन खामोश नही बैठेगी।मीटिंग का संचालन सपा के जिला मीडिया प्रभारी साजिद हसन व छात्र नेता यूसुफ गौर ने किया।मीटिंग में मुख्य रूप से सपा जिला कोषाध्यक्ष सचिन अग्रवाल युवजन सभा प्रदेश उपाध्यक्ष गौरव जैन,सपा नेता असद पाशा,शलभ गुप्ता एडवोकेट,विनयपाल,हाजी इकबाल,डॉ नूर हसन सलमानी,डॉ इसरार अलवी,राशिद मलिक,हिमांशु शर्मा,शिवम त्यागी एडवोकेट,नासिर राणा,शुजाअत राणा,संदीप पाल, विकास गोस्वामी,सलमान अंसारी,शाहवेज क़ुरैशी एडवोकेट,सचिन कुमार सहित अनेक सपा पदाधिकारी कार्यकर्ताओ ने भाग लिया।


जिले में कोरोना पॉजिटिव कि आज मिलने की संख्या 100 के पार मिले 133 नए कोरोना पॉजिटिव

मुजफ्फरनगर l आज जनपद में कोरोना ने  सारे रिकार्ड तोड़ दिये मिले 133 मरीज, 600 के पार हो गई है कोरोनावायरस ने कोहराम मचाते हुए सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए है। जनपद में आज कोरोना के 133 नए मरीज मिले हैं। जनपद में आज कोरोना के एक्टिव केसों की संख्या भी 600 के पार हो गई है।


जनपद में आज कोरोना का सबसे घातक प्रहार हुआ है। जनपद में आज स्वास्थ्य विभाग को कोरोना टेस्ट के लिए भेजे गए 196 सैंपल की रिपोर्ट प्राप्त हुई। आज जिले में 133 नए मरीज मिले की पुष्टि हुई है। इनमें 04 मरीजों के आरटीपीसीआर, 114 के रैपिड टेस्ट, 12 के प्राईवेट लैंब तथा 03 के मेरठ लैब के जरिए कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई है। आज जो मरीज मिले हैं उनमें 2 पुरकाजी, 3 अलमासपुर, 1 गुलशन विहार, 1 सहावली, 3 शान्तिनगर, 1 गांधी नगर, 1 मुस्तफाबाद, 1 शुक्रताल, 26 अस्थायी जेल कवाल, 1 मंदौड़, 1 जैननगर खतौली, 1 श्यामपुरी खतौली, 6 लोद्धा कॉलोनी, 1 मूलचंद विहार खतौली, 10 सैदपुर नंगला बघरा, 1 न्याजुपुरा, 2 कृष्णापुरी, 1 आनंदपुरी, 1 अग्रसैन विहार, 1 खादरवाला, 1 गंगारामपुरा, 1 द्वारकापुरी, 1 नवाबगंज हनुमान चौक, 1 गांधी कॉलोनी, 1 जानसठ रोड, 1 सुभाष नगर, 5 गौशाला नदी रोड, 2 नई मंडी, 1 नुमाईश कैम्प, 2 कंबल वाला बाग़, 3 मुज़फ्फरनगर शहर, 1 साकेत, 1 बचन सिंह कॉलोनी, 5 राम विहार, 37 ज़िला जेल, 1 भोपा रोड, 1 जैन मिलन विहार, 1 ओम पैराडाइस, 2 आबकारी मोहल्ला से हैं। जनपद में आज कोरोना के 40 मरीजों को स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज किया गया है। जनपद में अब तक कुल 1346 मरीजों को स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज किया गया है। जनपद में अब कोरोना के कुल एक्टिव केस 614 हो गए हैं।


आज कुल सैंपल प्राप्त-196


(RtPcr)


