बुधवार, 29 अप्रैल 2020

शराब तस्करों पर चला चाबुक ,5 गिरफ्तार


टीआर ब्यूरो।


 


मुजफ्फरनगर । लॉक ड़ाउन के चलते हुए अवैध शराब सप्लाई करने वाले 5 अभियुक्तों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
सीओ खतौली आशीष प्रताप सिंह वह थाना मंसूरपुर पुलिस के इंस्पेक्टर मनोज कुमार चाहल की अगुवाई में मंसूरपुर पुलिस ने भारी मात्रा में अवैध शराब बरामद की वही बदमाशों से दो गाड़ी कई तमंचे कारतूस बरामद किए गए है। पांचों ही बदमाश जनपद मुजफ्फरनगर से सम्बन्ध रखते है
 कई दिनों से लगातार मुजफ्फरनगर पुलिस ने अवैध शराब सप्लाई  करने वालो को पकड़ने के लिए अभियान चला हुआ है जिसमे सफलता भी मिल रही है।


एसएसपी ने किया जनपदीय बॉर्डर का निरीक्षण


टीआर ब्यूरो।


मुजफ्फरनगर। एसएसपी अभिषेक यादव द्वारा थानाक्षेत्र भौराकलां बार्डर का निरीक्षण किया गया। चैकिंग पवाईंटस पर नियुक्त सभी पुलिसकर्मियों को कोरोना वायरस से स्वंय को सुरक्षित रखने के साथ डियूटी करने हेतु निर्देशित किया गया। बिना अनावश्यक कार्य के आने वाले दो/चार पहिया वाहनों पर तत्काल कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया।
एसएसपी द्वारा भ्रमण के दौरान कोरोना वायरस(कोविड-19) से बचाव हेतु थाना भौराकलां पुलिस द्वारा की गयी सभी व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान सभी अधिकारी/कर्मचारीगण को अपने अपने पास सेनेटाइजर, साबुन तथा मास्क की उपलब्धता को बनाये रखने के साथ-साथ सोशल डिस्टेंस के साथ डियूटी करने व हाथों को समय-समय पर साबुन से धोने/सेनिटाईज करने हेतु भी निर्देशित किया गया। साथ ही भ्रमण के दौरान रास्ते से जाते व खेतों पर कार्य करते मिले व्यक्तियों से बातचीत कर कोरोना वायरस से बचाव हेतु सभी को जानकारी दी गयी तथा सभी को मास्क बांटे गये।


सहारनपुर से दिखने लगे बर्फीले पहाड 


सहारनपुर। लाॅकडाउन से हवा शुद्ध हुई तो सहारनपुर से बर्फीले पहाड़ दिखने लगे हैं। आईएफएस अफसर प्रवीन कासवान और रमेश पांडे ने ट्विटर पर तस्वीरें शेयर की हैं। मामला इंटरनेट पर छा चुका है। हालांकि, लॉकडाउन में यह पहली बार नहीं है कि किसी शहर से पहाड़ियां नजर आई हों। पहले पंजाब के जालंधर से हिमालय की धौलाधार रेंज दिखने लगी थी। इसके बाद यमुना से लेकर गंगा तक का पानी भी पीने लायक हो गया है। इसका मतलब यह है कि एक तरफ लॉकडाउन लोगों को कोरोना वायरस बचा रहा है जबकि दूसरी तरफ प्रकृति अपने आप को बेहतर बना रही है। 
रमेश पांड ने तस्वीरों के कैप्शन में लिखा, ‘हिमालय की बर्फ से ढकी चोटियां अब सहारनपुर से दिखने लगी हैं! लॉकडाउन और बरसात ने हवा की गुणवत्ता को बेहतर कर दिया है। इन तस्वीरों को दुष्यंत ने सोमवार की शाम को अपने वसंत विहार कालोनी से क्लिक किया है, जो एक इनकम टैक्स इंस्पेक्टर हैं।’



