नई दिल्ली। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 71 और जवानों के संक्रमित होने पर दक्षिणी दिल्ली सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित सीआरपीएफ मुख्यालय को सोमवार तक के लिए सील कर दिया गया है। एक बस ड्राइवर को कोरोना संक्रमित पाये जाने के बाद यह कार्रवाई की गई। शनिवार को ड्राइवर की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद इसे तुरंत सील कर दिया गया। बिल्डिंग को सेनिटाइज किया जा रहा है। डीआइजी ने बताया कि ड्राइवर ऐसे समय में कोरोना संक्रमित पाया गया है जब मयूर विहार फेस-तीन में 135 जवान पहले से ही संक्रमित हैं। कुछ मिलाकर अब तक 137 सीआरपीएफ के कर्मचारी व जवान कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं।
पूर्वी दिल्ली में मयूर विहार फेज-तीन स्थित सीआरपीएफ (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल) के कैंप में भी पिछले 24 घंटे में 71 और जवानों के कोरोना संक्रमित होने का पता चला है। इस तरह से अब तक यहां कुल 13 जवान कोरोना पीड़ित हो चुके हैं। इनमें एक की मौत भी हो गई है।
रविवार, 3 मई 2020
सीआरपीएफ के 71 और जवान हुए संक्रमितः मुख्यालय सील
सपना चौधरी ने ससपेंड कराए दारोगा जी
इटावा। लॉक डाउन के उल्लंघन पर सपना चौधरी के गाने पर ठुमके लगवाने पर प्रभारी लाइन हाज़िर,सिपाही सस्पेंड हो गये।
इटावा-लॉक डाउन के उल्लंघन में अनोखी सजा दिए जाने का मामला सामने आया है। मामला उत्तर प्रदेश के इटावा जनपद की कोतवाली सदर की पुलिस चौकी नया शहर का है, जहाँ चौकी इंचार्ज विश्वनाथ मिश्रा के इशारों पर एक युवक नाचने को मजबूर उस समय हुआ जब वह लॉक डाउन के दौरान घर से बाहर निकला था। पुलिस ने मानवाधिकारों का उल्लंघन करते हुए खुद ही न्यायपालिका बनकर उसको नाचने की सजा सुना दी। हरियाणवी गाने पर युवक से डांस कराया था ।जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। यह मामला वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आकाश तोमर के संज्ञान मे आते ही उन्होंने इस पर तत्काल एक्शन लिया। कोतवाली शहर अंतर्गत चौकी बलराय के आरक्षी सुभाष को सस्पेंड तो वही चौकी प्रभारी उपनिरीक्षक विश्वनाथ मिश्रा को लाइन हाजिर कर दिया है।
इस व्यापार को मिलेगी छूट, शासन से आई चिट्ठी
लखनऊ। मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने रेडजोन में हॉटस्पॉट के बाहर वाले क्षेत्रों में जरूर वस्तुओं की दुकानें खोलने को कहा है। यह दुकानें छोटे कस्बों व गांवों में खोली जाएंगी। खासकर निर्माण सामग्री ईंट, सीमेंट, मोरंग, बालू, सरिया, हार्डवेयर व मोबाइल रिपेयर करने वाली दुकानें खोली जाएंगी। मुख्य सचिव ने डीएम और पुलिस अधिकारियों को दिए निर्देश में कहा है कि इन दुकानों को सशर्त खोले जाने की अनुमति दी जाएगी। इनके खुलने पर सोशल डिस्टेंसिंग व सैनिटाइजेशन की व्यवस्था अनिवार्य रूप से कराई जाएगी। उन्होंने कहा है कि इन दुकानों को खोलने पर केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देशों का अक्षरशः कड़ाई से पालन कराया जाएगा। मुख्य सचिव ने यह निर्देश सभी मंडलायुक्तों, पुलिस महानिरीक्षकों व पुलिस उप महानिरीक्षकों, रेंज, पुलिस आयुक्त लखनऊ व नोएडा एवं सभी जिलाधिकारियों, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों के साथ पुलिस अधीक्षकों को पत्र भेज कर दिए हैं।
लॉकडाउन के बाद स्कूलों में सबकुछ होगा बदला-बदला