आज पॉजिटिव-- 133


04 Rtpcr 


114 Rapid antigen test 


12 Pvt Lab


03 मेरठ lab


= 133


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2 पुरकाजी


3 अल्मासपुर


1 गुलशन विहार


1 सहावली


3 शान्ति नगर


1 गांधी नगर


1 मुस्तफाबाद


1 शुक्रताल


26 अस्थायी जेल कवाल


1 मंदौड़


1 जैननगर खतौली


1 श्यामपुरी खतौली


6 लोद्धा कॉलोनी


1 मूलचंद विहार, खतौली


10 सैद पुर नंगला,बघरा


1 न्याजुपुरा


2 कृष्णापुरी


1 आनंदपुरी


1 अग्रसैन विहार


1 खादर वाला


1 गंगारामपुरा


1 द्वारकापुरी


1 नवाबगंज हनुमान चौक


1 गांधी कॉलोनी


1 जानसठ रोड


1 सुभाष नगर


5 गौशाला नदी रोड


2 नई मंडी


1 नुमाईश कैम्प


2 कंबल वाला बाग़


3 मुज़फ्फरनगर शहर


1 साकेत


1 बचन सिंह कॉलोनी


5 राम विहार


37 ज़िला जेल


1 भोपा रोड


1 जैन मिलन विहार


1 ओम पैराडाइस


2 आबकारी मोहल्ला


 


आज ठीक/डिस्चार्ज -40


टोटल डिस्चार्ज- 1346


टोटल एक्टिव केस- 614


मिमलाना रोड पर एक बच्ची की संदिग्ध परिस्थितियों के चलते मौत

टीआर ब्यूरो l


मुज़फ्फरनगर l नगर क्षेत्र में मिमलाना रोड पर एक बच्ची की संदिग्ध परिस्थितियों के चलते मौत हो गई l जिस कारण परिजनों में कोहराम मचा हुआ है l


पुलिस सूत्रों के अनुसार कोतवाली क्षेत्र के मिमलाना रोड पर संदिग्ध परिस्थितियों में नवजात बच्ची की मौत मौत हो गई


 जिसके चलते परिजनों में कोहराम मचा हुआ है परिजनों ने इसकी सूचना शहर कोतवाली को दी जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने नवजात बच्ची के शव को कब्जे में लेकर आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की तथा जांच पड़ताल में जुट गई है। 


डीएम सेल्वा कुमारी जे को जल शक्ति अवार्ड से बढा जनपद का गौरव

मुज़फ्फरनगर। जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे को ELETS NATION WATER INNOVATION SUMMIT 2020 में जल शक्ति अवार्ड मिला है । जिले के लिए यह बड़े सम्मान की बात है।


जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे को मुजफ्फरनगर का चार्ज संभाले हुए एक वर्ष से अधिक हुआ है । डीएम लगातार जनपद में विकास को लेकर क़ई बड़े बड़े कार्य कर चुकी है । भ्रष्टाचार, नदियों का विकास, जिला पंचायत के कार्य, महिलाओं के पोष्टिक आहार मेले, बच्चों के लिए क़ई कार्य,कोविड 19 को लेकर बड़ी जिम्मेदारियां , जल संचय, प्रदूषण आदि क़ई बड़े बड़े कार्य मुजफ्फरनगर में कर रही है। वही आज डीएम सेल्वा कुमारी जे को अवार्ड मिलने पर खुशी का माहौल है। तमाम लोगों ने उन्हें बधाई दी है। टीआर न्यूज परिवार उनकी इस उपलब्धि पर उन्हें शुभकामनाएँ देता है।


केंद्रीय राज्य मंत्री भी कश्मीर में शहीद हुए प्रशांत शर्मा के परिजनों को सांत्वना देने पहुंचे

टीआर ब्यूरो l


मुजफ्फरनगर l जम्मू कश्मीर  के पुलवामा में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए 3 आतंकवादी को मारने के बाद शहीद हुए प्रशांत शर्मा के आवास पर केंद्रीय मंत्री डॉ संजीव बालियान उनके परिवार को सांत्वना देने पहुंचे


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