लवी अग्रवाल बनी प्रदेश प्रचारक


मुज़फ्फरनगर । समाजसेवी लवी अग्रवाल को प्रधान-मंत्री जन कल्याणकारी योजना प्रचार प्रसार अभियान के आई टी विभाग में प्रमुख प्रचारक उत्तर प्रदेश मनोनीत किया गया है ।
संगठन के राष्ट्रीय संयोजक पं सौरभ शर्मा व राष्ट्रीय संगठक जय घोष महाराज ने यह नियुक्ति की ।


शराब की दुकानें बंद होने पर केन्द्र सरकार की एडवाइजरी 


नई दिल्ली। सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता मंत्रालय ने कहा है कि जिन लोगों में शराब छोड़ने के गंभीर लक्षण दिख रहे हों, उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कर इलाज मुहैया कराया जाए। मंत्रालय ने एक एडवाइजरी में कहा कि लॉकडाउन के दौरान शराब की दुकानें बंद हैं और यह समय उन लोगों के लिए वरदान है जो हमेशा के लिए नशे की लत को छोड़ना चाहते हैं। 
नेशनल ड्रग डिपेंडेंस ट्रीटमेंट सेंटर और एम्स ने मिलकर यह एडवाइजरी तैयार की है। एडवाइजरी में कहा गया कि ऐसे गंभीर लक्षण वाले लोगों को चैतन्यता खोने, बेहोशी और असामान्य व्यवहार जैसे लक्षण दिख सकते हैं। उन्हें मानसिक परेशानी भी हो सकती है, ऐसे मरीजों को तुरंत चिकित्सकीय सहायता की जरूरत है। मंत्रालय ने कहा कि लोग टोल फ्री नंबर 1800110031 पर कॉल करके सहायता मांग सकते हैं।


महिला ने पांच बच्चों को दिया जन्म

बाराबंकी। कोरोना लॉकडाउन के बीच बारांबकी जिले के सीएचसी सूरतगंज में एक महिला ने 5 बच्चों को जन्म दिया है। नार्मल डिलीवरी के दौरान तीन लड़की और दो लड़के का जन्म हुआ है। जच्चा व बच्चा स्वस्थ है। 
मामला जिले के सूरतगंज क्षेत्र का है। यहां के कुतलूपुर निवासी कुंदन की पत्नी अनिता नौ माह की गर्भवती थी। बुधवार की सुबह आठ बजे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सूरतगंज में दूसरी बार मां बनी है और उसके घर खुशियां आई हैं। इस प्रसूता ने एक साथ पांच बच्चों को जन्म दिया है। हालांकि, पांच बच्चे होने की वजह से नवजातों का वजन सामान्य से कम है। इनमें से दो का वजन 1100 ग्राम है वहीं दो का 900 ग्राम है। जबकि एक का 800 ग्राम है। बताया जा रहा है कि महिला ने 28 सप्ताह में बच्चों को जन्म दिया है। महिला का यह दूसरा प्रसव है। इससे पहले उसका एक पुत्र भी है।


4 मई से शुरू हो सकता है यूपी बोर्ड कॉपियों का मूल्यांकन



नई दिल्ली। यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन लॉकडाउन खत्म होने के बाद 4 मई से शुरू हो सकता है। यह  जानकारी मंगलावर को यूपी के उपमुख्यमंत्री डा. शर्मा ने  दी। वे ऑनलाइन लर्निंग व टीचिंग को लेकर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग की बैठक में शामिल थे। 
उन्होंने बताया कि यूपी के उपमुख्यमंत्री डा. शर्मा ने जानकारी दी कि अगर स्थितियां सामान्य रहीं तो 3 मई को लॉकडाउन खुलने के बाद 4 मई से यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन शुरू करवाया जा सकता है।  इस समय सबसे महत्वपूर्ण काम प्रदेश के 275 केंद्रों पर 3.10 करोड़ से अधिक कॉपियों का मूल्यांकन है।  इसके चलते दोगुना समय लगने का अनुमान है। ऐसे में परिणाम जून के दूसरे सप्ताह से पहले आना मुश्किल है। कोरोना के कारण जो हालात पैदा हुए हैं उसमें से 25 से 20 दिन में कॉपियां जांचने का अनुमान है। जिन स्कूलों को मूल्यांकन केंद्र बनाया गया है वहां बैठने की सीमित जगह है। पहले एक बैंच पर चार-चार टीचर बैठकर कॉपियां जांच लेते थे, लेकिन केंद्र सरकार ती गाइडलाइंस के अनुसार अब दो लोगों के बीच कम से कम दो मीटर की दूरी रखनी होगी। 
आपको बता दें कि यूपी बोर्ड के 10वीं और 12वीं के छात्रों के लिए 30 अप्रैल से दूरदर्शन पर कक्षाओं का संचालन किया जाएगा। जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि दूरदर्शन के स्वयंप्रभा चैनल पर सुबह 10 से 12 बजे तक कक्षाओं का प्रसारण होगा।