नई दिल्ली। कोरोना वायरस के कारण चल रहे लॉकडाउन पूरी तरह खत्म होने के बाद देश में स्कूल खोले जाएंगे। लेकिन लॉकडाउन के बाद जब स्कूल खुलेंगे, तो वहां सबकुछ पहले जैसा नहीं होगा। वहां कई तरीके के बदलाव देखने को मिलेंगे। स्कूलों के साथ-साथ स्टूडेंट्स व टीचर्स को भी इन बदलावों का पालन करना होगा। इसके लिए केंद्र सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी हैं।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने भी पिछले सप्ताह राज्यों के शिक्षा मंत्रियों के साथ हुई बैठक में इस मुद्दे पर बात की थी। अब केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधिकारियों ने इस संबंध में जानकारी दी है। उन्होंने बताया है कि मंत्रालय का स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा दिशानिर्देश तैयार किए जा रहे हैं। मुख्य रूप से क्लासेस में स्टूडेंट्स के सीटिंग अरेंजमेंट, स्कूल में सोशल डिस्टेंसिंग व साफ-सफाई को लेकर ये दिशानिर्देश तैयार किए जा रहे हैं। अंतिम रूप से ये गाइडलाइंस बनने के बाद देशभर के स्कूलों के लिए इन्हें जारी कर दिया जाएगा।
मंत्रालय ने कहा कि जब भी स्कूल-कॉलेज खुलेंगे, स्टूडेंट्स की सुरक्षा व स्वास्थ्य के लिए सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पूरा ख्याल रखे जाने पर जोर होगा। गौरतलब है कि उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग जरूरी दिशानिर्देश जारी कर चुका है।
अन्य प्रदेशों से आये 58 श्रमिक अपने गंतव्य की ओर रवाना
टीआर ब्यूरो।
मुज़फ्फरनगर। अन्य राज्यों से आये श्रमिकों को रोडवेज बस स्टैंड से उनके गंतव्य की ओर रवाना किया।
रोडवेज परिसर से एडीएम प्रशासन अमित कुमार और एसओ सिविल लाइन डी के त्यागी की मौजूदगी में 16 अल्मोड़ा और 5 पंजाब से आये श्रमिको को सिखेड़ा और गुजरात से आये 37 श्रमिकों को बुढाना के लिए रवाना किया गया। उन्होंने बताया कि इन सभी श्रमिकों की पूर्व में ही जांच की जा चुकी। रवाना की गई बसों को फायर बिग्रेड की गाड़ियों ने बसों को रवानगी से पूर्व सैनिटाइज किया गया।
शराब, बीडी, सिगरेट और गुटखा मिल रहा तीन से पांच गुना महंगा
मुजफ्फरनगर। कोरोना पर नियंत्रण करने के लिए लॉकडाउन में भले ही कहीं से भी हर परिवार तक भोजन पंहुचाने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन पाबंदी के बावजूद शराब, बीडी, सिगरेट और गुटखा की बिक्री में कालाबाजारी के कारण इनके दाम तीन से चार गुने हो गए। कोरोना जैसी वैश्विक बीमारी से बचाने के लिए सरकार ने लॉकडाउन जैसा महत्वपूर्ण कदम उठाया। इससे दैनिक मजदूरों ,गरीबों के सामने दो वक्त के निवाले की समस्या को शासन व समाज सेवियों ने मिलकर हर परिवार तक भोजन पंहुचाने का प्रयास किया। वहीं गुटखा व तंबाकू पर रोक के कारण उसके विक्रेता उसका जमकर फायदा उठा रहे हैं। हालत यह है कि कई इलाकों में हर स्तर पर गुटखा की बिक्री हो रही है, लेकिन पुलिस कार्रवाई के भय से लोग सिर्फ पूरी तरह परिचित लोगों को ही गुटखा उपलब्ध करा रहे हैं। इसकी कीमतें अब तीन गुना से पांच गुना तक हैं।
प्रयागराज में पानी से सस्ता बिक रहा दूध
प्रयागराज। गर्मी आते ही दूध की किल्लत हो जाती है। मवेशियों की दूध देने की क्षमता कम हो जाती और दूसरा सहालग के कारण खपत बढ़ जाती है। कोरोना के चलते हुए लॉकडाउन के कारण इस बार उल्टी गंगा बह रही है। प्रयागराज में दूध सस्ता हो गया है और पानी महंगा। एक लीटर पानी की बोतल 20 रुपये में बिक रही है जबकि गाय का दूध 15 तो भैंस का 18 रुपये प्रति लीटर।
कोरोना के चलते शादी एवं अन्य समारोह नहीं हो रहे हैं। मिठाई की दुकानें भी बंद हैं। इस वजह से दूध की मांग कम हो गई है। स्थिति यह है कि लॉकडाउन के पहले जिले में हर रोज 1.10 लाख लीटर दूध बिकता था। लेकिन इस समय लगभग 68000 लीटर के आसपास दूध की बिक्री हो रही है। बिक्री सिर्फ विवाह आदि समारोह और मिठाई की दुकानें बंद होने से नहीं प्रभावित हुई है। कोरोना के भय से लोग दूधियों से दूध लेने में भी कतरा रहे हैं। दूध का कारोबार करने वालों की कमर टूट गई है। इनके लिए मवेशियों को पौष्टिक आहार में आने वाला खर्च निकलाना मुश्किल हो रहा है। मवेशियों और खुद का पेट भरने के लिए कोरोबारी पहले की तुलना में आधे से भी कम दाम पर दूध बेचने के लिए मजबूर हैं। 150 से 200 रुपये किलो बिकने वाला खोवा इस समय 70 से 80 रुपये प्रति किलो बेचा जा रहा है। छाछ और दही की बिक्री भी प्रभावित हुई है जबकि पनीर की मांग बढ़ी है।
रेड जोन जिलों में प्रत्येक घर होगा सैनेटाइज, रोकेंगे गोकशी
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि रेड जोन के एक-एक घर का सैनेटाइजेशन किया जाए। इन क्षेत्रों में हर व्यक्ति व डोर स्टेप डिलीवरी में लगे लोगों का भी चेकअप किया जाए। तीसरे चरण के लाॅकडाउन में किसी भी प्रकार की धार्मिक गतिविधियांे की अनुमति नहीं होंगी। गोकशी रोकने और ग्रामीण क्षेत्रों में सीमेण्ट, सरिया, गिट्टी इत्यादि की दुकानों को खोलने के निर्देश भी दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने शनिवार देर रात डीएम व एसपी के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के साथ बैठक में यह बात कही। राज्य सरकार द्वारा गाइडलाइन्स सभी जिलों को भेज दी जाएंगी। लोगों की सुविधा के लिए हाॅट स्पाॅट क्षेत्र के बाहर सब्जियों की दुकानें ज्यादा समय तक खोली जाएं। सभी जिलों में 25 हजार क्वारण्टीन की क्षमता तय की जाए। उन्होंने प्रत्येक जनपद में एक ही जगह पर 100 बेड क्षमता वाला एल-1 हाॅस्पिटल सभी आवश्यक उपकरणों के साथ स्थापित करने के निर्देश दिए। पुलिस अधिकारी यह करें कि उनके क्षेत्रों में गोकशी न होने पाए। प्रदेश में शराब की दुकानें खोलने के लिए भी निर्णय नहीं हो सका है। हालांकि प्रदेश सरकार ने केंद्र की गाइडलाइन को मानने का आश्वासन दिया है लेकिन देर शाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिलाधिकारियों के साथ वीसी की है। बताया जा रहा है कि इसमें जिलाधिकारियों से फीडबैक लिया गया है। इसके आधार पर प्रदेश सरकार अपने स्तर पर निर्णय लेगी। अगर दुकानों को खोला जाएगा तो ज्यादा संभावना ग्रामीण इलाकों में दुकानें खोलने की है। इसके बाद शहरी क्षेत्र में भी कुछ शर्तों के साथ शराब दुकानें खोली जा सकती हैं।
कोरोना से अप्रभावित क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियां शुरू की जाएंगी। ग्रामीण क्षेत्रों में सीमेण्ट, सरिया, गिट्टी इत्यादि की दुकानों को खोला जाए। प्रधानमंत्री आवास योजना, मुख्यमंत्री आवास योजना, मनरेगा तथा अन्य योजनाओं के तहत कार्य प्रारम्भ करवाए जाएं। प्रदेश का आयुष विभाग अपना एक एप भी लाॅन्च करेगा।राज्य की सभी अन्तर्राज्यीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय सीमाएं सील रखी जाएं। बिना अनुमति किसी को भी सीमाओं में प्रवेश न दिया जाए।
लिव इन रिलेशनशिप में रह रही युवती की मौत की मौत के बाद सिपाही फरार
मेरठ। कंकर खेडा में रोहटा रेाड स्थित हरवंश विहार में सिपाही के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रह रही एक युवती का शव मकान में पंखे से लटका मिला। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। शव को पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल भिजवाया। पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है। वहीं, युवती के परिजनों ने सिपाही पर हत्या का आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