जरूर होंगी सीबीएसई 10वीं 12वीं की परीक्षा 


नई दिल्ली। सीबीएसई ने कहा है कि 10वीं और 12वीं की शेष परीक्षाओं के आयोजन को लेकर उसके फैसले में कोई बदलाव नहीं किया गया है। ये परीक्षाएं जरूर आयोजित होंगी। सीबीएसई मुख्य 29 विषयों के पेपर स्थिति सामान्य होने के बाद जरूर करवाएगी। सीबीएसई ने यह भी कहा कि परीक्षा की सूचना 10 दिन पहले दी जाएगी। लॉकडाउन खत्म होने के बाद स्थिति की समीक्षा करने के बाद ही पेपरों के आयोजन का फैसला लिया जाएगा। सीबीएसई ने बुधवार को ट्वीट कर कहा- श्श्10वीं सीबीएसई बोर्ड परीक्षाओं को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। यह फिर से दोहराया जाता है कि बोर्ड 10वीं और 12वीं कक्षा के 29 मुख्य विषयों की परीक्षा कराने के अपने फैसले पर कायम है, जिसका जिक्र उसने 1 अप्रैल 2020 को जारी सर्कुलर में भी किया था। 
1 अप्रैल 2020 को जारी सर्कुलर में सीबीएसई ने कहा है कि परीक्षा के नए शेड्यूल को लेकर कोई भी फैसला हायर एजुकेशन अथॉरिटी से सलाह मशविरा करने के बाद लिया जाएगा। नई तारीखें एंट्रेंस एग्जाम व एडमिशन की डेट्स को ध्यान में रखकर तय की जाएंगी। इसी सर्कुलर में सीबीएसई ने पहली कक्षा से 8वीं तक के सभी छात्रों को प्रमोट करने का ऐलान किया था। और साथ ही कहा था कि 9वीं और 11वीं के छात्र इंटरनल असेसमेंट, टेस्ट, प्रोजेक्ट वर्क के आधार पर पास किए जाएंगे। सीबीएसई की यह प्रतिक्रिया उन अटकलों के बाद आई हैं जो कि दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के बयान के बाद पैदा हुई थीं। 
इससे पूर्व मीडिया से बात करते हुए सीबीएसई के सचिव अनुराग त्रिपाठी ने कहा था कि 10वीं की पूरे देश में जो परीक्षा बची हुई हैं, वे छोटे-छोटे विषय थे। उनकी अब परीक्षा नहीं हो रही। इंटरनल असेसमेंट और बाकी पैमानों के आधार पर इसका रिजल्ट बनाया जाएगा। प्रोडेटा बेसिस पर।श् त्रिपाठी ने कहा कि 12वीं की 12 विषयों की परीक्षा होनी हैं। इसका फैसला अभी लिया जाएगा। कोरोना वायरस संकट पर टीवी चैनल से बात करते हुए सीबीएसई सचिव ने कहा कि यह एक ऐसा समय है जब कोविड का संकट है। सीबीएसई बोर्ड समेत पूरी दुनिया के संस्थान लॉकडाउन हैं। मेरा पैरेंट्स से यह कहना है कि पैनिक न लें। सेल्फ स्टडी करवाएं। देश और दुनिया में जो भी होगा एक समान होगा। सभी जगह एक समान फैसला होगा। बच्चे और पैरंट्स धैर्य रखें।श्