अंजली पुत्री स्व. चंद्रपाल का परिवार गोलाबढ़ में रहता है। अंजली की शादी पांच साल पहले मोतीलाल निवासी कमालपुर से हुई थी। मोतीलाल सिपाही पद पर शामली में तैनात है। शादी के बाद उनके संतान नहीं थी। इस बीच मोतीलाल के घर पर सिपाही आशीष निवासी सरस्वती विहार का आना जाना हो गया। इस दौरान अंजली और आशीष की नजदीकी भी बढ़ गई। आशीष, अंजली को अपने साथ ले आया और हंरवश विहार में रहने लगा। आशीष भी पहले से शादीशुदा है। बताया जा रहा है कि इस बीच एक अन्य युवती से आशीष के संबंध बन गए। इसका विरोध करने पर आशीष ने अंजली से मारपीट की। बताया जा रहा है कि इससे क्षुब्ध होकर अंजली ने शनिवार को फांसी लगाकर जान दे दी। घटना का पता लगने पर अंजली के परिजन मौके पर पहुंचे और हत्या का आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया। इंस्पेक्टर कंकरखेड़ा का कहना है कि तहरीर मिलने पर जांच की जाएगी।
अजंली के पिता चंद्रपाल दरोगा पद पर मेरठ में तैनात थे। परिजनों ने बताया कि अंजली के आशीष के साथ रहने पर वह काफी परेशान थे और उन्होंने तीन साल पहले सल्फास खाकर जान दे दी थी। अंजली के भाई गोविंद ने बताया कि अंजली के नाम पर 14 लाख रुपये थे। इसमें से आठ लाख 18 हजार रुपये उसके पिता ने ले लिए थे। पिता की मौत के बाद आशीष ने इसका विरोध किया तो गोविंद ने यह पैसे अंजली को लौटा दिए थे। आशीष की मां गोलाबढ़ पूर्व में गोलाबढ़ क्षेत्र की सभासद रही है। उसके पिता का प्रॉपर्टी का काम रहा है।
9वीं और 10वीं का वैकल्पिक अकादमिक कैलेंडर
नई दिल्ली। मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने माध्यमिक कक्षाओं के छात्र-छात्राओं की शैक्षणिक गतिविधियों के लिए वैकल्पिक अकादमिक कैलेंडर जारी किया है। यह अकादमिक कैलेंडर छात्रों की शिक्षा को सुचारु रखने के लिए एनसीईआरटी द्वारा बनाया गया है। कैलेंडर को छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों की मदद से तैयार किया गया है। इस कैलेंडर को साप्ताहिक आधार पर जारी किया जायेगा। इस कैलेंडर की सबसे प्रमुख बात यह है कि इन गतिविधियों की मैपिंग छात्रों की सीखने के प्रतिफलों के साथ की गई है। इसके द्वारा अभिभावक और अध्यापक बच्चों की प्रगति पर भी नजर बनाये रखेंगे और पाठ्यपुस्तकों के अलावा भी बच्चों को नई चीजें सीखने के लिए प्रेरित करेंगे।
इस कैलेंडर में अनुभव आधारित शिक्षा के लिए कला और शारीरिक शिक्षा के साथ साथ योग भी शामिल किया गया है। तनाव और चिंता को दूर करने के तरीके भी इस कैलेंडर में सुझाये गए हैं। फिलहाल ये कैलेंडर में चार भाषा के विषयों संस्कृत, उर्दू, हिंदी और अंग्रेजी को शामिल किया गया है। इस वैकल्पिक कैलेंडर में ई-पाठशाला, एनआरओईआर और दीक्षा पोर्टल पर अध्यायवार उपलब्ध सामग्री को भी शामिल किया गया है। मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल श्निशंकश् ने कहा, ष्इस कैलेंडर के माध्यम से अध्यापक विभिन्न तकनीकों और सोशल मीडिया प्लेटफार्म का प्रयोग करके घर से ही बच्चों को अभिभावकों की देख रेख में पढ़ा सकते हैं। हो सकता है कि कुछ लोगों के पास मोबाइल फोन पर या घर पर इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध ना हो और वो सोशल मीडिया का उपयोग ना करते हों ऐसे में इस वैकल्पिक कैलेंडर में अध्यापकों के लिए ये दिशानिर्देश भी हैं कि वो विद्यार्थियों को मोबाइल पर एसएमएस भेजकर या फोन पर कॉल कर के उनका मार्गदर्शन करें।
इंटरनेट सुविधा उपलब्ध होने की स्थिति में अध्यापक, अभिभावक और बच्चे व्हाट्सएप, फेसबुक, ट्वीटर, टेलीग्राम, गूगल मेल और गूगल हैंगऑउट द्वारा एक दूसरे से जुड़ सकते हैं और पढ़ाई जारी रख सकते हैं। कैलेंडर द्वारा सभी बच्चों जिनमें दिव्यांग भी शामिल हैं की सीखने की जरूरत का ध्यान रखा गया है। सभी बच्चों को ऑडियो बुक्स, रेडियो कार्यक्रमों, आदि के द्वारा छात्रों की जरूरतों को संबोधित किया जायेगा।
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