तीन पहाड़ और पांच ‍नदियों का संगम है केदारनाथ धाम


केदारनाथ मन्दिर भारत के उत्तराखण्ड राज्य के रूद्रप्रयाग जिले में स्थित है। उत्तराखण्ड में हिमालय पर्वत की गोद में केदारनाथ मन्दिर बारह ज्योतिर्लिंग में सम्मिलित होने के साथ चार धामख्क, और पंच केदारख्ख, में से भी एक है। यहाँ की प्रतिकूल जलवायु के कारण यह मन्दिर अप्रैल से नवंबर माह के मध्‍य ही दर्शन के लिए खुलता है। पत्‍थरों से बने कत्यूरी शैली से बने इस मन्दिर के बारे में कहा जाता है कि इसका निर्माण पाण्डव वंश के जनमेजय ने कराया था। यहाँ स्थित स्वयम्भू शिवलिंग अति प्राचीन है। आदि शंकराचार्य ने इस मन्दिर का जीर्णोद्धार करवाया। केदारनाथ धाम और मंदिर तीन तरफ पहाड़ों से घिरा है। एक तरफ है करीब 22 हजार फुट ऊंचा केदारनाथ, दूसरी तरफ है 21 हजार 600 फुट ऊंचा खर्चकुंड और तीसरी तरफ है 22 हजार 700 फुट ऊंचा भरतकुंड। न सिर्फ तीन पहाड़ बल्कि पांच ‍नदियों का संगम भी है यहां- मं‍दाकिनी, मधुगंगा, क्षीरगंगा, सरस्वती और स्वर्णगौरी। इन नदियों में से कुछ का अब अस्तित्व नहीं रहा लेकिन अलकनंदा की सहायक मंदाकिनी आज भी मौजूद है। इसी के किनारे है केदारेश्वर धाम। यहां सर्दियों में भारी बर्फ और बारिश में जबरदस्त पानी रहता है।
यह उत्तराखंड का सबसे विशाल शिव मंदिर है, जो कटवां पत्थरों के विशाल शिलाखंडों को जोड़कर बनाया गया है। ये शिलाखंड भूरे रंग के हैं। मंदिर लगभग 6 फुट ऊंचे चबूतरे पर बना है। इसका गर्भगृह अपेक्षाकृत प्राचीन है जिसे 80वीं शताब्दी के लगभग का माना जाता है। मंदिर के गर्भगृह में अर्धा के पास चारों कोनों पर चार सुदृढ़ पाषाण स्तंभ हैं, जहां से होकर प्रदक्षिणा होती है। अर्धा, जो चैकोर है, अंदर से पोली है और अपेक्षाकृत नवीन बनी है। सभामंडप विशाल एवं भव्य है। उसकी छत चार विशाल पाषाण स्तंभों पर टिकी है। विशालकाय छत एक ही पत्थर की बनी है। गवाक्षों में आठ पुरुष प्रमाण मूर्तियां हैं, जो अत्यंत कलात्मक हैं।
राजा भोज ने कराया था केदारनाथ मंदिर का निर्माण
85 फुट ऊंचा, 187 फुट लंबा और 80 फुट चैड़ा है केदारनाथ मंदिर। इसकी दीवारें 12 फुट मोटी हैं और बेहद मजबूत पत्थरों से बनाई गई है। मंदिर को 6 फुट ऊंचे चबूतरे पर खड़ा किया गया है। यह आश्चर्य ही है कि इतने भारी पत्थरों को इतनी ऊंचाई पर लाकर तराशकर कैसे मंदिर की शक्ल ‍दी गई होगी। खासकर यह विशालकाय छत कैसे खंभों पर रखी गई। पत्थरों को एक-दूसरे में जोड़ने के लिए इंटरलॉकिंग तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। यह मजबूती और तकनीक ही मंदिर को नदी के बीचोबीच खड़े रखने में कामयाब हुई है।
मंदिर का निर्माण इतिहास रू पुराण कथा अनुसार हिमालय के केदार श्रृंग पर भगवान विष्णु के अवतार महातपस्वी नर और नारायण ऋषि तपस्या करते थे। उनकी आराधना से प्रसन्न होकर भगवान शंकर प्रकट हुए और उनके प्रार्थनानुसार ज्योतिर्लिंग के रूप में सदा वास करने का वर प्रदान किया। यह स्थल केदारनाथ पर्वतराज हिमालय के केदार नामक श्रृंग पर अवस्थित है।
यह मंदिर मौजूदा मंदिर के पीछे सर्वप्रथम पांडवों ने बनवाया था, लेकिन वक्त के थपेड़ों की मार के चलते यह मंदिर लुप्त हो गया। बाद में 8वीं शताब्दी में आदिशंकराचार्य ने एक नए मंदिर का निर्माण कराया, जो 400 वर्ष तक बर्फ में दबा रहा।
राहुल सांकृत्यायन के अनुसार ये मंदिर 12-13वीं शताब्दी का है। इतिहासकार डॉ. शिव प्रसाद डबराल मानते हैं कि शैव लोग आदि शंकराचार्य से पहले से ही केदारनाथ जाते रहे हैं, तब भी यह मंदिर मौजूद था। माना जाता है कि एक हजार वर्षों से केदारनाथ पर तीर्थयात्रा जारी है। कहते हैं कि केदारेश्वर ज्योतिर्लिंग के प्राचीन मंदिर का निर्माण पांडवों ने कराया था। बाद में अभिमन्यु के पौत्र जनमेजय ने इसका जीर्णोद्धार किया था।
मंदिर के कपाट खुलने का समय रू दीपावली महापर्व के दूसरे दिन (पड़वा) के दिन शीत ऋतु में मंदिर के द्वार बंद कर दिए जाते हैं। 6 माह तक दीपक जलता रहता है। पुरोहित ससम्मान पट बंद कर भगवान के विग्रह एवं दंडी को 6 माह तक पहाड़ के नीचे ऊखीमठ में ले जाते हैं। 6 माह बाद मई माह में केदारनाथ के कपाट खुलते हैं तब उत्तराखंड की यात्रा आरंभ होती है।
6 माह मंदिर और उसके आसपास कोई नहीं रहता है, लेकिन आश्चर्य की 6 माह तक दीपक भी जलता रहता और निरंतर पूजा भी होती रहती है। कपाट खुलने के बाद यह भी आश्चर्य का विषय है कि वैसी ही साफ-सफाई मिलती है जैसे छोड़कर गए थे।


कोविड-19 सेस से पेट्रोल-डीजल 6 रुपये महंगा हुआ तेल 



नई दिल्ली। लॉकडाउन के बीच नगालैंड ने पेट्रोल और डीजल  पर कोविड-19 सेस  लगाकर कीमतों में भारी इजाफा किया है।  28 अप्रैल की मध्यरात्रि से राज्य में पेट्रोल 6 रुपये और डीजल पर 5 रुपये प्रति लीटर महंगा हो गया है। इससे पहले, असम सरकार ने डीजल पर 5 रुपये प्रति लीटर और पेट्रोल पर 6 रुपये प्रति लीटर टैक्स बढ़ा दिया था। नागालैंड के अतिरिक्त मुख्य सचिव और वित्त आयुक्त सेंटियांगर इमचेन ने यह जानकारी दी। नगालैंड टैक्सेशन एक्ट 1967 (संशोधित) में निहित शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए राज्यपाल यह आदेश जारी किया है कि मौजूदा टैक्स और सेस के अलावा कोविड-19 सेस भी लगाया जाएगा। वहीं  लॉकडाउन के कारण हुए नुकसान की भरपाई के लिए असम सरकार ने पिछले हफ्ते पेट्रोल-डीजल पर टैक्स लगाया था।


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